उज्जैन सिंहस्थ में नागा साधुओं के साथ ही महिला संन्यासिन भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। अखाड़ों से संबंधित महिला संन्यासिनों को महिला नागा संन्यासिन भी कहा जाता है। पुरुष नागा साधु की तरह ही महिला संन्यासिनों के लिए भी अखाड़े में कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना होता है। यहां महिला नागा संन्यासिनों से जुड़ी खास बातें – Continue reading


साधु-संत हमेशा से अपने रूप, स्वाभाव और अपने गुणों के कारण  पूरी दुनिया मे प्रसिद्ध हैं| इन साधु-संतों की एक अलग ही दुनिया होती हैं| बाहर से सामान्य दिखने वाले इन साधुओं के कई प्रकार के रूप और नाम होते है| आज हम आपको उज्जैन मे चल रहे सिंहस्थ मे उपस्थित कुछ साधु-संत के बारे मे बताएँगे जो अपने हठयोग के कारण बहुत चर्चित हैं और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं| आज आपको साधुओं से जुड़ी कुछ ऐसी ही बातें बताने वाले हैं,  जिनके बारे मे बहुत कम लोग जानते हैं| Continue reading


उज्जैन मे सिंहस्थ शुरू होने मे अब कुछ दिन शेष है| बहुत सारे साधु-संत, नागा साधु, ऋषि-महर्षि आदि लोगों का आगमन भी हो चुका है| चलिए आज हम आपको सिंहस्थ मे उपस्थित कुछ बाबा के बारे मे बताते हैं जो अपने नाम और काम के कारण बहुत प्रसिद्ध हैं| उन्हें देखने और मिलने के लिए बहुत सारे लोग आते हैं| ये बाबा ऐसे हैं जो सभी के आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं।

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सिंहस्थ मध्य-प्रदेश के उज्जैन मे २२ अप्रैल से शुरू होने वाला हैं जो २१ मई तक चलेगा| और इसे शुरू होने मे सिर्फ़ और सिर्फ़ १० दिन बाकी हैं| तो इसलिए इस सबसे बड़े धर्म के मेले मे दूर-दूर से भाग लेने के लिए सभी साधु-संत यहाँ आ चुके हैं और कुछ आने वाले हैं| तो हम आपको बताते चले की सबसे पहला सही स्नान २२ अप्रैल को हैं जो चैत्र पूर्णिमा के दिन होगा| इस महाकुंभ मे 7 शैव और 3 वैष्णव अखाड़ों द्वारा उनके  हज़ारों साधुओं को नागा बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी| जिसे खूनी नागा के नाम से जाना जाता है| तो चलिए आज हम आपको इसके बारे मे बताएँगे| Continue reading


मध्यप्रदेश के उज्जैन मे सिंहस्थ को शुरू होने मे अब कुछ दिन ही बाकी हैं जो 22 अप्रैल से 21 मई 2016 तक चलेगा| इसलिए साधु-संत, ऋषि, नागा साधु व अघोरी का आना शुरू हो चुका है| जब भी हम अघोरी लोग, नागा साधु इन सबकी बातें सुनते हैं तो उनके बारे मे सारी बातें जानने के लिए हम बहुत लालायित रहते हैं| तो चलिए आज हम आपको अघोरी लोगों की कुछ बातें बताएँगे जो हम मे से कुछ लोग जानते होंगे|

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सिंहस्थ 2016, उज्जैन मे अब कुछ दिन ही शेष है| सारी तैयारियाँ हो चुकी है और सब कुछ सज चुका है| उज्जैन बाहें खोले खड़ा है सभी का स्वागत करने के लिए| साधुओं के कुटीर भी लग चुके हैं| जब भी कुंभ होता है तब हमेशा से वहाँ आने वाले साधु सभी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनते हैं| यहाँ तक की शैव अखाड़ा वालें नागा साधु भी अपने सिंगार स्वरूप के लिए लोगों के बीच आकर्षित होते हैं| जिस प्रकार सभी स्त्रियों के लिए सिंगार आवश्यक हैं ठीक उसी प्रकार नागा साधु के लिए उनका सिंगार बहुत ज़रूरत हैं| लेकिन इनका सिंगार कुछ अलग होता हैं| चलिए आज हम आपको बताएँगे की किस चीज़ों से नागा साधु अपना सिंगार करते हैं:- Continue reading


उज्जैन महाकाल और भगवान भैरव की नगरी | आज हम आपको भैरव से संम्बंधित रोचक बातें बताते हैं | उज्जैन मे स्थापित विश्व प्रसिद्ध श्री कल भैरव मंदिर है | जैसा की हमे पता है, कि काल भैरव के प्रत्येक मंदिर में भगवान भैरव को मदिरा प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती है ।

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भारत मे 14 अखाडे मुख्य के रूप से स्थित हैं | इन्हे निर्वानी, दिगंबर और निर्मल अखाड़ों के रूप में बांटा जाता है। चौदह्वा अखाड़ा एक नवीनतम है, इन अखाड़ो को संन्यासियों और बैरागी साधुओं के अखाड़ों के रूप में भी जाना जाता है।

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सिंहस्थ कुंभ महापर्व ‘अमृत कुंड’ के रूप से यह वेद में जाना जाता है | अमृत कुंड का उल्लेख भागवत पुराण, विष्णु पुराण, महाभारत, रामायण और जैसे शास्त्रों में किया गया है। यह माना जाता है कि यह समुद्र मंथन के दौरान अमृत एक पात्र में पाया गया था |

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सिंहस्थ कुंभ महापर्व

हजारों पवित्र पुरुष और महिलाए के इस त्योहार में भाग लेने आते है | साधुगण को प्राचीन परंपराओं के अनुसार अपनी त्वचा पर लिप्त विभूति राख के साथ देखा जाता है। कुछ को नागा सन्यासी कहा जाता है, ये यहां तक कि भीषण सर्दियों में किसी भी प्रकार के कपड़े धारण नही करते हैं। यह भौतिकवादी दुनिया से अलग होने का संकेत माना जाता है।

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Sacred festivals in Asian nation, referred to as melas, square measure an important a part of the Hinduism tradition journey . Celebrating a mythological event within the lifetime of a god or AN auspicious pseudoscience amount, the melas attract huge numbers of pilgrims from everywhere the country. the best of those, the Kumbha Mela, may be a riverside pageant control fourfold each twelve years,

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“Simhasth Kumbh Mahaparv” is one in all the four “Kumbh Melas” celebrated by largest non secular gathering on Planet Earth. Simhasth Kumbh Mahaparv is rejoiced by holy dip within the sacred watercourse Kshipra in ancient and non secular town Ujjain (Madhya Pradesh).Simhasth Kumbh Maha Parva relies on the celestial line-up of Planets and therefore the Signs of the Zodiac, that happens each twelve years.

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