हिंदू शादी के रीति रिवाजो का वैज्ञानिक प्रमाण

हमारे भारत मे जन्म से लेकर मृत्यु तक और सगाई से लेकर शादी तक भारत मे इन सभी चीज़ों से संबंधित बहुत सारी परंपराएँ हैं और हम जानते भी नही है की क्यों हम इन चीज़ों का उपयोग करते हैं और क्या लाभ हैं इन चीज़ों का उपयोग करने से?
इसलिए आज हम आपको शादी से संबंधित कुछ परंपराओं के उपयोग करने का वैज्ञानिक कारण बताएँगे|

मेहंदी लगाना:

हम शादी मे मेहंदी क्यों उपयोग करते है, क्योंकि मेहंदी एक औषधि है| वैज्ञानिक के अनुसार मेहंदी मे आंटिसेपटिक गुण पाए जातें हैं| ये हमारे शरीर को ठंडक पहुचाने का काम करता है| इस औषधि मे इतने औषधिए गुण हैं की ये कई प्रकार के संक्रमण और हानिकारक वायरल से बचाता है| इसे शादी मे इसलिए उपयोग करते हैं क्योंकि ये वर-वधू दोनों को शादी के समय सर दर्द, बुखार, तनाव से मुक्ति प्रदान करते हैं|

हल्दी:

हल्दी एक प्रकार की औषधि हैं इसे हम कई चीज़ों और कई जगहों पे भी उपयोग करते हैं| इसे शादी मे वर-वधू की प्राकृतिक निखार लाने के लिए नज़र से बचाने के लिए उपयोग किया जाता है| इसका वैज्ञानिक कारण ये है की इसके अंदर उत्तम औषधिए गुण पाया जाता हैं जो बहुत हानिकारक वेक्टीरिया को मारकार त्वचा मे निखार लता हैं|

मांग में सिंदूर:

सिंदूर हमारे संस्कृति मे एक महत्वपूर्ण भाग हैं जो सुहागन स्त्रियों के सौभाग्य को दिखता है| साधारण बातें ये है की इसका उपयोग एक स्त्री के शादी शुदा होने को दर्शाता है| लेकिन इसके वैज्ञानिक कारण ये है की सिंदूर मे बहुत सारे औषधिए तत्व जैसे हल्दी, चूना, कुछ धातु और पारा होते हैं | हल्दी के गुण तो हमे बता है| पारा का उपयोग शरीर को ठंडा पहुँचाने के लिए किया जाता है और शरीर को आराम दिलाने के लिए किया जाता है| सिंदूर .यौन इच्छा को बढ़ाने मे भी उपयोग किया जाता है| इसलिए सिंदूर को विधवा और कुमारी कन्याओं को लगाने से मना किया जाता हैं|

बिछुए पहनना:

हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर एक कन्या को शादी के समय बिछुए को अपने पैर के दूसरी उंगली मे पहनना ज़रूरी होता हैं| लेकिन इसके दो वैज्ञानिक कारण हैं – पहला बिछुए चाँदी के बने होते हैं जो पृथ्वी के ध्रुविये उर्जा का शरीर मे स्थानांतरित करने मे उपयोग होता हैं| और दूसरा पैर के दूसरी उंगली मे बहुत खास प्रकार की नस होती हैं जो सीधा गर्भाशय से दिल तक जाता है और ये गर्भाशय को मजबूत करने मे सहायक होता है| ये मासिक धर्म चक्र को नियन्तरित और नियमित करने मे सहायक होता हैं|

चूड़ियां पहनना:

चूड़ियां ये सुहागन स्त्रियों के लिए बहुत ज़रूरी और अनिवार्य माना गया है हिंदू रिवाजों मे| लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण ये है की जब कोई स्त्री चूड़ी पहनती है तो चूड़ी पहनने से कलाई के एक्यूप्रेशर पॉइंट दब जातें हैं जो हमारे स्वस्थ के लिए अच्छा होता है| चूड़ी के घर्षण से रक्‍तसंचार की गति ठीक रहती हैं|

सात फेरे :

अग्नि के चारों और फेरे लेने के बहुत सारे वैज्ञानिक कारण है जैसे जब अग्नि जलती हैं तो उसमे डालने वालें सारे चीज़ों का एक बहुत बड़ा रहस्य है| उसमे डालने वालें चीज़ों से आसपास का वातावरण शुध्ध होता है और उस जगह के सारे वेक्टीरिया ख़त्म हो जातें है और वहाँ उपस्थित सारे लोगो के स्वास्थ्य अच्छे होते हैं