वास्तु शास्त्र जो हमें घर के निर्माण से लेकर उस घर में किस स्थान पे वास्तु को रखना शुभ और फायदेमंद होगा उसको बताता है। प्रत्येक घर में एक भाग मंदिर के लिए होता है। इसलिए मंदिर के निर्माण के समय भी कुछ नियमों का पालन करना बेहद आवश्यक है। वास्तु के अनुसार आज जानेंगे किस दिशा में मंदिर की स्थापना करना चाहिए तथा किस दिशा में देवी-देवता की की मूर्ति होना शुभ फल प्रदान करने वाला होता है।
Month: May 2017
ज्योतिष विद्या जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति के स्वभाव को समझने तथा उनके भविष्य के रहस्य को सुलझाने में प्रयोग होता है। मनुष्य के जन्म के समय और उस तिथि के द्वारा उसके कुंडली का निर्माण किया जाता है। हस्तरेखा के द्वारा भी किसी व्यक्ति के वर्तमान को समझा जा सकता है। ऐसे ही भारतके प्राचीन विद्याओं में एक और विद्या है समुद्र शास्त्र। आइये आज हम जानते हैं किस प्रकार व्यक्ति के शारीरिक बनावट, शरीर में स्थित चिन्ह या उसके हाव-भाव से उस व्यक्ति के भविष्य और उसका वर्तमान जान सकते हैं।
जब भी हम घर का निर्माण करते हैं तब हम कई सारी चीजों को देखते और समझते हैं ताकि हमारा घर सबसे मजबूत और अच्छा हो। लेकिन शास्त्रों के अनुसार घर में उपयोग किये गए रंग भी हमारे घर के सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के लिए जिम्मेदार होते हैं। वैसे घर में रंगों का प्रयोग हम कई तरीकों से करते हैं। जैसे घर के दीवारों से लेकर पर्दों तक, घर में राखी गई वास्तु से लेकर फर्श का रंग भी वास्तु के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए आज हम घर में किस तरह के फर्श का उपयोग करें, आज जानेंगे।
आज वैशाख माह की पूर्णिमा है। शास्त्रों में बताया गया है की प्रत्येक पूर्णिमा के दिन यदि किसी पवित्र नदी में स्नान किया जाए तो स्नान करने वाले को अक्षय पुण्य प्राप्त होता है एवं किये गए पापों का प्रभाव कम होता है। आइये आज हम जाने उन उपायों के बारे में जिसके द्वारा हम देवी-देवताओं के आशीष को प्राप्त कर सकते हैं।
कल यानि की 10 मई को वैशाख माह की पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। मान्यता अनुसार भगवान बुद्ध (बौद्ध धर्म के संस्थापक) का जन्म वैशाख माह में हुआ था। इसलिए इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।
10 मई को वैशाख महीने की पूर्णिमा है जिस दिन बुधादित्य योग का महासंयोग बन रहा है। ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा योग 297 वर्षों के बाद आ रहा है। ये योग शास्त्रों के अनुसार बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि ऐसे संयोग बहुत ही दुर्लभ होते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन पुण्य स्नान, दान-पुण्य और लुक शुभ चीजों की खरीदी के लिए उत्तम है। आइये आज हम इस पूर्णिमा के बारे में जानते हैं।
6 मई यानि शनिवार के दिन इस बार एकादशी है जिसे मोहिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार एकादशी शनिवार होने के कारन इस दिन श्री हरी की उपासना के साथ-साथ यदि शनि के उपाय किये जाए तो उत्तम साबित हो सकता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस शनिवार किये गए उपायों से शनि के दोष कम होते हैं। आइये आज हम इसी उपायों के बारे में जानेंगे।
जीवन में कभी न कभी कोई न कोई समस्या जरूर आती है। इस संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो परेशानियों का शिकार न हुआ हो। इन समस्याओं को या तो कुछ लोग अपना भाग्य समझकर बैठ जाते हैं। लेकिन हमारे शास्त्रों में सभी समस्या का समाधान उपलब्ध है। चाहे हम इसे तत्न्त्रिक उपायों के द्वारा करें या वैदिक उपायों के द्वारा। आर्थिक तंगी से आज के समय में ज्यादा लोग परेशान हैं। धन प्राप्ति के लिए हम हर संभव उत्तम उपाय करते हैं। इसलिए आज हम धन का संचय और उसकी प्राप्ति के लिए कनकधारा स्त्रोत के पाठ के बारे में जानेंगे।
हमने अपने पूर्वजों से सुना है की मनुष्य का नेचर कभी नहीं बदलता। उसकी प्रकृति उसके बारे में सबकुछ हमें बता देती है। लेकिन आज हम जानेंगे की किस प्रकार किसी के सिग्नेचर अर्थात हस्ताक्षर से उसके नेचर के बारे में जान सकते हैं।
सुन्दरकाण्ड तुलसीदास द्वारा रचित श्री रामचरित्र मानस के सात काण्ड(अध्याय) में सबसे महत्वपूर्ण अध्याय है। माना जाता है की मनुष्य के जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानी क्यों न हो, यदि उस समय सुन्दरकाण्ड का पाठ किया जाए तो सारी परेशानियों का नाश होता है।आइये आज हम सुन्दरकाण्ड पाठ के बारे में जानते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कई सारे ऐसे उपाय हैं जिनका उपयोग हम करें तो किसी भी वास्तु के दोष का असर हमारे ऊपर नहीं पड़ेगा। वास्तु शास्त्र हमें यह बताता है की घर या व्यवसाय इन जगहों पे किस चीजों को रखना हमारे घर और व्यवसाय के लिए उत्तम होगा। इसलिए आज हम घर और ऑफिस से सम्बंधित वास्तु दोषों के बारे में जानेंगे।

