सोमप्रदोष पूजा से महालाभ मिलेगा. इस दिन का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि सोम प्रदोष पूजा के साथ चन्द्रमा मेष राशि में भी है. ज्येष्ठ अधिक मास का सोमवार है. त्रयोदशी तिथि भी है, शुभ संयोग बना है. सोम प्रदोष दिवस पर शिव पूजन से चार लाभ मिलता है-धन ऐश्वर्य का लाभ, पति का सौभाग्य जागेगा, आपको भारी सफलता मिलेगी और कन्याओं का विवाह हो जाएगा. सबसे पहले शिव मंदिर पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, चावल और सफ़ेद फूल, तुलसी पत्ते और शहद चढ़ाएं. गर्मी भी है. मिटटी का जल पात्र लेंगें. मटकी, घड़ा या सुराही लेंगे. ठंडा पानी भरकर अगर शिव जी पर चढ़ा दें. हर हर महादेव बोलकर जल चढ़ाएं. शिव जी मनोकामना पूरी करेंगे. ठंडा पानी से राहु केतु और शनि शांत होंगे.
सोमवार प्रदोष की व्रत विधि
सोमवार का व्रत नहाकर शुरू करें.
सुबह गंगाजल डालकर स्नान करें.
सफ़ेद वस्त्र धारण करें.
शिव मंदिर जाकर, शिवजी को चावल, जल, दूध चढ़ाएं
शिवजी के साथ साथ माता गौरी की भी पूजा करें
शिवजी और गौरी को दूध-चावल की खीर का भोग लगाएं.
पति का सौभाग्य जागेगा, पति दीर्घायु होंगे
और आप भी सुखी हो जाएंगे
महिलाएं मासिक शिवरात्रि के अलावा
सोमप्रदोष का व्रत रखें
और मंदिर में शिव लिंग की
ख़ास पूजा करें
सोमवार को शनि का उत्तरा फाल्गुनी
नक्षत्र भी है
शिव लिंग को पहले दही से मलकर स्नान करवाएं
चंदन का तिलक लगाकर
शिवलिंग का श्रृंगार करें
और इसपर शुद्ध शहद से अभिषेक करें
और माँ पार्वती को सुहाग का लाल सिन्दूर
लाल वस्त्र चढ़ाएं
और बेल फल का भोग लगाएं
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