चार निरंतर बढ़ते हुए शिवलिंग का रहस्य

आज हम आपको महादेव शिवलिंग के ऐसी बातें बताएँगे जो आज तक रहस्य है| आज हम आपको ऐसे चार शिवलिंग के बारे मे बताएँगे जिनकी आकार खुद बा खुद बढ़ती है|

१) भूतेश्वर नाथ शिवलिंग:

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले मे घने जंगलों के बीच स्थित मरौदा गांव जहाँ प्राकृतिक रूप से स्थापित शिवलिंग है जो भूतेश्वर नाथ शिवलिंग से प्रचलित है| इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग का दर्जा मिला है| ये शिवलिंग हर एक साल खुद ही बड़ा और मोटा होते जा रहा है| प्रति वर्ष इसकी लंबाई 6 से 8 इंच तक बढ रही है। इस शिवलिंग की ये सबसे बड़ी विशेषता है| ये 18 फीट उंचा एवं 20 फीट गोल है|इसके बारे मे हमारे इतिहास मे लिखा गया है की जब ज़मींदार प्रथा चल रही थी| उस समय पारागांव मे शोभासिंह नाम का जमींदार था | वो हमेशा शाम को अपने खेत मे मुआयना करने के लिए जाया करता था| वो हमेशा अपने खेत के नज़दीक उपस्थित एक पत्थर के टीले से सांड के हुंकारने एवं शेर के दहाडनें की आवाज़ को सुनता था| एक दिन उसने सारे ग्राम के लोगों को ये बाते बताई और सभी को ऐसी आवाज़ भी सुनाया| फिर सभी लोगो ने चारो और जानवर को तलाश किया लेकिन किसी को दिखाई नही दिया| फिर सभी लोग इसे शिवलिंग के रूप मे पूजने लगें| कहा जाता है की जब ग्राम वासियों ने इस टीले को देखा तो उस समय ये बहुत छोटा था, लेकिन आज इसकी लंबाई हरेक साल बढ़ती जा रही है| इस टीले मे प्रकृति प्रदत्त जलाहारी भी है जो धीरे धीरे ऊपर की और आ रही है|

२) मनतंगेस्वर शिवलिंग:

ये शिवलिंग मध्यप्रदेश मे स्थापित है| हमारे ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम ने इस जगह पे पूजा की थी| इसकी लंबाई भी प्रत्‍येक वर्ष एक तिल के समान बढ़ती चली जा रही है|

३) तिल भांडेश्वर शिवलिंग:

ये शिवलिंग शिव के प्रिय नगरी काशी मे स्थापित है| काशी के पूर्व लोगो के द्वारा कहा जाता है की ये शिवलिंग खुद ही ज़मीन से प्रकट हुआ था| इसकी लंबाई प्रति वर्ष मकरसंक्राती मे तिल के समान बढ़ती है|

४) पोड़ावाला शिवलिंग:

भारत के हिमाचल प्रदेश मे स्थित है यह शिवलिंग जिसकी स्थापना महान पंडित और असुर रावण ने किया था| कहा जाता है की इसकी लंबाई भी एक ज़ो के दाने के बराबर प्रति वर्ष बढ़ती है|