बुरे एवं भयानक सपनो का सच और इनसे बचने के उपाए

सपने हम सभी को आते हैं और ये सपने या तो अच्छे होते हैं या डरावने होते हैं| जब डरावने सपने हमें आते हैं तो हम तुरंत उठकर बैठ जातें हैं और फिर हम उसके बारे मे सोचने लगते हैं| इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताएँगे जो आपको तब मदद करेगा जब  आपने कोई डरावना स्वप्न देखा हो|

स्पप्न एक ऐसी चीज जिसे आज तक न ही कोई समझ पाया है और न ही कोई इसे सुलझा पाया है| यहाँ तक की वैज्ञानिक भी आज तक इस गुत्थी को सुलझाना तो दूर वो इसे समझ ही नहीं पाएं हैं|   

 

वैज्ञानिक मत :

 

वैज्ञानिकों का कहना हैं की ये सपने सिर्फ और सिर्फ “कैमिकल इम्बैलेंसिंग” के दिमाग मे होने से होता हैं| यानि की हमारे दिमाग मे मौजूद कैमिकल जब स्थिर रूप मे न रहते हो तब हमें ये सपने आते हैं| इन चीजों का कोई कारण नहीं होता है और जो भी आप देखते हैं वो सारे चीजें हमारे निजी जिंदगी मे कोई भी न तो सम्बन्ध रखता हैं और न ही ये स्वप्न हमारी जिंदगी और हमारे आने वाले समय को प्रभावित करती हैं| लेकिन हमारे शास्त्र इन सबसे बिलकुल विपरीत तर्क देते हैं|

 

शास्त्रों के अनुसार स्वप्न का अर्थ:

 

        स्वप्न का आना और उस स्वप्न मे आपके द्वारा कुछ किया जाना या आपके स्वप्न मे किसी का आना और उनसे कुछ बातें करना, वो भी जब कोई खास समय हो उस समय ऐसे स्वप्न आना| ये सब चीजें हमारे वर्तमान और भविष्य मे आने वाले घटनाओं से सम्बन्ध रखती हैं| हमारे स्वप्न हमसे बहुत साडी चीजें कह के चले जातें हैं| भविष्य मे हमें किस प्रकार का लाभ और नुकसान होने वाला हैं ये साडी चीजें भी स्वप्न हमसे कहते हैं| जो कही न कहीं सही होता हैं हमारे जिंदगी मे|

 

ये चीजें तो पता हैं की स्वप्न शुभ और अशुभ दोनों का संकेत करते हैं| और अगर हमने कुछ शुभ स्वप्न देखा है तो हमें बहुत ख़ुशी मिलती हैं, लेकिन वहीँ अगर हमने कुछ अशुभ घटना स्वप्न मे देखा हो तो हम अचानक से डर जातें हैं| सरवन स्वप्न हमें इतना भयभीत कर देतें हैं की मानों वो हमारी जान ही ले लेगी और ये देखकर ही हम अचानक से उठ बैठते हैं| तत्पश्च्यात हम उस सपने के बारे मे सोच-सोच कर परेशान होते रहते हैं की कही वो सही तो नहीं हो जायेगा |  लेकिन ऐसे स्वप्न/सपने से घबराये नहीं, क्योंकि ऐसे स्वप्न के डर से बचने के भी उपाय हमारे शास्त्रों मे उल्लेखित हैं|

 

 

उपाय डरावने स्वप्न के अनिष्टकारी प्रभाव से बचने के :

 

     यदि आप डरावने स्वप्न से बहुत डरें हुए हैं और आपको लग रहा हैं की ऐसे स्वप्न भविष्य मे आपको काफी नुकसान देने वाले हैं तो कुछ शास्त्र के उपाय से आप इन चीजों से मुक्ति पा सकते हैं

हमें शायद ये नहीं पता की चित्रकूट वास के समय भगवान श्री राम ने एक स्वप्न देखा था जिसके अनिष्ट फल के निवारण के लिए उन्होंने भगवान शिव की अराधना की थी| श्री राम के उपाय से ये बात तो साफ है की युगों से ही बुरे स्वप्न सम्बन्धी उपाय किये जा रहें हैं| और ऐसा करने से इसके बुरे दुष्प्रभाव ख़त्म हो जाते हैं या अत्यन्त क्षीण हो जाते हैं|

 

 

१) रात 12 बजे का स्वप्न:

 

        यदि आपका स्वप्न रात्रि 12 बजे से 2  के बिच आया हो और वो बहुत अधिक भयानक हों तो तुरंत ही भगवान शिव का ध्यान करें| भगवान शिव का बिज मन्त्र “ॐ नमः शिवाय ” का जप करें और फिर सो जाएँ| उसके तदोपरांत ब्रह्ममूहर्त मे उठकर स्नानादि करके भगवान शिव के मंदिर मे जाकर जल से शिवलिंग का अभिषेक करें| तत्पश्चात् पुजारी को कुछ दान करें| इससे आने वाले बुरे स्वप्न के दुष्प्रभाव ख़त्म हो जायेंगे|

 

 

२) प्रातः ४ बजे का स्वप्न:

 

         यदि कोई भी स्वप्न प्रातः कल ४ बजे आये और वो बुरा हो, तो प्रातः कल उठकर ही बिना किसी से कुछ बोले आपके घर या आस-पास उपस्थित तुलसी के पौधे से अपने बुरे स्वप्न को कह दें और स्नान करके ॐ नमः शिवाय का लगभग 108 बार किसी माला से जप करें| इससे उस स्वप्न के सरे दुष्प्रभाव ख़त्म हो जायेंगे|

 

 

३) हनुमान जी की शरण मे जाएँ:

 

          हमारे शास्त्रों के अनुसार जब भी किसी भी प्रकार का डरावना या बुरा स्वप्न आये, तो हनुमान जी को याद कर लें| क्योंकि प्रभु हनुमान न केवल स्वप्न के बुरे प्रभाव ,बल्कि मनुष्य पे होने वाले प्रत्येक   बुरे प्रभाव को नष्ट कर देते हैं| हनुमान जी सभी प्रकार के अनिष्ट दूर करने वाले भगवान हैं| क्योंकि प्रभ श्री राम के आदेशानुसार वो इस कलयुग मे उपस्थित सारे लोगों का कष्ट दूर करने के लिए ही इस धरती पे उपस्थित हैं| इसलिए बुरे स्वप्न के अनिष्ट और उसके प्रभाव को दूर करने के लिए सुन्दरकाण्ड, बजरंग बाण, संकटमोचन स्तोत्र  अथवा हनुमान चलीसा का पाठ सांयकाल के समय करें|

 

४) यदि स्वप्न बुरा हैं और घर मे माँ तुलसी के पौधे न हो, तो प्रातः कल उठकर एक सफेद कागज पर स्वप्न को लिख कर उसे अग्नि को समर्पित कर दे मतलब उस कागज को जल दें| तत्पश्चात् स्नान करके शिव जी के मन्त्र “ॐ नमः शिवाय” का एक माला के द्वारा जप करें| इससे सारे दुष्प्रभाव ख़त्म हो जायेंगे|