२९ मार्च से हिन्दू नव वर्ष की शुरुआत हो चुकी है यानि की विक्रम संवत २०७४ शुरू हो चूका है। मंगल जिसके राजा है(कुछ पंचांग के अनुसार बहुध और कुछ पंचांग में शुक्र को राजा संबोधित किया गया है। ) तथा जिसके मंत्री गुरु है। आइये आज हम जानें हिन्दू नववर्ष के अनुसार हमारी राशियां क्या कहती है?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह वर्ष रेवती नक्षत्र के साथ शुरू हुआ है। जहाँ चंद्र मं राशि में है तथा गुरु इसका स्वामी है।
१) मेष राशि:
मंगल इस राशि का स्वामी तथा राजा मंगल है। इसलिए इस राशि वालों के लिए यह वर्ष वित्तीय तरीकों से शुभ फल प्रदान करने वाला होगा। लेकिन कार्य का बोझ थोड़ा अधिक होगा। इस वर्ष के मंत्री गुरु भी इस राशि के स्वामी के मित्र हैं। इसी कारण से कार्य में आनी वाली रुकावटें समाप्त होंगी।
२) वृष राशि:
ये वर्ष इस राशि वालों के लिए अनुकूल नहीं है। शनि की ढय्या भी रहेगा इस राशि वालों के ऊपर। पारिवारिक रूप से समस्या हो सकती है। कार्य में विलम्भ होगा तथा चिंताएं बढ़ेगी। यदि कोई आय सम्बंधित समस्या है तो उसे सुलझने में थोड़ा समय लगेगा।
३) मिथुन राशि:
इस राशि के स्वामी का शत्रु मंगल इस वर्ष का स्वामी है और इस वर्ष का मंत्री गुरु के सम होने से थोड़ी रहत है इस राशि वालों को। इस राशि वाले कोई भी अपेक्षा ज्यादा न रखें क्योंकि वो बेकर जाएंगी। तथा जितना कार्य को करेंगे उतना ही फल की प्राप्ति होगी। इसलिए अपने कार्य पे ध्यान दें। संतान के द्वारा सुख की प्राप्ति होगी। तथा सभी समस्या ख़त्म होगी लेकिन थोड़ी देरी से।
४) कर्क राशि:
इस राशि वालों के लिए ये नववर्ष अच्छा रहेगा। वर्ष का राजा तथा गुरु परम मित्र है। वर्ष के बीच में राहु ग्रह का प्रवेश होगा, लेकिन नुकसान दायक नहीं होगा। आर्थिक रूप से ये वर्ष अच्छा रहेगा। साल का अंत होते-होते कोई खुश कबरई मिल सकती है।
५) सिंह राशि:
यह वर्ष आपके लिए उत्तम साबित होगा। अपने काम को अच्छे से करें तरक्की की प्राप्ति हो सकती है। आर्थिक समस्या का समाधान होगा। शुख की प्राप्ति होगी।
६) कन्या राशि:
वर्ष के राजा और मानते इस राशि वालों के लिए ठीक नहीं हैं। कार्य में बढ़ बनी रहेगी क्योंकि शनि की ढय्या भी रहेगा। आपके व्यवसाय में व्यय की अधिकता होगी तथा संतान का भरपूर सहयोग मिलेगा।
७) तुला राशि:
इस राशि वालों को काफी मेहनत करना पड़ेगा क्योंकि वर्ष स्वामी और मंत्री का सहयोग इस राशि वालों को नहीं प्राप्त होगा। आय का संतुलन बना रहेगा और उसमें स्थिरता बनी रहेगी। लेकिन परेशां न हो आपके परिवार वालों का सहयोग आपके ऊपर हमेशा रहेगा। शादी-शुदा वाले इस राशि के लोगों को संतान की चिंता बनी रहेगी। तथा दोस्तों से मनमुटाव हो सकता है।
८) वृश्चिक राशि:
वर्ष का स्वामी मंगल ही इस राशि का स्वामी है। तथा हमें पता है इसका मित्र गुरु है। इसलिए ये हिन्दू नववर्ष इस राशि वालों के लिए अच्छा रहेगा। शनि देव का गोचर तो रहेगा लेकिन कुछ समय तक( 21 जून से 26 अक्टूबर तक)। कुछ दिनों तक इसके लिए थोड़ी समस्या आ सकती है।
९) धनु राशि:
वर्ष का राजा मंगल और मंत्री गुरु के होने से सफलता जरूर प्राप्त होगी। अध्यात्म की और क्रियाशील रहेंगे। आपको संतान से सुख की प्राप्ति होगी तथा व्यापर और नौकरी में तरक्की की प्राप्ति होगी।
१०) मकर राशि:
मंगल इस राशि का शत्रु है वहीँ मंत्री गुरु इस राशि का मित्र है। इसलिए किसी भी अच्छे कार्य में सफलता की प्राप्ति होगी तथा अच्चे लोगों का संपर्क बढ़ेगा। लेकिन शनि का साढ़ेसाती का प्रभाव बना रहेगा। नौकरी में स्थान परिवर्तन की संभावनाएं हो सकती है।
११) कुम्भ राशि:
इस राशि का भी शत्रु मंगल है तथा गुरु मित्र। परिवार की तरफ थोड़ा ध्यान बनायें रहें। आय में बढ़ोतरी की संभावनाएं है। यदि आप राजनीती में है, तो उन्हें अपने पद का त्याग करना पद सकता है। नौकरी तथा व्यापर संबंधी परेशानियां नहीं रहेगी। लेकिन, जून से अक्टूबर तक निराश हो सकती है।
१२) मीन राशि:
मंत्री गुरु इस राशि का स्वामी है। इसी कारण से ये वर्ष उत्तम रहेगा। परिवार वालों का सहयोग बना रहेगा। कार्य में सफलता बनी रहेगी। आध्यात्म में रूचि बढ़ सकती है ।
ये समस्त जानकारियां ज्योतिष शास्त्र के अनुसार है|
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