सिंहस्थ नज़दीक हैं सारे साधु-संत, ऋषि-महर्षि, नागा बाबा और भक्त गण लोगों का आना शुरू हो चुका हैं| और महाकाल की नगरी उज्जैन अपने बाहें फेलाए खड़ा हैं इन सभी लोगों का स्वागत करने ले लिए तो चलिए आज हम आपको बताते हैं सिंहस्थ मे आने वालें संत श्रीमहंत राम गिरिजी महाराज के बारे मे |
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Month: March 2016
आज हम आपको तिरुपति बालाजी से संबंधित कुछ बातें बताएँगे जिस सबसे आज तक आप अन्भिग्य थे| आज उनसे जुड़ी १० चीज़ों के बारे मे आप जान कर आश्चर्य हो जाएँगे| तिरुपति बालाजी का मंदिर आंद्र-प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ों मे है| इस मंदिर मे बहुत बड़े और अमीर लोग आते हैं और दान भी करते हैं, इस कारण से आज ये मंदिर अमीर मंदिर मे गिना जाता हैं| इस मंदिर से बहुत सारी मान्यताएँ जुड़ी हैं जो आप माने या ना माने लेकिन वहाँ के भक्त इन्हें बहुत मानते हैं| तो चलये आज हम आपको इस रहस्य से संबंधित बातें बताते हैं:-
आज हम आपको बताएँगे की हमे क्यों और किस प्रकार से पूर्व जन्मों के फल प्राप्त होते हैं| हम पूर्व जन्म मे क्या किया और उसके क्या परिणाम हमे इस जन्म मे मिलेंगे| ये सारी चीज़ें हम आज आपको बताएँगे|
किसी भी जीव हो या मनुष्य सभी को अपने पुराने कर्म और पाप-पुण्य को परिणाम भुगतना पड़ता है| मनुष्य की जब मृत्यु होने वाली होती है तब उस समय जो कुंडली बनती हैं, उसे पुण्य-चक्र कहतें हैं| ये इस लिए बनाई जाती हैं क्योंकि इससे मनुष्य के अगले जन्म की जानकारी पता चलती हैं की उसका जन्म कब और कहाँ होगा|
आज हम आपको आपकी मृत्यु से संबंधित कुछ बातें बताएँगे की किस प्रकार आप जाने की आपकी मृत्यु निकट है| क्योंकि कोई भी हो सभी को अपने मृत्यु के संकेत और पूर्वाभास होता है| कहा जाता है की परविज्ञान के मदद से हम जान सकते हैं की कब हमारी मृत्यु हो सकती है| हमारी मृत्यु के संकेत हमारे जन्म से संबंधित है जैसे सामान्य तौर पे हमे अपनी मृत्यु के संकेत नौ महीने पहले से होने लगते हैं लेकिन अगर कोई अपने माँ के गर्भ मे ७ महीने रहा हो तो उसे उसकी मृत्यु के संकेत ७ महीने पहले ही होने लगते हैं| हमारे शास्त्र मे मृत्यु पूर्वाभास के कई तरीके बताए गये हैं| इसलिए हम आपको मृत्यु पूर्वाभास के कुछ संकेत के बारे मे बताएँगे जो आपको आपके मृत्यु के संकेत को बताएगा |
आज हम आपको हनुमान जी के ऐसे मूर्ति स्वरूप के बारे मे बताएँगे जो नारियल को खुद ही दो भागों मे तोड़ देती है|
गुजरात के बोटाद शहर के नज़दीक सारंगपुर मे स्थित लोकप्रिय हनुमान मंदिर हैं जो खुद ही अपने आप मे अनूठा है| यहाँ पे भक्तों की हमेशा ही भीड़ उपस्थित रहती है| यहाँ पे कहा जाता है की हनुमान जी को नारियल चढ़ाने से भक्तों की सारी मनोकामनाएँ पूरी होती है| इस मूर्ति की खास विशेषता ये है की जब भक्त हनुमान जी को नारियल का भोग लगाने के लिए जब उनके मुख द्वार पे नारियल को रखते हैं तो नारियल दो भागों मे विभक्त हो जाता है खुद ही| नारियल का आधा भाग हनुमान जी की मूर्ति के हाथ द्वारा निकल जाता है और दूसरा हिस्सा भगवान को अर्पित हो जाता है|
आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे मे बताएँगे जहाँ मूर्ति से दूध जैसे पदार्थ निकल रहा है| जी हाँ ये घटना ग्वालियर के एक हनुमान मंदिर की है | इस हनुमान मंदिर मे हनुमान जी के प्रतिमा से दूध जैसा कोई तरल पदार्थ निकल रहा है|
आज हम आपको कृष्ण के नगरी मथुरा-वृंदावन की होली के बारे मे बताएँगे और ये भी बताएँगे की क्यों, कब और कितने प्रकार की होली मनाई जाती है| होली एक बहुत बड़ी और महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है और बहुत मज़े करने वाला पर्व है| अगर आप होली मानने की सोच रहें है और होली को अपने कमेरे मे क़ैद करना चाहते हैं तो हम आपको मथुरा और वृंदावन की होली को मानने के लिए कहेंगे| वैसे भारत मे हर एक जगह मे होली की बात ही कुछ और है, लेकिन मथुरा और वृंदावन की होली बहुत लोकप्रिय है और ये होली पूरे 7 दीनो तक चलती है| चलये आज हम आपको वहाँ की होली के बारे मे बताएँगे|
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गाय हिंदू धर्म मे एक पवित्र पशु माना जाता है और उन्हें पूजा भी जाता है| गाय को हिंदू मान्यताओं के अनुसार माँ के नाम से पुकारा भी जाता है क्योंकि गाय से मिलने वाले दूध को अमृत के समान माना जाता है| इसलिए गाय को मनुष्य का पालन हार कहा गया है| लेकिन क्या आपको ये पता है की ये रिवाज आज के जमाने का नही है| ये तो दशकों पूर्व का रिवाज है| तो चलये आज इसकी पीछे छुपे इतिहास को जानते हैं क्यों और किस लिए गाय को माँ नाम से पुकारा जाता है और उन्हें पूजा जाता है|
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हमारे भारत मे जन्म से लेकर मृत्यु तक और सगाई से लेकर शादी तक भारत मे इन सभी चीज़ों से संबंधित बहुत सारी परंपराएँ हैं और हम जानते भी नही है की क्यों हम इन चीज़ों का उपयोग करते हैं और क्या लाभ हैं इन चीज़ों का उपयोग करने से?
इसलिए आज हम आपको शादी से संबंधित कुछ परंपराओं के उपयोग करने का वैज्ञानिक कारण बताएँगे|
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आज हम आपको भगवान शिव जी से जुड़ी कुछ बातें बताएँगे| आज हम आपको बताएँगे की क्यों और किस लिए भगवान शिव को भी पिटाई पड़ी| ये कहानी शिव जी और उनके भक्त विधापति से संबंधित है |
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आज हम आपको गुरुवार दिन से संबंधित कुछ बातें बताएँगे| हम गुरुवार के दिन बहुत ऐसे काम करते हैं जो हमारे लिए फयदेमंद नही रहता है|
गुरुवार हमारे शास्त्र के अनुसार धर्म का दिन माना जाता है| ब्रह्मांड मे स्थित नव ग्रहों मे से गुरु ग्रह को सबसे भारी ग्रह के नाम से जाना जाता है इसलिए अगर हम अपने घर मे ऐसा कोई काम करते हैं जिससे घर और शरीर मे हलकापन आए तो इससे हमारा गुरु ग्रह का प्रभाव हल्का हो जाता है| या यूँ कहे की गुरु तत्व का प्रभाव कम हो जाता है| गुरु शब्द धर्म व ज्ञान से संबंधित होता है इसलिए अगर गुरु ग्रह का प्रभाव कम हुआ या गुरु ग्रह कमजोर हुआ तो शिक्षा मे असफलता मिलती है|
क्या कार्य नुकसान पहुचा सकते हैं गुरुवार को:
शास्त्रों के अनुसार गुरुवार को महिलाओं को बाल धोने नही चाहिए, क्योंकि उनकी जन्मकुंडली मे गुरु ग्रह संतान और पति का कारक होता है| गुरुवार को किया गया यह कार्य प्रत्येक महिलाओं के पति और संतान की उन्नति को रोकता है| गुरुवार के दिन सिर्फ़ महिलाओं को ही नही हर किसी को गुरुवार के दिन ना ही बाल धोने चाहिए और ना ही कटवाने चाहिए| इससे बृहस्पति के शुभ प्रभाव मे कमी होती है|
हमारे शास्त्र मे गुरु ग्रह को जीव कहा गया है, जिसका मतलब जीवन होता है| और जीवन मतलब आयु| इसलिए गुरुवार के दिन ना ही नाख़ून काटना चाहिए और ना ही शेविंग करनी चाहिए, इससे गुरु प्रभाव तो कम होता ही है और साथ-साथ जीवन शक्ति भी दुष्प्रभावित होती है|
जिस प्रकार हमारे शरीर पे ग्रह का प्रभाव होता है उसी प्रकार हमारे घर पे भी इस ग्रह का प्रभाव होता है| वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के ईशान कोण का स्वामी गुरु ग्रह होता है और कहा जाता है की ये कोण परिवार के नन्हे बच्चों से संबंधित होता है| इसलिए गुरुवार के दिन घर मे ना ही कपड़े धोने चाहिए और ना ही घर को धोना और पोछना चाहिए| नही तो इससे छोटे बच्चों पर बहुत गहरा प्रभाव होता है|
गुरुवार का दिन लक्ष्मी-नारायण के नाम से जाना जाता हैं| इसलिए इस दिन अगर लक्ष्मी-नारायण की पूजा की जाय तो इससे धन की वृधि भी होती है और घर मे सुख-शांति का वास होता है| और अगर इस दिन कोई ऐसा कम किया जाय जो गुरुवार के दिन नही करना चाहिए तो घर मे दरिद्रता फेलता है और माँ लक्ष्मी की कृपा नही होती हैं|
केश को धोना, कपड़े धोना, बाल कटवाना, नाख़ून काटना, घर मे पोछा लगाना, शेविंग करना ये सब अगर गुरुवार के दिन किया जाय तो ये आपके गुरु ग्रह को कमजोर कर सकते हैं|
प्रमोशन की प्राप्ति के लिए:
अगर कुंडली मे गुरु ग्रह अच्छे और मजबूत स्थिति मे है तो आपके प्रमोशन या वेतन भी बढ़ सकता है| अगर अपने गुरुवार के दिन ना करने वाले कार्य किए तो आपका प्रमोशन रुक सकता है या घाट सकता है|
Holika Dahan or the lighting of campfire happens on the eve of Holi. The day is additionally famously called ‘Chhoti Holi’ or the ‘Little Holi’.The greater occasion – play with the colors happens on the following “enormous” day.

