बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा क्यों की जाती है ?

बसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा क्यों की जाती है ?

माना जाता है की  बसन्त पंचमी के दिन ही माँ सरस्वती का जन्म हुआ था इस दिन माँ  सरस्वती पूजन में आम के मौर का विशेष महत्व होता है माँ सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि प्रदाता भी हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं |

 पुरोहित अभिषेक पंडित जी  के अनुसार श्रद्धालुओं को सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करके माँ सरस्वती का पूजन करना चाहिए। इसके साथ ही पीले मीठे व नमकीन चावल बनाने व खाने की भी परंपरा है।

यह भी माना जाता है कि पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने माँ सरस्वती से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी और तभी से इस वरदान के फलस्वरूप भारत देश में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की भी पूजा होने लगी |

वसंत पंचमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्योहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन स्त्रियाँ पीले वस्त्र धारण करती हैं।

इस साल यह पर्व 29 और 30 जनवरी को मनाया जा रहा है। इस पर्व को मुख्य रूप से बसंत यानि नई फसलों पर फूल आने का दिन माना जाता है

जब फूलों पर बहार आ जाती, खेतों में सरसों का सोना चमकने लगता, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं, आमों के पेड़ों पर मौर आ जाते है और हर तरफ़ रंग-बिरंगी तितलियाँ मँडराने लगतीं। भर भर भंवरे भंवराने लगते। वसंत ऋतु का स्वागत करने के लिए माघ महीने के पाँचवे दिन एक बड़ा जश्न मनाया जाता था जिसमें विष्णु और का महादेव की पूजा होती, यह वसंत पंचमी का त्यौहार कहलाता था। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है।

– Book your pandit ji for any puja service
– Consult with your Pandit Ji free before booking
– 10,000+ Happy Customers
– Call or whatsapp on +91 – 9009444403
– www.mypanditg.com