जानिए कैसे हुआ माँ दुर्गा का अवतार

नवरात्र त्योहार शुरू हो चूका है  | इस त्योहार में मुख्य रूप से देवी भगवती को उपासना की जाती है | देवी भगवती ने अशुरों का वध करने के लिए कई अवतार लिए | महादुर्गा का अवतार लेजर सबसे पहले महिषासुर का वध किया था | दुर्गा सप्तशती में देवी के अवतार का उल्लेख मिलता है आइये जानते है ….

एक बार महिषासुर नमक असुरों का राजा ने अपने बल और पराक्रम से देवताओ से स्वर्ग छीन लिया | जब सारे देवता भगवान शंकर व विष्णु के पास सहायता के लिए गए | सारी बातें सुनकर भगवान विष्णु और शंकर को गुस्सा आया तब उनके और अन्य देवताओ के मुख से तेज प्रकट हुआ, जो नारी स्वरूप में परिवर्तित हो गया |

शिव के तेज से देवी का मुख, यमराज के तेज से केश, विष्णु के तेज से भुजाएं, चन्द्रमा के तेज से वक्षस्थल,सूर्य के तेज से पैरों की उँगलियाँ, कुबेर के तेज से नाक, प्रजापति के तेज से दाँत, अग्नि के तेज से तीनों नेत्र, संध्या के तेज से भृकुटि और वायु के तेज से कानों की उत्पत्ति हुई |

इसके बाद देवी को शास्त्रों से सुशोभित देवो ने किया | देवताओं से शक्तियां को प्राप्त कर महादुर्गा ने युद्ध में महिषासुर का वध कीर देवताओ कप पुनः स्वर्ग सौंप दिया | महिषासुर का वध करने के कारण ही उन्हें महिषासुरमर्दिनी भी कहा जाता है |

देवताओं ने दिए माँ दुर्गा को शास्त्र- शांति को प्रसन्न करने के लिए देवताओं ने अपनी प्रिय अस्त्र-शस्त्र सहित कई शक्तियां उन्हें प्रदान की | इन सभी शक्तियों को प्राप्त कर देवी माँ ने महाशक्ति का रूप ले लिया |

किस-किस  देवता ने देवी दुर्गा को कौन सा अस्त्र-शस्त्र दिए

. भगवान शंकर ने माँ दुर्गा को अपना त्रिसूल भेंट दिए व अग्निदेव ने अपनी शक्ति प्रदान की |

. भगवान विष्णु ने देवी को सुदर्शन चक्र प्रदान किये |वरुणदेव ने शंख माता को दिए |

. पवनदेव ने माँ को धनुष और बाण दिए | देवराज इंद्र ने देवी को वज्र और घंटा अर्पित किये |

. यमराज ने माँ दुर्गा को कालदंड भेंट किये | प्रजापति दक्ष ने स्फटिक की माला प्रदान किये |

. भगवान ब्रह्मा ने अपनी तरफ से कमंडल दिए और सूर्यदेव ने माँ को अपना तेज प्रदान किये |

. समुद्रदेव ने आभूषण (हार,वस्त्र,चूड़ामणि,कुंडल,कड़े,अर्द्धचंद्र,व रत्नों की अंगूठियां भेंट किये)|

.  सरोवरों ने कभी न मुरझाने वाली कमल की माला माता को अर्पित की | कुबेरदेव ने शहद से भरा पात्र दिया |

. पर्वतराज हिमालय ने माँ दुर्गा को सवारी करने के लिए शक्तिशाली शेर भेंट किये |

 

 

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