आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने बताए हैं नए साल की शुरुआत में अपने लिए कौन से रिजोल्यूशन लेकर जीवन में शांति और समृद्धि के रास्ते तय कर सकते हैं
प्रत्येक नए वर्ष की शुरूआत में लोग स्वयं व एक दूसरे के लिए खुशी, समृद्धि व शांति की कामना करते हैं, परंतु वास्तव में बहुत कम लोग ही अपने जीवन में शांति को प्राप्त करते हैं। आइए जानते हैं, कैसे केवल सात सरल उपाय अपनाकर आप अपने जीवन को शांत व सरल बना सकते हैं।
स्वयं के लिए समय निकालिए।
अधिकतर ऐसा देखा गया है कि हम अपने जीवन की दिन-प्रतिदिन की विभिन्न क्रियाओं में व्यस्त रहते हैं। इस कारण हमारा प्रत्येक दिन केवल सूचना एकत्रित करने में ही बीतता है। हम स्वयं के लिए सोचने और उस पर अमल करने की बात पर गौर ही नहीं करते और इसी कारण हम स्वयं को थका हुआ महसूस करते हैं। स्वयं के लिए कुछ समय निकालने से जहां हम तरोताजा महसूस करते हैं। वहीं, इससे हमारे जीवन जीने की गुणवत्ता में भी विकास होता है।
जीवन क्षणिक है, इस बात को जानना और समझना
हम जीवन के क्षणभंगुरता का अनुमान अपने चारों तरफ देखकर आसानी से लगा सकते हैं। हमारे जन्म से पहले कितने लाखों साल बीत चुके हैं और हमारे बाद भी कितने ही साल और बीतेंगे। कुछ भी स्थायी नहीं है। यदि हम सार्वभौमिक व व्यापक रूप से देखें तो हम पाएंगे कि जीवन समुद्र की एक बूंद से ज़्यादा कुछ भी नहीं है। इसलिए आंखे खोल स्वयं से यह प्रश्न करना बहुत आवश्यक है कि मैं कौन हूं ? मैं इस ग्रह पर किसलिए हूं ? और मेरे जीवन का उद्धेशय क्या है ?
जब हम जागरूक होंगे तब हम जीवन में छोटी छोटी बातों पर डरना छोड़ देंगे। वास्तव में तभी हम इस जीवन के प्रत्येक क्षण को जीना सीख पाएंगे। जब हम ज्ञान अपनाकर व्यापक तौर पर अपनी जीवन की समीक्षा करते हैं तब ही हम इसकी गुणवत्ता और महत्वत्ता को समझ पाते हैं।
दयालुता के कार्य करना
आप अपने आप से वायदा कीजिए कि आप इस पूरे संसार को अच्छा और जीने योग्य बनांएंगे। अपने जीवन में दयालुता के कार्य कीजिए और वो भी बिना कुछ उम्मीद व अपेक्षा किए। केवल सेवा ही जीवन में शांति ला सकती है। जब आप अपनी सेवा के माध्यम से किसी के जीवन में कुछ राहत व सुकून लाते हैं तो आप अच्छी तरंगों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। जब आप दयालुता का कार्य करते हैं तो शांति व प्यार, जो कि आपका असली स्वभाव है स्वतः ही मुखरित होने लगता है।
अपने गुस्से को महंगा, मुस्कान को सस्ता बनाइए
प्रत्येक दिन, प्रत्येक सुबह आप स्वयं को शीशे में देखिए और नए दिन का एक अच्छी मुस्कान के साथ स्वागत कीजिए। किसी भी हालत में अपनी मुस्कान को अपने से जुदा या अलग मत होने दें। अधिकतर आप अपने गुस्से को तो निःशुल्क बांटते फिरते हैं और मुस्कान छिपाकर रखते हैं, जैसे कि वह बहुत ही महंगी हो। अपने मुस्कान को सस्ता और अपने गुस्से को महंगा बनाइए। आप देखिएगा, जीवन स्वयं ही सरल और शांत हो जाएगा।
ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाना
जब हमारे जीवन का उद्धेशय विशाल व महान होता है तो यह कुछ हद तक हमें बेचैन व तनाव युक्त करता है। पर केवल कुछ मिनट के ध्यान व आत्मपरीक्षण के बाद ही हम अपने जीवन को तनावमुक्त कर सकते हैं। जितना गहरा हम ध्यान में उतरेंगे उतना ही हम अपने जीवन में उर्जा व गतिशीलता ला सकेंगे।
ध्यान क्या है ? उत्तेजना रहित मन। ध्यान में वर्तमान स्थिति में मन का होना। ध्यान में मन का बिना किसी धारण के हिचकिचाहट के होना। मन का स्वयं की ओर लौटना अर्थात शांति और आनंद का होना ही ध्यान है।
सदैव विद्यार्थी रहें
इस बात को सदैव याद रखें कि आप विद्यार्थी हैं। किसी भी व्यक्ति को कम करके न आंकें। ज्ञान आपको कभी भी व किसी भी दिशा से मिल सकता है। प्रत्येक स्थिति व प्रत्येक व्यक्ति हमें अपने जीवन में कुछ न कुछ अवश्य सिखाता है। समस्त संसार ही आपका शिक्षक है। जब आप सदैव सीखने के लिए तैयार रहेंगे तो आप दूसरे को कम करके आंकना छोड़ देंगे। तब ही आपके जीवन में विनम्रता का उदय होगा।
स्वयं को आभारी महसूस करें
हमारा प्रेम व विश्वास बहुत गहरा होना चाहिए। ऐसा होने पर स्वतः ही सब कुछ हमारे जीवन में घटित होने लग जाएगा। मैं धन्य हूं और मुझ पर प्रभु की कृपा सदैव है की भावना आपकी असफलता व कठिन समय में आपकी सहायता कर सकती है। एक बार जब आपको अहसास हो गया कि आप धन्य हैं तो आप अपने जीवन में शिकायतों व असुरक्षा की भावना से दूर हो खुशहाल व शांत जीवन जी सकते हैं
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