शनि जयंती के दिन करें इन पांच जगहों पे दिये को प्रज्वलित, होगी शुभ फल की प्राप्ति

25 मई अर्थात गुरुवार का दिन इस दिन शनि जयंती के साथ-साथ अमावस्या का दिन भी है। अमावस्या के दिन चंद्र देव दिखाई नहीं देते इसलिए इस दिन रात्रि पूरी अंधकारमय होती है। हमारी पुरानी परम्पराओं के अनुसार हमेशा अमावस्या के दिन रात्रि में घर के कुछ मुख्य स्थानों पे दीपक को प्रज्वलित करके रौशनी करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में स्थित नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती। इसलिए आज हम जानेंगे की किन स्थानों पे अमावस्या के दिन दीपक को प्रज्वलित करना चाहिए।

 

दीपक प्रज्वलित करने के स्थान:

१) घर में स्थित मंदिर:

अमावस्या की रात सर्वप्रथम घर के मंदिर में दीपक को प्रज्वलित करें। ऐसा करने से घर में देवी-देवता निवास करते हैं और सुख-समृद्धि बढ़ती है।

 

२) तुलसी के पौधे के समीप:

प्रत्येक दिन तुलसी के पौधे के पास सूर्यास्त के बाद दीपक को प्रज्वलित करना चाहिए। मुख्य रूप से तब जब अमावस्या की रात हो। ऐसा करने से घर में देवी-देवता आकर्षित होते हैं।

 

३) घर का मुख्य द्वार:

घर के मुख्य द्वार पे इस दिन दिए जलायें। शास्त्रों के अनुसार जब दीपक को मुख्य द्वार पे प्रज्वलित किया जाता है तब घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता। तथा सकारात्मकता की बढ़ोत्तरी होती है।

 

४) पीपल के समीप:

यदि घर के समीप पीपल का पेड़ हो तो अमावस्या की दिन रात्रि के समय उसके पास दिये को जलना चाहिए। ऐसा करने से शनि के दोष दूर होते है।

 

५)  घर का छत:

मुख्यता लोग रात्रि के समय घर की छत पे नहीं जाते क्योंकि सामान्यतः छत पे अंधकार होता है। इसलिए घर की छत पे अमावस्या के दिन दीपक को प्रज्वलित करना चाहिए। इससे नकारात्मकता ख़त्म होती है।

 

ये समस्त जानकारियां शास्त्र के अनुसार है|

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