राहु-केतु दोनों ही ग्रह अगर हमारे कुंडली में हो तो हमेशा हमें परेशनियां ही रहती है। जब भी हमारे कुंडली में उपस्थित सभी ग्रह राहु और केतु के मध्य में आते हैं तो कालसर्प दोष उत्पन्न होता है। इसी दोष के कारण किसी भी कार्य में हमें सफलता नहीं मिलती है। आज हम जानेंगे की किस तरह राहु और केतु के प्रभाव से बचें।
१) प्रत्येक दिन तांबे के लोटे से शिवलिंग को जल चढ़ाएं और चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करें। अगर हो सके तो कम से कम 108 बार इस मंत्र का जप करते हुए जल चढ़ाएं।
२) किसी भी शुभ दिन प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके शिव मंदिर में शिवलिंग पे तांबे का नाग चढ़ाएं।
३) प्रत्येक शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। यदि कला कुत्ता न मिले तो किसी भी कुत्ते को रोटी खिला सकते हैं।
४) सोने -चांदी के दुकान से चांदी के नाग और नागिन का जोड़ा खरीद के उस जोड़े को नदी में प्रभावित कर दे। और इस बाद अपने इष्ट देव(घर के कुल देवता) से प्राथना करें की काल सर्प दोष के प्रभाव से बचाएं।
५) किसी गरीब घर में जा के उन्हें कंबल, काली उड़द का दान करें। कभी भी किसी भी तरह उनका अपमान न करें और हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
ये समस्त जानकारियां जयोतिषीय शास्त्र के अनुसार है परंतु इनको अपनाने से पहले किसी ज्योतिषीय विशेषज्ञ की सलाह लेना आवश्यक है | आपकी कुंडली दिखा कर इन बताये प्रयोगों को करे |
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