गुप्त नवरात्री आज से, नौ दिनों तक करें ये उपाय होगी हर मनोकामना पूरी

हिन्दू धर्म में एक साल में चार नवरात्री मनाई जाती है, लेकिन सामान्यतः लोगों को सिर्फ दो ही नवरात्री(चैत्र व शारदीय नवरात्री) के बारे में बता है। इसके आलावा भारतवर्ष में हिन्दू धर्म में दो और नवरात्री मनाई जाती जो माघ व आषाढ़ में मनाई जाती है जो की गुप्त रूप से होती है। इसलिए इन्हें गुप्त नवरात्री कहते हैं। इस वर्ष माघ महीने की गुप्त नवरात्री 28 जनवरी, शनिवार से शुरू हो रही है, जिसका समापन ५, फरवरी, रविवार को होगा।

वैसे तो नवरात्री में देवी माँ की पूजा नौ दिनों तक होती है लेकिन इस नवरात्री का भी अलग ही महत्त्व है।

 

गुप्त नवरात्री कहने के पीछे कारण:

माघ महीने की नवरात्री को हमारे शास्त्रों में गुप्त नवरात्री के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमे माँ देवी और शिव की उपासना गुप्त रूप से की जाती है। लेकिन यदि हम चैत्र व शारदीय नवरात्री की बात करें तो इस समय सार्वजनिक रूप से माता की भक्ति की जाती है। आषाढ़ महीने की नवरात्री में वामाचार उपासना की जाती है, वहीं माघ महीने की गुप्त नवरात्री में वामाचार पद्धिति को ज्यादा महत्त्व नहीं दिया गया है। शास्त्रों में माघ महीने के शुक्ल पक्ष का विशेष महत्त्व बताया गया है।

शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही देवी सरस्वती प्रकट हुई थी। इसी कारणवश माघ महीने की नवरात्री में सनातन, वैदिक रीती के अनुसार देवी की साधना करने का विधान किया गया है। इस नवरात्री में मुख्यतः सभी साधक गुप्त सिद्धियां पाने के लिए देवी माँ की पूजा करते है।

 

देवी का विशेष भोग:

इन नौ दिनों में विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करने से और उस भोग को पुनः गरीबों में बाँटने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। आइये जाने प्रत्येक दिन किस चीज का भोग लगाएं:

 

प्रथम दिन:

इस नवरात्री की प्रतिपदा तिथि(28 जनवरी) के दिन माता को घी का भोग लगाएं। इससे रोगी को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

 

द्वितीय दिन:

इस दिन माता को शक्कर का भोग लगाएं। इससे उम्र लंबी होती है।

 

तीसरे दिन:

इस दिन देवी को दूध का भोग अर्पण करें और इसे प्रसाद के रूप में सभी को बाटें। इससे दुखों से छुटकारा मिलता है।

 

चतुर्थ दिन:

इस दिन माँ को मालपुआ का भोग लगाएं। इससे सभी समस्याएं समाप्त हो जाती है।

 

पंचम दिवस:

इस दिन देवी माँ को केले का भोग लगाए। इससे घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

 

छटे(षष्टी) दिन:

धन लाभ के लिए ये दिन सबसे खास है। इस दिन देवी माँ को शहद का भोग अर्पण करें। इससे धन लाभ के योग बनते है।

 

सप्तम(सातवें) दिन:

सातवें दिन माँ दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

 

आठवें(अष्टमी) दिन:

देवी माँ को नारियल का भोग अर्पण करें। घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।

 

नौवें(नवमी) दिन:

वैभव व यश प्राप्ति के लिए इस दिन देवी माँ को विभिन्न प्रकार के अनाज का भोग लगाएं। तथा अंतिम दिन नौ कन्याओं को भोजन कराएं।

 

 

ये समस्त जानकारियां शास्त्र के अनुसार है|

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