जानिए माँ पार्वती जी के बारे में क्या राज़ छुपा है इंडोनेशिया के शिव मंदिर में ?

पुरे विश्व में वैसे तो कई शिव मंदिर है तथा उन्हें हर एक जगह उन्हें अलग-अलग नामों से जाना जाता है। लेकिन इंडोनेशिया में स्थित मंदिर की एक अलग ही कहानी है। यह शिव मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्थित है। आज हम इसी शिव मंदिर के बारे में जानेंगे जो की १० वीं शताब्दी में बनी थी तथा जिसे प्रम्बानन मंदिर के नाम से जाना जाता है।

 

मंदिर की कहानी:

इस मंदिर में भगवान शिव के साथ के देवी की मूर्ति स्थापित है जिसे देवी दुर्गा का रूप माना जाता है। कहाँ जाता है की एक समय जावा पे प्रबु बका नाम का एक दैत्य राज करता था जिसकी एक सुन्दर सी बेटी थी, जिसका नाम रोरो जोंग्गरंग था। दैत्य राज की बेटी से एक व्यक्ति शादी करना चाहता था, जिसका नाम बांडुंग बोन्दोवोसो था। लेकिन दैत्य राज की बेटी को ये पसंद नहीं था। इसलिए उसने एक शर्त राखी की यदि वो एक रत में 1000 मूर्तियां बनाएगा तो वो उससे शादी करेगी। इस शर्त को पूरा करने के लिए बांडुंग ने एक रात में 999 मूर्तियां बना लिया था और आखरी मूर्ति को बनाने जा रहा था यह देखकर रोरो जोंग्गरंग ने पुरे शहर के चावल के खेतों में आग लगवा दी ताकि वो समय दिन के सामान उजाला हो गया। इससे देखकर वो दोख खा गया और वो आखरी मूर्ति नहीं बना सका तथा वो शर्त हार गया। जब बांडुंग को इस बात की सच्चाई पता चली तो उसने रोर जोंग्गरंग को आखरी मूर्ति बन जाने का श्राप दे दिया। प्रम्बानन मंदिर में रोरो की इसी मूर्ति को देवी दुर्गा मान कर पूजा की जाती है।

इस मंदिर को रोर जोंग्गरंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

 

विराजमान हैं त्रिदेव:

इस मंदिर में तीन मुख्य मंदिर है जिसमें एक ब्रह्म देव का, एक विष्णु देव का तथा एक शिव भगवान का है। यहाँ स्थापित त्रिदेवों के वाहन की भी मूर्तियां है जो उनके बिलकुल सामने हैं। ब्रह्म देव के वाहन हंस, विष्णु देव के वाहन गरुड़ तथा महादेव के वहां नंदी। त्रिदेवों के मुख पूर्व की और है तथा उनके वाहन का मंदिर पश्चिम दिशा में है।

 

मंदिर की बनावट:

इस मंदिर में स्थित महादेव मंदिर बहुत बड़ा तथा सुन्दर हैं जो की तीनों देवों के मंदिरों के मध्य में स्थित है। श्री हरी का मंदिर शिव मंदिर के उत्तर में तथा ब्रह्म देव का मंदिर महादेव के दक्षिण में स्थित है। शिव मंदिर में चार कमरे हैं जिसमें एक कमरे में महादेव की मूर्ति है, दूसरे कमरे में उनके शिष्य अगस्त्य की मूर्ति, तीसरे कमरे में माँ पार्वती की मूर्ति तथा चतुर्थ कमरे में श्री गणेश की मूर्ति स्थापित है।

इस मंदिर की बनावट तथा सुंदरता देखने लायक है क्योंकि मंदिर के दीवारों पे हिन्दू महाकाव्य रामायण के चित्र बने हुए हैं, जो रामायण की कहानियों को दर्शाते हैं। इसकी कलाकारी इसकी सुंदरता को और आकर्षक बनाते हैं।

 

कहाँ है:

यह मंदिर शहर से लगभग 17 कि. मी. दूर स्थित है।