जानें यमराज के द्वारा बताये गए मृत्यु के पूर्व मृत्यु के ४ संकेतों के बारे में

मृत्यु जिसपे आज तक न ही किसी ने विजय पाया है और न ही उसे हरा पाया है। इस धरती पे जितने भी जिव ने जन्म लिया है या जन्म लेने वाले हैं उन सभी की मृत्यु निश्चित है। इसलिए आज हम मृत्यु से जुड़े कुछ संकेतों के बारे में जानेंगे, जिसे यमराज ने बताया है। जिससे हम खुद जान सकते हैं की हमारी मृत्यु कब होगी।

शास्त्रों में एक पौराणिक कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार अमृत नाम का एक भक्त यमराज की आराधना और साधना करता था क्योंकि वो अपनी मृत्यु से और उसके नाम से बहुत भयभीत रहता था। भक्त अमृत की तपस्या को देखकर यमराज प्रकट होकर भक्त अमृत को वरदान मांगने को कहा।

 

भक्त अमृत ने वरदान स्वरुप अमरता का वरदान माँगा तो तो न्याय देवता यमराज ने कहा जिसने इस धरती पे जन्म लिया है उनकी मृत्यु निश्चित है। जिसने जन्म लिया उनका अंत निश्चित है। यह बात सुनके भक्त अमृत ने कहा यदि मृत्यु को टाला नहीं जा सकता तो इसके संकेत तो मुझे मिलने चाहिए जिससे मैं अपने परिवार के लिए कुछ प्रबंध कर सकूं।

 

तत्पश्च्यात मृत्यु देव ने भक्त अमृत को ये वरदान जरूर देंगे लेकिन जब मृत्यु के संकेत मिलेंगे तब वो भी संसार से विदा लेने की तैयारी करने लगेगा। वरदान को पा के भक्त अमृत ने साधना को त्यागके विलासितापूर्ण जिंदगी जीने लगा क्योंकि उसे याम के वचन याद थे की जब भी मृत्यु आएगी तो उसके संकेत उसे जरूर मिलेंगे। कई साल बीते। धीरे-धीरे अमृत के बाल सफेद होने लगे, उसके दांत टूटने लगे, आँखों की रौशनी चली गयी, लेकिन अभी तक उसे यमराज के संकेतों के बारे में कोई सुचना नहीं मिली। कुछ दिनों के बाद वो अपने विस्तार से उठने में भी असमर्थ हो गया। उसका शरीर बिलकुल लकवाग्रस्त हो गया। लेकिन उसने यम को संकेत न मिलने के लिए उसने यम को धन्यवाद दिया।

 

लेकिन एक दिन यम दूतों ने उसे मृत्यु लोक ले जाने के लिए आये और ये देखकर उसने संकेत को ढूढना शुरू कर दिया। उसने यमराज पे धोका देने का आरोप लगाया। यम ने विनम्रतापूर्वक अमृत से कहा की मैंने तुम्हें ४ संकेत भजे थे, लेकिन तुमने अपने विलास पूर्ण जिंदगी में उन संकेतों के बारे में जान नहीं पाया। उन संकेतों में एक भी संकेतों के बारे में जान नहीं पाए।

 

यमराज के द्वारा बताये गए मृत्यु आने के पूर्व के ४ संकेत:

१) बालों का सफेद होना।

२) दांतों का गिरना पूरी तरह से।

३) आँखो की रौशनी का कम होना।

४) शरीर के अंगों का ठीक से काम न करना या कमर का झुकना।

 

 

ये समस्त जानकारियां पौराणिक कथाओं  के अनुसार है|

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