जन्म कुंडली से जानिए दुर्घटना का समय और उससे बचने के उपाय

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दुर्घटनाएँ किसी के भी साथ, कभी भी और किसी भी समय हो सकती हैं| ये आज तक कोई भी नही जनता है की ऐसा क्यों किसी के साथ इतने बड़ी दुर्घटनाएँ होती हैं| आज हम आपको बताएँगे की किस प्रकार आप अपने दुर्घटना के समय के बारे मे जान सकतें हैं| और इनसे किस प्रकार आप बच सकते हैं|

हमारी जन्म कुंडली हमारे बारे मे पूर्ण रूप से सब बता देती हैं| हमारे अतीत, वर्तमान और भविष्य तक की बातें हमसे कहती हैं| हमारे अतीत मे क्या हुआ और भविष्य मे हमारे साथ किस प्रकार की घटना घट सकती हैं और उस घटना का किस प्रकार से हमारे ऊपर प्रभाव होगा ये सब बातें हम अपने कुंडली से जान सकते हैं|

कुंडली को देखना और उसे समझना एक बहुत बड़ा मशक्कत वाला काम होता है| वो इसलिए क्योंकि कभी-कभी कुछ लोगों की कुंडली एक तरह की होती हैं लेकिन उन लोगों का जीवन अलग-अलग होता हैं| कुंडली देखने के लिए ज्योतिष् के ज्ञान की ज़रूरत होती हैं| और अगर एक समान कुंडली मिल जाती है दो लोगों की तो ये सबसे बड़ा अपवाद कहा जाता है| जिस कारण वश कभी-कभी कुछ ज्योतिष् लोग उथले तौर पे देख कर कुंडली बता देते हैं जिस का परिणाम हमेशा ही हानि दायक होता हैं| इस लिए आज के समय मे सभी को थोड़ी बहुत ज्योतिष् का ज्ञान होना ज़रूरी हैं|

 

दुर्घटनाएँ या कोई भी घटना किसी भी तरह की क्यों ना हो इसकी जानकारी हम पहले ही कुंडली को अच्छे से देखकर उसके होने वाले योग के समय को जान सकतें हैं| चलिए किस प्रकार हम अपने किसी भी घटना के बारे मे जाने|

१) सर्वप्रथम अगर आपके कुंडली मे छठा और आठवाँ भाव का स्वामी अगर अशुभ ग्रह के साथ विराजमान हैं तो आप के जीवन मे दुर्घटना या किसी भी तरह की घटना होने के संकेत हैं|

२) आपके किसी भी घटना का संबंध लग्न और लग्नेश से होता हैं| जिसमे लग्न का मतलब शरीर से संबंधित रहता है| और अगर आपके लग्न मे कोई शुभ ग्रह नही हैं तो कोई भी घटना होने संकेत हैं और अगर आपके कुंडली मे मारक ग्रह की स्थिति खराब चल रही है तो आपके जीवन मे कष्ट आने के संकेत की तरफ इशारा करते हैं|

 

अब हम आपको बताएँगे की कौन-कौन  से ग्रह है जो इन सभी बातों का योग बनाते हैं ताकि हमारे जीवन मे दुर्घटनाएँ हो|

– अगर लग्न या दूसरे भाग मे राहु ग्रह और मंगल ग्रह हो तो ये मिलकर दुर्घटना या किसी भी घटना के योग बनते हैं|

– शनि ग्रह इनका नाम से ही लोग डर जातें है और अगर शनि ग्रह और मंगल ग्रह दोनों मिलते हैं तो दुर्घटना होने का योग बनता हैं|

– तीसरे भाव ने अगर शनि या मंगल ग्रह किसी ने भी अपनी स्थिति बना रखी हो तो ये आपके लिए किसी भी होनी के संकेत साबित हो सकते हैं|

– लग्न मे शनि या मंगल दोनो मे से कोई भी स्थित हो तो ये अशुभ होने के संकेत देते हैं|

 

बचने के उपाय:

इस दुनिया मे जो भी आया है उसे अंत मे इस दुनिया से काभ-ना-कभी तो जाना ही है| लेकिन अगर किसी घटना से असमय मृत्यु होती है तो इस शरीर के अंदर उपस्थित आत्मा को सबसे ज़्यादा तकलीफ़ होती हैं और अगर किसी घटना से मृत्यु तो नही होती हैं लेकिन इससे हमारे शरीर मे इतनी शारीरिक पीड़ा होती है की हम सोचते हैं इससे अच्छा तो मृत्यु हो जाती तो अच्छा होता| तो हम अपनी जिंदगी मे ये सारी चीज़ें सोच के रुक तो नही सकतें लेकिन इससे बचने के उपाय ज़रूर कर सकतें हैं| इससे बचने के कुछ ज्योतिष् उपाय निम्न हैं:

 

१) अगर आप हनुमान जी की आराधना करते हैं तो उनकी पूजा करना ही होने वाले अनहोनी को टाल देती हैं| इसके लिए आप हनुमान जी के मंदिर जाकर मिट्‍टी के दिये हनुमान जी के सामने जलाएँ जिसमे चमेली के तेल का प्रयोग किया गया है|

२) अगर आप हनुमान जी के मंदिर जा रहें हैं तो उस मंदिर के पुजारी से अपने हाथ मे लाल मौलि बांधना ना भूलें| मौलि बांधना  शुभ माना जाता हैं| और अगर आप पंछी को लाल मसूर खिलाएँ तो ये भी आपके लिए शुभ माना जाता हैं|

३) नारियल पे मौलि धागा बाँधकर हनुमान जी को चढ़ाएँ और हनुमान जी की पूजा के दौरान लाल पुष्प का प्रयोग करें|

४) अपने घर के सबसे ऊँची जगह (घर का छत) पे लाल झंडा को फहराएँ और तत्पश्चयात एक नींबू पर लाल सिंदूर लगा के  उस नींबू को चौराहा पे फेंक दे|
ये सारे उपाय आपको होने वाले दुर्घटना या किसी भी तरह की घटना को टाल सकते हैं|