सिंहस्थ मे अजब-गजब तरीकों से असाध्य रोगों का ईलाज

सिंहस्थ नज़दीक हैं सारे साधु-संत, ऋषि-महर्षि, नागा बाबा और भक्त गण लोगों का आना शुरू हो चुका हैं| और महाकाल की नगरी उज्जैन अपने बाहें फेलाए खड़ा हैं इन सभी लोगों का स्वागत करने ले लिए तो चलिए आज हम आपको बताते हैं सिंहस्थ मे आने वालें संत श्रीमहंत राम गिरिजी महाराज के बारे मे |

जिन्हें  बाबा डंडा के नाम से जाना जाता हैं| कहा जाता है की बाबा के इस डंडे से 36 प्रकार के रोगों से मुक्ति मिल सकती हैं| तो अगर आपको किसी पुरानी रोगों ने परेशान किया हुआ है तो आप ज़रूर उज्जैन पधारें| बाबा ने बताया है की जब से उन्होने सन्यास लिया है तब से उनके पास ये डंडा हैं जिसमे इतनी शक्ति हैं की इससे 36 रोगों का ईलाज हो सकता हैं| एक बार किसी ने ये डंडा चोरी कर लिया था, लेकिन कुछ समय के बाद ये पुनः प्राप्त हो गया|

बाबा ने उज्जैन आते ही बड़नगर रोड पर स्थित मुल्लापुरा के पास उन्होने सिंहस्थ पड़ाव स्थल पर पड़ाव डालने से पहले उन्होने उस भूमि का पूजन किया| उन्होने ये भी कहा है की प्रत्येक दिन उनके पंडाल मे योग, हवन, रासलीला और अन्नक्षेत्र का संचालन होगा| बाबा ने कहा है की प्रशासन से अनुमति लेने के बाद वो सिंहस्थ मे ही ७ दिन की समधी लेंगे| और उन्होने ये भी कहा है की अगर कोई भी संकट या चंडाल योग आएगा तो वो खुद ही ख़त्म हो जाएगा क्योंकि ये महाकाल की नगरी हैं यहाँ कुछ भी समस्या नही होगी|

उन्होने कहा है की प्रत्येक दिन 108 पार्थिव शिवलिंग का निर्मांकिया जाएगा और रुद्राभिषेक और पूजा करने के बाद उसे विसर्जन किया जाएगा| वन विभाग सिंहस्थ में आने वाले पंजीकृत अखाड़ों में ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व की धर्मध्वजा की व्यवस्था की जा रही है, जिसकी लंबाई 52 हाथ (65 फीट) है,  इसके लिए वन मंडल उज्जैन एवं देवास के क्षेत्रों से नीलगिरी के वृक्ष भी मंगवाए हैं।

बाबा ने कहा है की सभी लो कुंभ मे आए इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने पूरे भारतवर्ष मे सिंहस्थ का प्रचार करने के लिए भारतीय रेलवे के साथ मिलकर ट्रेन मे भी सिंहस्थ का प्रचार सुरू कर दिया हैं| सबसे पहले पंजाब मेल से इस कम की शुरुआत की गई| ट्रेन मे सिंहस्थ महाकुंभ की तस्वीरें और महाकालेश्वर मंदिर के शिप्रा आदि के तस्वीरें और प्रदर्शनी शुरू की गई हैं| पंजाब मेल के अतिरिक्त चार और अन्य ट्रेन मे ये प्रचार शुरू किया गया है| ये ट्रेन हैं :-बलपुर से राजकोट जाने वाली वीरावल एक्सप्रेस, मुंबई से दरभंगा बिहार जाने वाली पवन एक्सप्रेस, भुवनेश्वर उड़ीसा से मुंबई की तरफ जाने वाली कोणार्क एक्सप्रेस एवं गोरखपुर से उत्तरप्रदेश जाने वाली कुशीनगर एक्सप्रेस |