श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो की 19 जुलाई 2017 अर्थात बुधवार को है। इस दिन भगवान श्री हरी की पूजा और उनकी भक्ति का सर्वश्रेष्ठ समय होता है। इस व्रत के पुण्य से मनुष्य को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आज हम जानेंगे किस प्रकार इस एकादशी को किया जाये।
शास्त्रों के अनुसार इस एकादशी की कथा स्वयं श्री कृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को सुनाई थी। इसके पूर्व ऋषि वशिष्ठ मुनि ने यह कथा राजा दिलीप को सुनाये थे, जिससे उनके सभी पाप ख़त्म हो गए और मोक्ष की प्राप्ति हुई।
व्रत पूजा विधि:
एकादशी के दिन नित्य क्रिया कर स्नान करके संकल्प करें और श्री हरी के विग्रह की पूजा करें। उसके बाद श्री हरी को फल, फूल, तिल, दूध, पंचामृत इत्यादि चीजें अर्पण करें। ध्यान रहे इस पुरे दिन अर्थात आठ पहर निर्जल रहते हुए श्री हरी के नाम का स्मरण करें। उनका भजन करें। इसके अगले दिन ब्राह्मण को भोजन कराके दक्षिणा देकर उनका आशीष प्राप्त करें। तत्पश्च्यात भोजन ग्रहण करें। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है और सभी पापों का नाश होता है।
महत्त्व:
- यह एकादशी उत्तम फल प्रदान करने वाला व्रत है। इस दिन श्री कृष्ण की आराधना करें, इससे अमोघ फल की प्राप्ति होती है।
- इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने से अश्वमेघ जितना पुण्य की प्राप्ति होती है।
- इस एकादशी श्री हरी की भक्ति करनेसे मनुष्य के पितरों के सभी कष्ट दूर हो जाते है। कहा जाता है की सावन में श्री हरी विष्णु की पूजा करने से गंधर्वों और नागों, इन सभी की पूजा होती है।
ये समस्त जानकारियां शास्त्र के अनुसार है|
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