सभी ये जानना चाहते है की उनका भाग्योदय कब होगा और कैसे होगा? लोग हमेशा बस इसी प्रश्न से परेशान रहते है एवं हर एक पंडित से यह जानकारी चाहते है परन्तु ये जानना बहुत ही आसान है अब खुद अपनी कुंडली देख कर जन सकते है की आपका भाग्योदय कब होगा कब आपका अचे दिन शुरू होगे| हर व्यक्ति के जीवन का सार उसकी कुंडली में होता है एवं उसकी लग्न की कुंडली देख कर जाना जा सकता है की उसका भाग्योदय कब होगा|
Month: June 2016
पेट दर्द- उदर रोग विकार उत्पत्र करने में भी शनि एक महत्वपुर्ण भुमिका निभाता हैं। सूर्य एवं चन्द्र को बदहजमी का कारक मानते हैं, जब सूर्य या चंद्र पर शनि का प्रभाव हो, चंद्र व बृहस्पति को यकृत का कारक भी माना जाता है। इस पर शनि का प्रभाव यकृत को कमजोर एवं निष्क्रिय प्रभावी बनाता हैं। Continue reading →
लोग हमेशा परेशान रहते है की उन्होंने किसी का क्या बिगाड़ा है जो मेरा बुरा हो रहा है| अचानक घर में चोरी हो जाना, बिना कुछ किये बदनामी होना एवं हमेशा बिमारिओं से घिरा रहना| ये साडी चीजों होती है आपकी कुंडली के ग्रह कमजोर होने पर या उनकी बुरी छाया होने पर आइये जानते है की किस ग्रह के कमजोर होने पर आपकी कुंडली पर क्या असर होता है| Continue reading →
अपने घर में मंदिर तो हर कोई बनवाता है, लेकिन मंदिर से जुड़े जरूरी निमय बहुत ही कम लोग जानते होंगे। मंदिर में मूर्तियों की संख्या कितनी होनी चाहिए, मूर्तियां किस तरह स्थापित करनी चाहिए, इन सभी बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। आज हम अपको बताने जा रहे हैं, मंदिर से जुड़ी ऐसी ही 10 जरूरी बातें के बारे में। Continue reading →
कहा जाता है की इंसान गलतियां करता है जिसका खमियजना उसको भुगतना पड़ता है तो कुछ गलतियों को सुधर भी जा सकता है जिस से हमे उन गलतियों के दुष्परिणाम न भुगतने पड़े| परन्तु कई बार छोटी छोटी गलतियां हमारी आदत बन जाती है और ये होता है आपकी कुंडली की गृह दशाओं के कारण| Continue reading →
जन्मांग चक्र का दशम भाव कर्म भाव कहा जाता है। इसके स्वामी को दशमेश या कर्मेश कहा गया है। दशम भाव से व्यक्ति की आजीविका का विचार किया जाता है। अर्थात् व्यक्ति सरकारी नौकरी करेगा अथवा प्राइवेट, या व्यापार करेगा तो कौन सा, उसे किस क्षेत्र में अधिक सफलता मिलेगी। Continue reading →
कोई अपने सुख के लिए वाहन खरीदना चाहता है तो कोई व्यवसायिक उद्देश्य से. उद्देश्य चाहे जो भी आज की तेज रफ्तार जिन्दग़ी में रफ्तार के साथ चलने के लिए वाहन की चाहत हर किसी के दिल में होती है. ज्योतिषशास्त्र के सिद्धांत के अनुसार जन्म के समय ग्रह जिस भाव, राशि एवं स्थिति में कुण्डली में आकर बैठते हैं उसी के अनुसार तय होता है कि व्यक्ति को कब और किस स्तर का वाहन सुख मिलेगा| Continue reading →
इंसान सिर्फ दो ही चीजे है जो वो अपनी जिंदगी में पाना चाहता है वो है धन एवं सफलता| कई बार होता है की दिन रात मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलता है| इसके पीछे एक कारण होता है की हम जो मेहनत कर रहे होते है वो गलत क्षेत्र में या गलत तरीके से कर रहे होते है| या फिर एक और कारण होता है वो है आपके कुंडली में ग्रहों की स्थिति सही न होना| क्युकी जब समय सही होता है तो थोड़ी सी मेहनत करने पर भी सफलता मिल जाती है Continue reading →
हमारे पास आने वाले कॉल्स में हमने पाया की ज्यादातर लोग अपनी जॉब एवं प्रोमोशन को ले कर परेशान है किसी को जॉब नहीं मिल रही तो कोई अपनी जॉब से परेशान है तो किसी का प्रोमोशन रुका हुआ है| ये सारी परेशानियां लगभग हर आम इंसान की जिंदगी में बानी हुए है कोई भी अपनी जॉब से खुस नहीं है पैसो की कमी सबको खलती है| Continue reading →
ज्योतिष विद्याएं ग्रह और उनके योगों के आधार पर फल का ज्ञान देती हैं। कुछ ग्रह योग अशुभ तो कुछ शुभ माने जाते हैं। अशुभ योग किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद कर देता है जबकि कुछ शुभ योग व्यक्ति के जीवन को सुख-चैन से भर देते हैं। महान योगों में महालक्ष्मी योग धन और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला योग है। Continue reading →
आजकल करीब 30 से 40प्रतिशत लोग पितृ दोष, ग्रहण दोष,काल सर्प दोष आदि दोष से पीड़ित हैं, जो अक्सर जीवन की उठा पटक से परेशान होकर किसी अज्ञानी ज्योतिष या पण्डित के बहकावे मे आकर किसी भी स्थान पर पूजा करवा लेते हैं। कुछ अज्ञानी पण्डित तो काल सर्प की पुजा घर मे भी करवा देते हैं । Continue reading →
सभी कार्य बहुत ही अच्छे ढंग से चले आ रहे हो और अचानक काम बिगड़ने लगे तो व्यक्ति परेशान हो जाता है की उसने कौन सी गलती कर दी या फिर उसकी मेहनत में कौन सी कमी रह गई जो कार्य पूर्ण नहीं हुआ| जिंदगी में कुछ भी अचानक से होने लगे तो लोग भाग्य को दोष देने लगते है परन्तु इसके कई कारण हो सकते है जैसे की आपकी कुंडली में ग्रहों की दशा का सही न होना या फिर आपकी कुंडली में कोई दोष होना जैसे की कालसर्प दोष| Continue reading →

