तिरुपति बालाजी के ऐसे रहस्य जिनसे आप आज तक थे अनजान

आज हम आपको तिरुपति बालाजी से संबंधित कुछ बातें बताएँगे जिस सबसे आज तक आप अन्भिग्य थे| आज उनसे जुड़ी १० चीज़ों के बारे मे आप जान कर आश्चर्य हो जाएँगे| तिरुपति बालाजी का मंदिर आंद्र-प्रदेश के तिरुमाला पहाड़ों मे है| इस मंदिर मे बहुत बड़े और अमीर लोग आते हैं और दान भी करते हैं, इस कारण से आज ये मंदिर अमीर मंदिर मे गिना जाता हैं| इस मंदिर से बहुत सारी मान्यताएँ जुड़ी हैं जो आप माने या ना माने लेकिन वहाँ के भक्त इन्हें बहुत मानते हैं| तो चलये आज हम आपको इस रहस्य से संबंधित बातें बताते हैं:-

१) मांदिर मे मुख्य द्वार के दरवाजे के दाईं ओर एक छड़ी है| इस छड़ी के बारे मे कहा जाता है की इस छड़ी से बालाजी के बाल रूप मे पिटाई की गई थी जिस कारण-वश उनकी ठोड़ी पे चोट लग गई तबसे आज तक उनके ठोड़ी पे हमेशा से चंदन का लेप लगाया जाता है, ताकि उनका घाव भर जाए|

२) जब आप दर्शन करने के लिए बालाजी के इस मंदिर मे जाएँगे तो आप आश्चर्य मे पड़ जाएँगे क्योंकि जब आप बालाजी के मूर्ति को गर्भ-गृह से देखेंगे तो पाएँगे की भगवान की मूर्ति मंदिर के गर्भ-गृह के मध्य मे स्थित है, लेकिन जब आप इसे बाहर आकर देखेंगे तो पाएँगे की मूर्ति मंदिर के दाईं और स्थित है|

३) मान्यता है की कभी भी मूर्ति के पुष्प को नही देखना चाहिए, इस कारण वश जब आप मंदिर मे दर्शन के लिए जाएँगे तो आप देखेंगे की मंदिर के पुजारी पूरे दिन-भर पुष्प को पीछे फेकतें रहते हैं और उसे कभी भी देखते नही हैं| वो इसलिए क्योंकि पुष्प को देखना अच्छा नही माना जाता है|

४) जब 18 वीं शताब्दी चल रही थी तब इस मंदिर को पूरे 12 वर्षों के लिए बंद कर दिया गया था, क्योंकि उस वक्त वहाँ के राजा ने कुल१२ लोगो को मौत की सज़ा दिया और उन्हें मंदिर के गेट पे लटका दिया| इस बात से क्रोधित होकर कुध भगवान बालाजी प्रकट हुए|

५)  कहा जाता है की इस मंदिर मे उपस्थित जो बालाजी की मूर्ति है उनके बाल असली है और ये कभी भी उलझते नही हैं और हमेशा मुलायम रहतें है| लोगों का मानना है की ऐसा इसलिए है क्योंकि यहाँ पे खुद भगवान वीराजते हैं|

६) भगवान बालाजी की मूर्ति पे अगर कान लगा के सुना जाए तो आप आश्चर्य-चकित हो जाएँगे क्योंकि जब आप कान लगाएँगे तो आपको समुद्र की आवाज़ सुनाई देगी और इसी कारण वश हमेशा बालाजी की मूर्ति हमेशा ही नम रहती हैं|

७) मूर्ति पर जीतने भी फूल-पत्ती या तुलसी के पत्ते चढ़ाते हैं वो सबके सब भक्तों को ना देकर पीछे उपस्थित कुएँ मे डाल दिया जाता हैं| क्योंकि उसे रखना या खाना अच्छा नही माना जाता हैं|

८) प्रत्येक गुरुवार के दिन स्वामी बालाजी को पूर्ण रूप से पूरा का पूरा चंदन का लेप लगाया जाता है और जब उसे हटाया जाता है तब वहाँ खुद-ब-खुद ही माता लक्ष्मी की प्रतिमा उभर आती हैं ये आज तक नही पता चल पाया हैं ऐसा क्यों होता हैं|

९) बालाजी के इस मंदिर मे एक दिया बिना बुझे निरंतर जलता रहता है| सोचने और आश्चर्य करने वाली बात ये है की आज तक ये पता नही चल पाया है की आख़िरकार कब और किसने इस दिए को जलाया है, क्योंकि ये दीया वर्षों से जलता ही आ रहा है|

१०) बालाजी के मूर्ति पे कर्पुर को मिलकर बनाया गया पचाई कर्पुरम चढ़ाया जाता हैं| अगर इसे किसी भी पत्थर पर चढ़ाया जाता हैं तो वो कुछ समय के बाद ही चटक जाता है, लेकिन जब यही कर्पुरम स्वामी बालाजी को चढ़ाया जाता है तो कुछ भी प्रभाव मूर्ति पे नही होता है|