क्यो आते है हमे सपने ?

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सपना हमारे जीवन का एक हिस्‍सा है| हर व्यक्ति सपना देखता हालांकि, कुछ लोगो को सपने याद रहते हैं और कुछ लोगो को नही| स्वप्न तो एक मानसिक स्थिति है जिसकी अनुभुति कोई भी कर सकता है| स्वप्न के साथ हम दो दुनिया मे जीते हैं|

एक दुनिया जब हम जागते है और दूसरी जब हम सोते हैं|स्वप्न के प्रति हम अचेत व अनजान रहते हैं और जागते हुए हम सचेत और सजग रहते है| ये सपने क्यों आते हैं आज तक ये कोतुहुल का विषय बना हुआ है|

प्राचीनकाल मे लोग मानते थे की सपने एक ईश्वर्यी संदेश होते हैं| सोते समय एक अलग दुनिया से हमारा संपर्क रहता है|सपनों के माध्यम से ईश्वर हमे बहुत सी बातों से रूबरू कराते हैं|हमे संकेतों के माध्यम से भविष्य मे होने वाली घटनाओ से आगाह करते हैं|भारतीय दर्शनशास्त्रों के आनुसार- भूत, वर्तमान और भविष्य का सूक्ष्म आकार हर समय पूरे .वायुमंडल मे विधमान रहता है| जब व्यक्ति निद्राअवस्था मे होता है तो सूक्ष्म शरीर के ज़रिए अपने भूत और भविष्य से संपर्क स्थापित करता है| यही संपर्क स्वप्न का कारण और माध्यम बनता है|

जबकि विज्ञान इसे मानसिक हलचलो से जोड़कर देखता है और उसका मानना है की मस्तिष्क मे लगातार चलने वाली गतिविधियाँ सपनो का रूप लेती हैं|
मनोवैज्ञानिक ने इसे नये नज़रिए से देखने की कोशिश की और इनका तार्किक विश्लेषण किया है| वे मानते है की सपनो के अर्थ होते हैं, इन्हें केवल एक रसायनिक क्रिया मानकर छोड़ा नही जा सकता| इनके अनुसार इंसान जागते व सोते वक्त कई चीज़ो के बारे मे सोचता है| सोते वक्त वही सोच एक घटना का रूप ले लेती है, जिसका संबंध आपसे होता है|

कभी ये भयानक होती है तो कभी ये आनंददायक होती है|

कभी-कभी खराब स्वप्न हमारे मानोमस्तिष्क पर गहरा असर डालती है| ये खराब स्वप्न हमारे पूर्व के कटु अनुभवों, बचपन के हादसों से जुड़े हो सकते हैं|

स्वप्न हमारे जीती-जागती जिंदगी का विस्तार होता हैं, वे हमारी उन परेशानीओं को सुल्झाने का प्रयास करते हैं, जो हमे सबसे ज़्यादा .परेशान करती हैं|