शुक्रवार के दिन करें माँ लक्ष्मी के कनकधारा स्त्रोत का पाठ, तथा पाएं आर्थिक समस्या से छुटकारा

जीवन में कभी न कभी कोई न कोई समस्या जरूर आती है। इस संसार में ऐसा कोई मनुष्य नहीं जो परेशानियों का शिकार न हुआ हो। इन समस्याओं को या तो कुछ लोग अपना भाग्य समझकर बैठ जाते हैं। लेकिन हमारे शास्त्रों में सभी समस्या का समाधान उपलब्ध है। चाहे हम इसे तत्न्त्रिक उपायों के द्वारा करें या वैदिक उपायों के द्वारा। आर्थिक तंगी से आज के समय में ज्यादा लोग परेशान हैं। धन प्राप्ति के लिए हम हर संभव उत्तम उपाय करते हैं। इसलिए आज हम धन का संचय और उसकी प्राप्ति के लिए कनकधारा स्त्रोत के पाठ के बारे में जानेंगे।

 

कनकधारा स्त्रोत जिसकी रचना आदि शंकराचार्य ने किया था। इसकी विशेषता ये है की इसके लिए हमें किसी विशेष माला, जप, पूजन या किसी भी प्रकार के विधि-विधान की जरुरत नहीं। इस स्त्रोत के लिए सिर्फ दिन में एक बार इसका पाठ करना है। तथा हर एक दिन कनकधारा यंत्र के समक्ष दीपक और अगरबत्ती लगाना है। यदि किसी कारन से ये करना भूल जाएँ तो शास्त्रों के अनुसार कोई समस्या नहीं, क्योंकि यह सिद्ध मन्त्र माना गया है और इसीलिए इसे चैतन्य माना गया है।

 

यदि इस स्त्रोत का नियमित रूप से उच्चारण किया जाए तो जीवन की धन से जुड़ी सारी समस्या दूर हो जाती है।

 

पौराणिक कथा:

एक पौराणिक कथा अनुसार एक बार आदि शंकराचार्य (अद्वैत मत के जनक) बालवस्था में भोजन की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। तभी एक महिला की नजर उस बालक को भिक्षा मांगते हुए पड़ी। उस बालक को देखकर उस महिला को उसकी रक्षा करने का मन किया। वो स्त्री बहुत गरीब थी। उसे अपने इस दुर्भाग्य पे बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि वो उस बालक को अच्छे से भोजन नहीं करा सकती थी। तभी उस बालक ने उनसे कहा हे मात कोई बात नहीं आपके पास जो भी है, वह पर्याप्त है।

उस स्त्री ने एकादशी का व्रत रखा था और उस व्रत को खोलने के लिए उसके पास मात्र एक बेर था। इसलिए उसने उस एक बेर को शंकराचार्य के पात्र में डाल दिया। दान को ग्रहण करके जाते वक्त उन्होंने माँ लक्ष्मी के मंत्र का जप किया और तभी उस समय बेरों की बरसात होने लगी। और देखते-देखते उस स्त्री का घर बेरों से भर गया।

 

इसलिए कहा जाता है की जो मनुष्य सच्चे मन से और श्रद्धा पूर्वक माँ के कनकधारा स्त्रोत का जप करता है विशेषकर शुक्रवार के दिन, तो जीवन में स्थित धन सम्बन्धी और आर्थिक समस्या का समाधान होता है।

माँ लक्ष्मी के कनकधारा स्त्रोत को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें: कनकधारा स्त्रोत

 

ये समस्त जानकारियां ज्योतिष शास्त्र के अनुसार है|

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