नवरात्री के तीसरे दिन माँ चन्द्रघण्टा की पूजा की जाती है। आज हम माँ चन्द्रघण्टा के बारे में जानेंगे।
आज नवरात्री का दूसरा दिन है यानि की माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा और आराधना का दिन। आज हम माँ ब्रह्मचारिणी के बारे में जानेंगे ।
चैत्र नवरात्री की शुरुआत आज से शुरू हो चुकी है जो की चैत्र मास की नवमी तिथि तक मनाया जायेगा। हमारे शास्त्रों के अनुसार नवरात्री में हर एक दिन देवी माँ के विशेष रूप की पूजा की जाती है, जिससे भक्त की हर मनोकामनाएं पूरी होती है। हर एक दिन हम जानेंगे माँ के किस स्वरुप की पूजा करनी चाहिए।
हम सबने नए वर्ष को जनवरी के महीने में मनाया है। लेकिन हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत तो चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है, जो की नव वर्ष का पहला दिन होता है। चैत्र नवरात्री की शुरआत भी नव वर्ष के पहले दिन से ही होती है। जो की 28 मार्च, मंगलवार से शुरू हो रही है। ये नौ दिन माँ देवी की उपासना का दिन है। नवरात्री के प्रथम दिवस सर्वप्रथम घट की स्थापना होती है, जिसमे ज्वारे(एक प्रकार का धन) बोएं जाते हैं। आइये आज हम जानें इसकी स्थापना की विधि:
पंचक जिसे हमारे ज्योतिष में अशुभ माना जाता है। जिसके अन्तर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व् रेवती नक्षत्र आते हैं। इसलिए पंचक के दौरान कुछ विशेष काम करने से माना किया जाता है। इस बार २५ मार्च, शनिवार को प्रातः काल ४ बजे पंचक शुरू होगा जो २९ मार्च, बुधवार को दोपहर ०१:०७ तक रहेगा। शनिवार से शुरू होने के कारण इस पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इसलिए आज हम जानेंगे कौन से काम नहीं करने चाहिए इसके दौरान तथा ये कितने प्रकार के हैं।
पुरे विश्व में वैसे तो कई शिव मंदिर है तथा उन्हें हर एक जगह उन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लेकिन इंडोनेशिया में स्थित मंदिर की एक अलग ही कहानी है। यह शिव मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्थित है। आज हम इसी शिव मंदिर के बारे में जानेंगे जो की १० वीं शताब्दी में बनी थी तथा जिसे प्रम्बानन मंदिर के नाम से जाना जाता है।
योग एक ऐसी प्रक्रिया जिससे न ही हमारा शरीर स्वास्थ्य रहता है बल्कि हमारा मन भी शांत और एकाग्र रहता है। योग के अनुसार यदि हमें एक आदर्श जीवन जीना है तो हमें अपने अंदर स्थित 7 चक्रों को जागृत करना और उसपे नियंत्रण करना होगा। आज हम इन्हीं 7 चक्रों के बारे में जानेंगे।
दक्षिणा यह शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले आता है ब्राह्मण को दिया जाने वाली चीजें, जो पूजा संपन्न होने के बाद या किसी धार्मिक या ज्योतिषी सलाह के बाद दिया जाता है। सिर्फ इतना ही इस शब्द का मतलब हमें समझ में आता है। इसलिए आज हम दक्षिणा का अर्थ क्या है और क्यों दिया जाता है दक्षिणा ये जानेंगे।
हमारे शास्त्र में कई सारे संस्कार बताये गए है। उन्हीं संस्कारों में से एक है नामकरण संस्कार। हमारे धर्म में ये एक महत्वपूर्ण संस्कार है। आइये आज हम इस संस्कार के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण के बारे में जानेंगे।
ॐ एक ऐसा शब्द, एक ऐसा उच्चारण जिसके अर्थ में इस पुरे ब्रह्मांड का अर्थ समाहित है। ॐ जो तीन अक्षरों से मिलकर बना है, अ, उ तथा म जिसके उच्चारण मात्र से जीवों के सभी कष्टों का अंत होता है। आज हम इस ॐ के महत्त्व के बारे में जानेंगे।
खरमास एक ऐसा महीना जिसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई ये सब वर्जित माना जाता है। जी हाँ खरमास का महीना आज से यानि की 14 मार्च 2017, मंगलवार से शुरू हो चुका है। जो अप्रैल महीने के 13 तारीख २०१७, गुरुवार तक रहेगा। इसे हम मल मास के नाम से भी जानते हैं। आज हम जानेंगे की क्यों इसे श्री हरी ने अपना नाम दिया। और इस एक महीने क्या करने से हमें लाभ प्राप्त होगा।
चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। और इस महीने की शुरुआत रंगों के पर्व होली से होती है। इस महीने होली का पर्व 13 मार्च, सोमवार को है। हमारे शास्त्र में रंग को ज्योतिष से भी जोड़ा गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राशि अनुसार रंगों के पर्व होली को खेलने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइये आज हम जाने किन राशि वालों को किस रंग से होली खेलनी चाहिए।