क्यों शादी में हल्दी लगाने के बाद बाहर नहीं निकलना चाहिए, जाने इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण

हिन्दू परंपरा में शादी से सम्बंधित कई सारे रीती-रिवाज है। और इन परम्पराओं में कई ऐसी चीजें है जिससे मन में एक अजीब सा डर बना रहता है। आज हम शादी से सम्बंधित एक परंपरा के बारे में जानेंगे की क्यों हल्दी के रस्म के बाद दूल्हे या दुल्हन को बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।

शादी में हल्दी से सम्बंधित परंपरा है जिसमे अगर किसी दूल्हे या दुल्हन को हल्दी लग जाती है तो उसके बाद घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है क्योंकि कहा जाता है की बाहर निकलने से बुरी शक्तियों का साया आ जाता है।

 

धार्मिक कारण:

शादी में हल्दी रस्म से सम्बंधित जो कथन है की हल्दी के बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके पीछे कोई अन्धविश्वास नहीं है, क्योंकि जो भी नियम हमारे बड़े बुजुर्ग न हमारे लिए बनाये, उसके पीछे कई कारण छिपे थे। हमारे बड़े-बुजुर्ग जानते थे की हल्दी से शरीर की सुंदरता बढ़ती है और सभी प्रकार के चर्म रोग जो हमारे शरीर में है वो ख़त्म हो जाते है और तन की दुर्गन्ध से भी निजात मिलता है। लेकिन हल्दी लगाने के बाद बाहर नहीं निकलना चाहिए इसके पीछे कारण है की हल्दी में एक विशेष प्रकार की गंध होती है जिससे वातावरण में स्थित सारे नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जाएं व्यक्ति की तरफ तेजी से आकर्षित होती रहती है। जिस कारण से मनुष्य मानसिक या शारीरिक रूप से मजबूत नहीं होता है तथा उसके सोच में नकारात्मकता आने लगती है।

 

वैज्ञानिक कारण:

इसे साइंस ने भी प्रमाणित किया है की शादी में हल्दी लगाने के बाद बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि हल्दी लगाने के बाद सीधे धुप में आने पे त्वचा काली पड़ जाती है। साथ ही त्वचा पे भी कई सारे नुक़सान होता है। ये परंपरा ही इसलिए बनाई गई ताकि दूल्हा-दुल्हन घर से बाहर न निकले और हल्दी का जो औषधिये गुण है वो अपना काम कर सके और सौन्दर्य को निखार सकें।