शनि प्रदोष में कोई भी एक उपाय करने से दूर होंगे दुर्भाग्य

शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से हर सुख की प्राप्ति होती है। यह व्रत प्रत्येक माह की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। विभिन्न वारों के साथ यह व्रत विभिन्न योग भी बनाता है। इस बार ये व्रत शनिवार (12 नवंबर) को होने से शनि प्रदोष का योग बन रहा है। पुराणों के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। इस दिन यदि शनि से संबंधित कुछ विशेष उपाय किए जाएं तो दुर्भाग्य दूर होता है। आइये जानते है शनि प्रदोष की विधि और उपाय…

शनि प्रदोष व्रत की विधि- प्रदोष व्रत में बिना जल पिए व्रत रखना होता है। सुबह स्नान करके भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराकर बेल पत्र, गंध, अक्षत (चावल), फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग व इलायची चढ़ाएं। शाम के समय पुन: स्नान करके इसी तरह शिवजी की पूजा करें।
शिवजी का षोडशोपचार पूजा करें, जिसमें भगवान शिव की सोलह सामग्री से पूजा करें। भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं। आठ बार दीपक रखते समय प्रणाम करें। शिव आरती करें। शिव स्त्रोत, मंत्र जाप करें। रात्रि में जागरण करें।
इस प्रकार समस्त मनोरथ पूर्ति और कष्टों से मुक्ति के लिए व्रती को प्रदोष व्रत के धार्मिक विधान का नियम और संयम से पालन करना चाहिए।

शनि प्रदोष के दिन दुर्भग्य दूर करने के उपाय-
१. शनि प्रदोष पर एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमे अपना चेहरा देखें और डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें |

२. शनि प्रदोष पर एक काले कपडे में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो किलो लड्डू, कोयला व लोहे का कील लपेटकर किसी नदी में बहा दें |

३. इस शनिवार काली गाय को बूंदी के लड्डू खिलाएं व कुमकुम लगाकर पूजा करें | इससे साढ़े साती व ढय्या से प्रभावित लोगों को फायदा होगा |

४. इस दिन काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं व किसी शनि मंदिर में जाकर शनि स्त्रोत का पाठ करें | इससे आपको बहुत फायदा होगा |

५. इस दिन सुबह-शाम पीपल के पेड़ के निचे तिल के तेल का दीपक लगाएं व जल चढ़ाएं | इससे शनि प्रदोष के प्रभाव में कमी आएगी और दुर्भाग्य दूर होगा |

६. यदि आपकी राशि पर शनि की ढय्या या साढ़े साती का प्रभाव है तो काले घोड़े की नाल की अंगूठी बनवाकर अपनी मध्यमा अंगुली में पहने |

७. शनि प्रदोष पर कुष्ठ रोगियों को भोजन कराएं व उन्हें कुछ चीजें जैसे- जूतें, चप्पल, कम्बल, तेल, काले छाते, कपडे, काले उड़द आदि का दान करें |

८. शनि की साढ़ेसाती व ढय्या से प्रभावित लोग किसी योग्य विद्वान से पूछकर नीलम रत्न धारण करें | इससे शनि का प्रभाव थोड़ा कम होगा |

९. इस दिन सुबह शनिदेव को तिल के तेल से अभिषेक करें | तेल में काले तिल भी जरूर डालें | साथ ही, शनिदेव के १०८ नामों का भी स्मरण करें |

१०. शनि प्रदोष पर शनि यंत्र की स्थापना अपने घर में करें और प्रतिदिन विधि-विधान से इसकी पूजा करें | पूजा में काले तिल, काले उड़द व नीले रंग के फूल चढ़ाएं |

 

 

Book online Pandit for Diwali call us +91 9009444403

ये समस्त जानकारियां जयोतिषीय शास्त्र के अनुसार है परंतु इनको अपनाने से पहले किसी ज्योतिषीय विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है | आपकी कुंडली दिखा कर इन बताये प्रयोगों को करे |

अगर आप जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से |  अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us+91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:-  सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)