मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में गणेश जी का एक सिद्ध स्थान है, जिसका नाम है चिंतामन गणेश मंदिर | इस मंदिर की स्थापना प्रभु श्री राम ने की थी | यहां आने वाले भक्तों की सभी चिंताएं दूर हो जाते है, इसलिए इन्हें चिंतामन गणेश कहा गया है |
श्री राम ने वनवास काल में की थी इस मंदिर की स्थापना- पुराणी मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा है | श्री राम वनवास के दौरान उज्जैन भी आये थे | तभी उन्होंने इस मंदिर की स्थापना की |
चिंतामन मंदिर के पास एक बाबड़ी भी है-जब प्रभु श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के साथ यहाँ के वैन में घूम रहे थे तब सीता माता को प्यास लगी | प्यास बुझाने के लिए लक्ष्मण ने अपने बाण से एक बाबड़ी बना दी | ये बाबड़ी चिंतामन मंदिर पास ही है |
मंदिर में स्थापित है गणेश जी तीन मूर्तियां- मंदिर में गणेश जी की तीन मूर्तियां एक साथ स्थापित है | सबसे बड़ी गणेश प्रतिमा को चिंतामन गणेश, उसके पास स्थापित प्रतिमा को श्री इच्छामन गणेश और तीसरी प्रतिमा को श्री सिद्धि विनायक गणेश कहा जाता है |
मन्नत पूरी होने पर दान करने की मान्यता- इस मंदिर में मन्नत मांगने के लिए भगवन को दूध, दही, चावल, और नारियल में से कोई एक चीज चढ़ाई जाती है, तब उसी चीज का दान यहाँ करते है जब मन्नत पूरी हो जाती है | ऐसा करने से गणेश जी की कृपा है हमेशा बनी रहती है |
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