वास्तु अनुसार जानिए घर में किस रंग के फर्श का उपयोग करने से होंगे फायदे

जब भी हम घर का निर्माण करते हैं तब हम कई सारी चीजों को देखते और समझते हैं ताकि हमारा घर सबसे मजबूत और अच्छा हो। लेकिन शास्त्रों के अनुसार घर में उपयोग किये गए रंग भी हमारे घर के सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा के लिए जिम्मेदार होते हैं। वैसे घर में रंगों का प्रयोग हम कई तरीकों से करते हैं। जैसे घर के दीवारों से लेकर पर्दों तक, घर में राखी गई वास्तु से लेकर फर्श का रंग भी वास्तु के अनुसार बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए आज हम घर में किस तरह के फर्श का उपयोग करें, आज जानेंगे।

 

वास्तु के अनुसार यदि हम अपने घर के हर एक दिशा फर्श लगाना चाह रहे हैं तो हमें फर्श के रंग को सोच कर लगाना चाहिए। किस दिशा में किस रंग के पत्थर हो की वो सकारत्मकता बनाये रखे। क्योंकि घर में हम रंगो को बदल सकते हैं लेकिन घर में उपयोग किये गए पत्थर को नहीं। आइये जाने फर्श और दीवारों के पत्थर कैसे हो?

 

फर्श में उपयोग किये जाने वाले पत्थर:

आइये जानें किस दिशा में किस रंग के पत्थर होने चाहिए।

उत्तर दिशा:

हमारे घर का उत्तर दिशा सबसे महत्वपूर्ण होता है। शास्त्रों के अनुसार यदि हमारे घर का यह दिशा सही है तो इसी एक दिशा के सही होने से घर में कई सारे खुशहाली आती है। क्योंकि यह दिशा शास्त्र के अनुसार धन कुबेर का स्थान माना जाता है। इसलिए इस दिशा में गहरे काले रंग का पत्थर फर्श पर लगवाना चाहिए। यह घर में स्थित सदस्यों को खुशहाली के साथ-धन पूर्ति भी करता है।

 

उत्तर-पूर्व दिशा:

शास्त्रों के अनुसार इस दिशा में भगवन शिव का वास होता है तथा भोलेनाथ को नीले व् आसमानी रंग सबसे ज्यादा पसंद है, इसलिए इस दिशा में गहरे नीले या आसमानी रंग के फर्श बनवाने चाहिए।

 

पूर्व दिशा:

यदि हमारे घर का यह दिशा ठीक हो तो घर के प्रधान के ऊपर देवराज इन्द्र की कृपा बनी रहती है। तथा इस दिशा में सूर्य का उदय होता है, इसलिए इस दिशा के सही होने से पुरे समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसलिए इस दिशा के फर्श गहरे हरे रंग के होने चाहिए। इस दिशा में माँ लक्ष्मी का वास होता है।

 

दक्षिण-पूर्व दिशा:

यह दिशा शास्त्र अनुसार भगवन ब्रह्म देव को समर्पित है। इसलिए इस दिशा में यदि बैंगनी कलर के फर्श का उपयोग किया जाए तो उत्तम है।

 

दक्षिण दिशा:

ये दिशा शास्त्र अनुसार नर्क की दिशा मणि जाती है।इसलिए हमने कहा जाता है की कभी भी घर का प्रवेश द्वार इस दिशा में नहीं बनाना चाहिए। तथा इस दिशा में शयनकक्ष नहीं होना चाहिए। इस दिशा में मृत्यु के देव याम का वास होता है और यह अग्नि की दिशा है। इसी कारण से इस दिशा में अग्नि के जैसे आकर्षक रंग यानि गहरे लाल रंग का फर्श सही माना गया है।

 

दक्षिण-पश्चिम दिशा:

यह दिशा दक्षिण के विपरीत है। इसलिए इस दिशा में यदि हलके गुलाबी रंगों का प्रयोग किया जाए तो उत्तम है।

 

पश्चिम दिशा:

इस दिशा में माँ लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए यह दिशा सभी दोषों और कूड़े से मुक्त होना चाहिए। यदि घर के पश्चिम दिशा में सफेद रंग के फर्श हो, तो ये सबसे उत्तम माना गया है।

 

उत्तर-पश्चिम दिशा:

यह दिशा भगवन वायु देव को समर्पित है। इसलिए इस दिशा में स्थित दीवारें, पर्दें और फर्श पे ग्रे रंग होना जरुरी है।

 

ये समस्त जानकारियां वास्तु शास्त्र के अनुसार है|

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