शादी का समय चल रहा है और ये एक ऐसा मौका है जिसमे दो इंसानों के साथ-साथ दो परिवारों का भी जीवन पूरी तरह परिवर्तन होता है। इसलिए विवाह संबंधी सारी चीजों में हम कोई भी कार्य पुरे सावधानी और शुभ मुहूर्त को देखते हुए करते हैं। इसमें कई सारे रस्म मौजूद रहते हैं। इन्ही रस्मों में एक रस्म है वर वधु के गृह प्रवेश की। आज हम जानेंगे की क्यों गृह प्रवेश के समय कुमकुम के पैरों के चिन्ह बनाये जाते हैं।
धार्मिक कारण:
हमारे शास्त्रों के अनुसार नई दुल्हन को लक्ष्मी का स्वरुप माना जाता है। इसलिए कहा जाता है की थाली में कुमकुम को रखकर दुल्हन को गृहप्रवेश के समय कुमकुम से उसके पैर बनाने से घर में माँ लक्ष्मी का पूर्ण रूप से निवास होता है और हमेशा घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
हिन्दू शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है
यत्र नारी पुज्यन्ते, तत्र रमन्ते देवता।
मतलब जहां नारी को सम्मान दिया जाता है उसकी पूजा की जाती है वहां देवताओं का निवास होता है। इसी कारण नई दुल्हन को लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है
वैज्ञानिक मन्तव्य:
घर के अंदर प्रवेश के समय दुल्हन के पैर के छाप बनवाने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये रस्म इसलिए किये जाते क्योंकि पैर के निशान को देखकर घर के सभी सदस्य को ये समझ आना चाहिए नारी का सम्मान करना चाहिए। नारी के सम्मान से ही जीवन और परिवार में सुखी और समृद्धि बनी रहती है। उन्हें गृह लक्ष्मी का स्वरुप माना जाए।