हमारे भारत मे कई तरह की परंपराएँ और संस्कृति मौजूद हैं| जो हमें सामान्य रूप से धर्म से जुड़ी प्रतीत पड़ती हैं| लेकिन हम आपको बताएँगे की जीतने भी परंपराएँ या संस्कृति हमें भारत मे दिखतें हैं उन सभी के पीछे एक वैज्ञानिक कारण मौजूद हैं| चलिए जाने कौन-कौन से परंपराएँ और संस्कृति हैं जिनके वैज्ञानिक रहस्य हैं|
1) माथे पे कुमकुम या तिलक लगाना:
भारत मे महिलाएँ हो या पुरुष सभी अपने माथे पे कुमकुम या तिलक को लगाते हैं| जब वो पूजा करते हैं या महिलाएँ जब अपने माँग का सिंदूर करती हैं तब वो भी कुमकुम को अपने माथे पे लगाती हैं|
वैज्ञानिक कारण:
आँखों के बीच मे माथे तक एक नस का प्रभाव रहता हैं| कुमकुम या तिलक मे से किसी को भी लगाने से उस जगह की ऊर्जा बनी रहती हैं| दो भौह के बीच जब तिलक को लगाते हैं तो उस वक्त अंगूठे या अंगुली से उसके मध्य प्रेशर पड़ता हैं, जिस कारण चेहरे की त्वचा को रक्त प्रदान करने वाली मांसपेशी सक्रिय हो जाती हैं| जिससे चेहरे की कोशिकाओं तक अच्छे तरीके से रक्त का प्रभाव होता हैं|
2) कन छिदवाने की परंपरा:
भारत के सभी धर्मों मे लगभग ये परंपरा चलती हैं| ये परंपरा को अधिक रूप से महिलाएँ ही पालन करती हैं|
वैज्ञानिक रहस्य:
दर्शनशास्त्री का मानना है की इस प्रक्रिया से सोचने की शक्ति बढ़ती हैं| जबकि डॉक्टरों के मुताबिक इससे बोली अच्छी होती हैं और कानों से होकर दिमाग़ तक जाने वाली नस का रक्त संचार नियंत्रित रहता हैं|
3) ज़मीन पे बैठकर खाना:
ज़मीन पे बैठकर खाना हमारे पूर्वजों के समय से ही चला आ रहा हैं| और आज भी मंदिरों या किसी ऐसे जगह जहाँ प्रसाद खिलाया जाता हैं वहाँ पे भी लोग ज़मीन पे बैठ कर खाते हैं| और अगर आप डाइनिंग टेबल पे बैठकर खाते हैं तो आज से आप ज़मीन पे बैठकर खाना शुरू कर दे| क्योंकि ये ना सिर्फ़ हमारी संस्कृति है बल्कि इसके पीछे बहुत सारे वैज्ञानिक कारण है:
वैज्ञानिक रहस्य:
- पाचन के लिए फ़ायदेमंद:
ज़मीन पे जब भी आप बैठते हैं तब आप पालथी मारकर बैठते हैं जो योग मे सुखासन और पद्मासन की अवस्था होती हैं और जब आप खाना खाने के लिए झुकते हैं और सीधा होते हैं तब इस पूरी प्रक्रिया मे पेट की मांसपेशियों का कसरत होती है जिससे पेट मे उपस्थित असिद का निर्माण होता हैं और इससे पाचन शक्ति बढ़ती हैं|
- वजन नियंत्रण में रहता है-
जब आप सुखासन में यानी पालती मारकर बैठते हैं, तो आपका दिमाग अपने आप शांत हो जाता है और बेहतर ढंग से भोजन पर ध्यान केंद्रित कर पाता है। साथ ही सुखासन में बैठकर खाने पर आप जरूरत से ज्यादा खाने से बचते हैं।
- रक्तचाप में कमी-
इस तरीके से बैठने से आपकी रीढ़ की हड्डी के निचले भाग पर जोर पड़ता है, जिससे आपके शरीर को आरामदायक अनुभव होता है। इससे आपकी सांस थोड़ी धीमी पड़ती है, मांसपेशियों का खिंचाव कम होता है और रक्तचाप में भी कमी आती है।
4) हाथ जोड़कर नमस्ते करना:
भारतीय संस्कृति मे आए हुए मेहमानों का हाथ जोड़कर स्वागत किया जाता हैं| लेकिन इसके पीछे भी एक वैज्ञानिक कारण है|
वैज्ञानिक रहस्य:
जब हम दोनों हाथों को जोड़कर वंदन करते हैं तब सभी सभी उंगलियों के शीर्ष एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और उन पर दबाव पड़ता है। एक्यूप्रेशर के कारण उसका सीधा असर हमारी आंखों, कानों और दिमाग पर पड़ता है, ताकि सामने वाले व्यक्ति को हम लंबे समय तक याद रख सकें।
6) सूर्य नमस्कार करना:
हिंदू धर्म मे प्रातः कल उठकर सूर्य को जल अर्पण कर उन्हे नमस्कार करने की परंपरा हैं| हिंदू शास्त्रों के अनुसार सूर्य देव को जल अर्पण करने से घर मे सुख सहन्ती बनी रहती हैं और समाज मे सम्मान मिलता हैं| और अगर कुंडली मे सूर्य के अशुभ फल है तो ये ख़त्म हो जातें हैं|
वैज्ञानिक रहस्य:
जब हम प्रातः कल उठकर सूर्य को जल अर्पित करते हैं तो उस वक्त जल के बीच से आने वाली सूर्य की किरणें जब हमारे आँखों तक पहुँचती हैं तब हमारे आँखों की रोशनी बढ़ती हैं| और दूसरी बात प्रातः कल की सूर्य की किरणें हमारे शरीर के लिए अच्छा रहता हैं|
7) सिर पर चोटी या शिखा रखना:
हमारे हिंदू धर्म मे ऋषि-महर्षि सब के सब चुटिया रखते थे| आज भी ये परंपरा है|
वैज्ञानिक रहस्य:
जिस जगह पे चुटिया रखी जाती हैं उस स्थान पे हमारे दिमाग़ की सारी नसें आकर मिलती हैं, जिससे दिमाग़ स्थिर रहता हैं| मनुष्य को क्रोध नही आता हैं और सोचने की शक्ति बढ़ती हैं|
8) चरण स्पर्श करना:
हिंदू संस्कृति के अनुसार जब भी हम किसी बड़े लोगों से मिलते हैं तो उनके चरण छूना अच्छा माना जाता है| हम अपने बच्चों को ये बातें भी सिखाते हैं| ताकि वो अपने से बड़े लोगों का आदर करें|
वैज्ञानिक रहस्य:
जब हम किसी के चरण स्पर्श करते हैं तो एक ऊर्जा का प्रभाव चलता हैं| मस्तिष्क से निकालने वाली ऊर्जा हाथों से लेकर सामने वाले के पैरों से होते हुए एक चक्र को पूरा करती हैं| इसे कॉसमिक ऊर्जा कहा जाता हैं, जिसमे दो तरह की ऊर्जा प्रभावित होती हैं| जो या तो बड़ों के पैरों से लेकर छोटे के हाथों तक जाती हैं और या छोटे के हाथों से होके बड़ों के पैरों तक जाती हैं|
9) विवाहित हिंदू महिलाएं का सिंदूर लगाना:
हिंदू धर्म मे विवाहित हिंदू महिलाएं हमेशा सिंदूर लगाती हैं अपने सिर पे|
वैज्ञानिक रहस्य:
जब सिंदूर को लगते हैं तो उसमे उपस्थित हल्दी, चूना, और मरकरी का मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित रखती हैं तथा इस मिश्रण से यौन उत्तेजना भी बढ़ती हैं| इसलिए विधवा औरतों को सिंदूर लगाना मना किया जाता हैं| इसके मिश्रण से स्ट्रेस कम होता हैं|
10) तुलसी के पेड़ की पूजा :
हिंदू धर्म मे तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। सुख शांति बनी रहती है।
वैज्ञानिक रहस्य –
तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है| इसलिए अगर घर में पेड़ होगा, तो इसकी पत्तियों का इस्तेमाल भी होगा और उससे बीमारियां दूर होंगी|
11) एक ही गोत्र में शादी नही करना :
बहुत से शोध करने के बाद यह बात वैज्ञानिकों को ये बात पता चली कि मनुष्य को जेनेटिक बीमारी न हो इसके लिए एक इलाज है ‘सेपरेशन ऑफ़ जींस’, यानी अपने नजदीकी रिश्तेदारो में विवाह नहीं करना|
रिश्तेदारों में जींस अलग (विभाजन) नहीं हो पाते हैं और जींस से संबंधित बीमारियां जैसे कलर ब्लाईंडनेस आदि होने की संभावनाएं बनी रहती हैं। संभवत: पुराने समय में ही जींस और डीएनए के बारे खोज कर ली गई थी और जिस कारण एक गोत्र में विवाह न करने की परंपरा का निर्माण हुआ|