हमारे पिछले लेख में हमने आपको बताया की कैसे कुछ गलत काम करने से शनि देव आप पर कुपित हो सकते है और की आपके जीवन में परेशानियां बड़ा सकते है| लोगो में ये भ्रम है की शनि देव सिर्फ बुरा करते है, पर ये सिर्फ लोगो का भ्रम ही है शनि देव को जिसने प्रशन्न कर लिया उसके जीवन में कभी कोई समस्या नहीं हो सकती और उस पर पैसे और खुसियो की बारिश हो जाती है परन्तु शनिदेव को प्रशन्न करना इतना आसान नहीं है| आइये आज हम आपको कुछ तरीके बताते है जिस से आप शनि जयंती पर शनिदेव को प्रशन्न कर सकते है –
शनि के दस नामो से उनकी पूजा
शनि जयंती पर कुछ अलग करने के लिए शनिदेव के इन दस नामो से उनकी पूजा करें
- कोणस्थ
- पिंगल
- ब्रभू
- कृष्ण
- रोद्रान्तक
- यम
- सोरी
- शनैश्चर
- मंद
- पिप्पलाद
इन दस नामो से शनि देव का स्मरण करने से सभी शनि दोष दूर हो जाते है| शनि देव के ये दस नाम हम एक ही श्लोक में ले सकते है
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रोद्रान्तको यम: |
सौरी: शनेश्चरो मंद: पीपलदेन संस्तुत: ||
चने का भोग
जैसे की हुसभी देवी देवताओ की पूजा के वक्त उनकी पसंद का भोग उन्हें लगते है जैसे गणेश जी को मोदक तो शंकर जी को भस्म वैसे ही अगर हम शनि जयंती के दिन शनिदेव को प्रशन्न करना है तो उन्हें चने का भोग लगाए आइये हम आपको प्रसाद की विधि बताते है
शनि जयन्ती के एक दिन पहले सवा – सवा किलो काले चने अलग – अलग तीन बर्तनों में भिगो दे |
अगले दिन नहाकर,साफ वस्त्र पहनकर शनि देव का पूजन करे और चनो को सरसो के तेल में छोंक कर चनो इनका भोग शनि देव को लगाए और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्राथना करे |
इसके बाद पहला सवा किलो चना भेंसो को खिला दे| दूसरा सवा किलो चना रोगियों को बाँट दे और तीसरा सवा किलो चना मछलियों को खिला दे | इस उपाय से शनि देव के प्रकोप में कमी होती है, और आपको शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है|
शनि यन्त्र की पूजा
हम सभी लक्ष्मी यन्त्र, वास्तु यन्त्र की पूजा करते है वैसे ही शनि जयंती के दिन श्रद्धा पूर्वक शनि यंत्र की प्रतिष्ठा करके प्रति दिन इस यंत्र के सामने सरसो के तेल का दिप जलाए नीला या काला फूल चढ़ाए ऐसा करने से लाभ होगा साथ ही इस यंत्र के सामने बैठ कर प्रति दिन शनि स्त्रोत
नीलांजन समाभासं रविपुत्र यमाग्रजम|
छायां मार्तण्ड संभूतं नमामि शनैश्चरम ||
या ॐ शं शनैश्चराय नमः मन्त्र का जाप भी करें|
इस मंत्र के साथ शनि यन्त्र की पूजा करने से होने वाले लाभ –
कर्ज ,मुकदमा ,हानि , पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगो के किये शनि यन्त्र की पूजा बहुत फायदेमंद होती है नौकरी पेशा लोगो को उन्नति भी मिलाती है ,अतः यह यंत्र बहुत उपयोगी है |
कुश (घास के आसान पर बैठकर पूजा)
- शनि जयन्ती के दिन सुबह जल्दी उठकर खान आदि के बाद कुश (एक प्रकार की घास ) के आसान पर बैठ जाए|
- सामने शनि देव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करे वं पंथोपचार से विधिक्त पूजन करे |
- इसके बाद रुद्राक्ष की माला से निचे लिखे किसी एक मन्त्र की कम से कम पांच मल जप करे तथा शनि देव से सुख – संपत्ति के लिए प्राथना करे |
यदि प्रतयेक शनिवार को इस मन्त्र का इसी विधि से जाप करेंगे तो शीर्घ लाभ होगा –
वैदिक मन्त्र
ॐ शं नोदिविर्भिश्टय आपो भक्तु पीतये शं योरमिस्त्रक्तु नमः||
लगु मन्त्र
ॐ ऐ ही श्री शनैश्चराय नमः |
कांसा एवं अन्य वस्तुओं का दान
- शनि जयन्ती के दिन एक कासे की कटोरी में तील का तेल भर कर उसमे अपना मुख देख कर देख कर डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दे|
- साथ ही एक काळा कपडे में काळा उड़द सवा किलो अनाज दो लडु फल काला कोयला और लोहे की कील रख कर उसे भी डाकोत को दे दें साथ ही कुछ दक्षिणा भी दें|
ये उपाए आप प्रत्येक शनिवार को कर सकते है लाभ होगा एवं शनि की कृपा प्राप्त होगी||
पीपल के वृक्ष की पूजा
शनि जयन्ती के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा विधि -विधान से करे भागवत के अनुसार पीपल ,भगवान श्री कृष्ण का ही रूप है शनि दोषो से मुक्ति के लिए पीपल की पूजा ऐसे करे |
- नहाने के बाद साफ़ व् सफ़ेद कपडे पहने |
- पीपल की जड़ में केसर चन्दन , चावल , फूल मिला पवित्र जल अर्पित करे|
- मंत्र जाप – आयुः प्रजा धनं धन्यां सौभाग्यं सर्वसम्पदम|
देहि देव महा वृक्ष त्वामहं शरणम गतः ||
मंत्र जाप के साथ पीपल की परिक्रमा करे धुप ,दीपक जलाकर आरती करे | पीपल को चढ़ावा हुआ थोड़ा सा जल घर में लाकर भी छिड़के ऐसा करने से घर का वातावरण पवित्र होता है |
काली गाय की सेवा
काली गाय की सेवा करने से शनि देव प्रसन्न होते है शनि जयंती के दिन काली गाय का पूजन करने के बाद उसे बूंदी के लड्डू खिलाए इसके बाद चरण स्पर्श भी करे| ये उपाए आप प्रत्येक शनिवार को कर सकते है लाभ होगा एवं शनि की कृपा प्राप्त होगी|
शमी वृक्ष की जड़
शनि जयंती के दिन शमी वृक्ष की जड़ किसी योग्य विद्धान से अभिमंत्रित करवा कर काळा धागे में बाँध कर गले या बाजु में धारण करे शनि देव प्रसन्न होंगे तथा शनि के कारन जीतनी भी समस्याए है उनका निदान होगा|
हनुमान जी की पूजा
शनि जयंती के दिन हनुमान जी भी का पूजन करें| पूजन विधि –
- चमेली के तेल से सिंदूर का चोला चढ़ाए|
- गुलाब के फूल अर्पित करे
- चूरमे का भोग लगाए व् केवड़े का इत्र हनुमान के दोनों कंधो पर छिड़के|
- इसके बाद हनुमानजी से सुख -सम्रद्धि के लिए प्राथना करे|
ये उपाए आप प्रत्येक शनिवार को कर सकते है लाभ होगा एवं शनि की कृपा प्राप्त होगी|
अन्य उपाए –
- शनि जयन्ती के दिन बंदरों को चने और काले कुत्तो को पूड़ी खिलाने से भी शनि देव का अशुभ प्रभाव कम हो जाता है|
- काले घोड़े की नाल या समुर्दी नाव की कील से लोहे की अंगूठी बनवाए|उसे तिल के तेल में रखे तथा उस पर शनि मन्त्र का २३००० जप करे शनि जयंती पर इसे धारण करे| यह अंगूठी मध्यमा (शनि की ऊँगली) में ही पहने |
- शनि जयंती के दिन कुष्ठ रोगियों को भोजन कराये साथ ही जरुरी चीजों का दान करे जैसे – जूते चप्पल छतरी ,कपडे , पलंग आदि |दान के साथ कुछ दक्षिणा (रूपए) भी अवश्य दें|
शनि की साढ़े सतिया एवं ढैया शांति के उपाय
- इस समय तुला, वृश्चिक व् धनु राशि पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव है| वही सिंह व् मेष राशि पर ढय्या चल रही है| इस राशि के लोग किसी योग्य विद्वान् से पूछ कर शनि जयंती के दिन नीलम रत्न धारण करे तो बहुत ही शुभ रहेगा|
- शनि जयंती के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद शनिदेव का विधि – विधान दे पूजन करे| इसके बाद सरसो के तेल से अभिषेक करे तेल में काळा तिल भी डाले
- इसके बाद शनि देव के १०८ नामो का स्मरण करे| इस प्रकार शनि देव का पूजन करने से भक्त के संकट टल जाते है और मनोकामना पूरी होने के योग बनते है|