किस तरह आत्मा खुद ढूंढ लेती हैं आपको

आत्मा जिसे लोग भूत भी कहते हैं| कितने लोगों का कहना भी हैं की आत्मा जैसी कोई भी चीज नहीं होती हैं और कुछ लोगों का कहना हैं की उन्होंने आत्मा(भूत) को देखा है| तो इसलिए आज हम आपको आत्मा के सम्बन्ध मे कुछ रोचक जानकारी बताएँगे तथा साथ-साथ ये भी बताएँगे की किस प्रकार आत्मा हमें खुद ढूंढ लेती है|

 

आत्मा एक ऐसी चीज जिसके बारे श्री कृष्ण ने गीता मे कहा था की “आत्मा अमर हैं” वो कभी नहीं मरती| वो न तो जन्म लेती हैं और न ही मृत्यु को प्राप्त होती है| ये एक ऐसी ऊर्जा हैं जो सिर्फ एक शरीर से दूसरे शरीर मे प्रवेश करती है और जब उनका समय होता हैं तब वो उस शरीर को छोड़कर चली जाती है| वो तब तक किसी नए शरीर मे प्रवेश नहीं करती जब तक उसे आदेश न हो|

 

हिन्दू पौराणिक गाथा और कहानियों के अनुसार आत्मा जब कोई भी मनुष्य या जीव-जंतु की मृत्यु होती हैं उसके बाद आत्मा को विभिन्न पड़ाव को पार करना होता है| यमलोक की और जाते समय कई तरह के अड़चनों को पार करना पड़ता हैं| और जब वो यमलोक पहुँच जाती हैं उसके बाद ही उसके पाप और पुण्य का लेखा-जोखा होता हैं और निर्णय किया जाता हैं की वो स्वर्ग मे जाएगी या नर्क मे| कितना अच्छा लगता है ये कहानियां सुन कर और हम मे ये इच्छा उत्पन्न होती है की काश ये सारी चीजे हम खुद देख सकते और फिर विश्वास करते|

 

आत्मा का अस्तित्व :

 

      क्या हैं आत्मा? आत्मा कहाँ हैं? ये कहाँ से आती हैं और किस जगह पे जाती है? अगर हम शास्त्रों के ऊपर विश्वास न करें तो ये चीजें हमारे दिमाग मे आती ही हैं| जी हाँ हम आत्मा की बात कर रहें हैं, जिन बातों को विज्ञान नहीं मानता, लेकिन कुछ घटनाएं आत्मा के अस्तित्व की और संकेत करता हैं| यहाँ तक की आत्मा हैं ये बात जानने के लिए वैज्ञानिक भी खोज करते रहते हैं| कुछ वैज्ञानिकों का मानना हैं की आत्मा जैसी कोई चीज नहीं होती ये सब एक अन्धविश्वास हैं, लेकिन जब इनका करीब से विश्लेषण किया जायतो ये बात सिद्ध होती हैं की आत्मा हैं| वैज्ञानिकों का कहना हैं की कभी-कभी आत्मा समय-समय पे अपने होने का आभास कराती हैं| इसलिए कोई भी एक या लगभग ३ बार इस बात को झुठला सकता हैं लेकिन आप दरकिनार नहीं कर सकते हैं|

 

आत्मा के रूप:

 

       हमारे हिन्दू मान्यताओं के अनुसार चार प्रकार के शरीर होते हैं| पहला हमारा जीवित शरीर जिसे मृत्यु के बाद आत्मा छोड़ देती हैं| उसके बाद वो शरीर पार्थिव रूप मे हो जाता हैं और आत्मा जो हमारे शरीर का हिस्सा था वो एक छोटी से रोशनी के आकार का शरीर ले लेती हैं, जिसे सूक्ष्म शरीर कहा जाता हैं|

 

सूक्ष्म-शरीरधारी आत्मा:

 

ये सूक्ष्म शरीर भले ही हमें नजर न आये, लेकिन वो हमारे आस-पास मौजूद हैं|  मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीर धारी आत्माएं हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में उपस्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। ये सूक्ष्म शरीर जहाँ वास करती है, उस जगह का वातावरण बिलकुल अलग रहता हैं और उस जगह की तरंगे ऐसी होती हैं जिसमे किसी भी सामान्य मनुष्य प्रवेश नहीं कर सकता| लेकिन हर एक आत्मा इस दिव्य देवात्मा हिमालय मे प्रवेश नहीं कर सकती हों| केवल श्रेष्ठ कर्म वाली सूक्ष्म शरीर ही इसमे प्रवेश कर सकती हैं| ये सूक्ष्म श्रेष्ठ कर्म वाली आत्मा जब कोई सच्चा मनुष्य या कोई भी जीव मुसीबत मे होता हैं या कभी पृथ्वी पे संकट आता है तब ये आत्मा उनकी रक्षा करती हैं|

 

वैज्ञानिकों के अनुसार:

 

      इनके शोध के अनुसार जो परिणाम वैज्ञानिकों ने देखा तो वो हैरान करने वाला सच था| आत्मा पे शोध कर रहें वैज्ञानिक मार्टिन गार्डनर ने कहा की इस दुनिया मे प्रत्येक दिन हजारों व्यक्तियों के साथ ऐसी छोटी-बड़ी घटनाएं होती रहती हैं| ये सिर्फ संयोग नहीं हैं बल्कि आत्मा अपने होने का एहसास कराती हैं| मार्टिन ने अपने शोध के दौरान जो भी पाया उनके अनुसार उन्होंने महसूस किया की कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो इंसानी शक्तियों से मिलकर संपर्क बनती हैं|

 

आत्मा की शक्तियां :

 

      वैज्ञानिकों के अनुसार या कहा जाय साइंस के अनुसार ये शक्तियां एक प्रकार की तरंगें हैं जो हमें उनसे जोड़ने मे मदद करती हैं| द रूट्स ऑफ कोइन्सीडेन्स नामक पुस्तक में आर्थर कोएस्लर ने कहा है की इस माध्यम से ब्रह्मांड मे व्याप्त अदृश्य चेतन-शक्तियां शरीरधारी मनुष्यों से संपर्क सधती हैं, उन्हें पूर्वाभास कराती हैं और जब कोई मुसीबत आती हैं तो उकी रक्षा के लिए मार्गदर्शन भी देती हैं| वैज्ञानिक के अनुसार इन सूक्ष्म शरीरों मे एक्टोप्लाज्म नामक एक सूक्ष्म द्रव्य मौजूद रहता हैं| इसी कारण वश जीवात्मा इनका प्रयोग करके भौतिक आकर मे आती हैं|