बुद्ध पूर्णिमा कल, जानें इसकी महत्ता

कल यानि की 10 मई को वैशाख माह की पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। मान्यता अनुसार भगवान बुद्ध (बौद्ध धर्म के संस्थापक)  का जन्म वैशाख माह में हुआ था। इसलिए इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है।

इस दिन बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधगया और सारनाथ में प्रार्थना करते है। हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान बुद्ध श्री हरी विष्णु के नौवें अवतार माने जाते हैं। इसलिए ये दिन हिन्दू शास्त्र के अनुसार भी पवित्र माना गया है। बौद्ध अनुयायी इस दिन श्वेत वस्त्र धारण करते हैं और बौद्ध मठों में एक एकसाथ प्रार्थना और ध्यान करते हैं। इस दिन दान किया जाता है।

 

शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक माह की पूर्णिमा श्री हरी का दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन तीर्थस्थलों में स्नान करना पवित्र माना गया है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार दान करना उत्तम माना गया है। ये दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि भगवान सूर्य अपने उच्च राशि मेष में होते हैं तथा चन्द्रमा तुला राशि में उच्च रहता है।

 

कथा भगवान बुद्ध की:

गौतम बुद्ध ने ऐसे कई बातें बोली हैं जिनका यदि स्मरण किया जाए तो हमारा जीवन उत्तम बन सकता है।

अपने धैर्य से विपरीत परिस्थितियों का सामना करें:

एक समय भगवान बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे थे। तभी उन्हें प्यास लगी और उन्होंने एक शिष्य को पानी के भेजा। वो शिष्य पानी लाने के लिए चल दिया। रस्ते में उसे एक तालाब में पानी दिखाई दिया। लेकिन पानी गन्दा होने के कारन वो वापस लौट गए। और उन्होंने पूरी बात बुद्ध को बताई। तत्पश्च्यात उन्होंने दूसरे शिष्य को भेजा। दूसरा शिष्य पानी ले आया। तब बुद्ध ने उससे कहा की पानी गन्दा था फिर तुम साफ पानी कैसे ले आये। तभ शिष्य ने कहा तालाब का पानी सही में बहुत गन्दा था, लेकिन जब सभी लोग चले गए तब मैंने कुछ देर इंतजार किया ताकि मिट्टी निचे बैठ जाए और पानी स्वच्छ हो सके। उसके बाद में पानी को ले आया।

तभी बुद्ध ने ये सुनकर मुस्कुराया और सभी शिष्यों को बताय की हमारा पूरा जीवन पानी की तरह है। क्योंकि जब हमारे कर्म अच्छे है तब तक सब कुछ शुद्ध है लेकिन जब हमारे जीवन में समस्या कर दुःख आते है तब यही जीवन हमें गंदे पानी जैसा लगने लगता है। कुछ लोग इसे देखकर घबरा जाते हैं और वापस आ जाते हैं। ऐसे लोग जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते हैं।

लेकिन जब कोई इसी दुःख और मुसीबत में धैर्यपूर्वक रहता है उसके जीवन में आई समस्या कुछ समय बाद खत्म हो जाती है। इसलिए हमें अपने जीवन में हमेशा धैर्यशील होना चाहिए।