हर व्यक्ति मन की शांति चाहता है, लेकिन यह एक व्यक्ति के लिए मुश्किल है की वह मानसिक संतुलन की ऐसी हालत प्राप्त कर ले जो उसे शांति का जीवन व्यतीत करने दे| मन की शांति हम सभी के लिए एक दूर का स्वप्न है। इसका कारण क्या है? आदर्श शांति के बाद लोगों के लालायित होने का कारण यह है की वो शुद्ध शांति-एक गैर-शांति की वस्तुओं के सभी प्रकार से मुक्त है |
लेकिन इस तरह की पूर्ण शांति की प्रकृति के के पास है ही नहीं| चलिए हम गुलाब का सादृश्य लेते हैं। गुलाब एक बहुत ही सुंदर फूल है, लेकिन उसका तना हर तरफ से कांटों से भरा हुआ है। दरअसल, काँटे गुलाब के पौधे का एक अभिन्न अंग हैं| एक कवि ने ठीक ही कहा है कि काँटे फूल के लिए उसकी सुरक्षा प्रहरि की तरह कार्यकरते है| उसकी उर्दू लाइनों का अनुवाद है: “अगर काँटे रेशम की तरह हो जाए तो फूल की सुरक्षा असंभव हो जाएगी” इसलिए फूल को कांटों के साथ रहना होना होता है| कठोर कांटों का नरम फूलों के साथ-साथ होना यह दर्शाता है की शांतिपूर्ण वस्तुओं के साथ साथ अशांति भी होना चाहिए| एक शांतिपूर्ण मन, मानव स्वभाव का एक बहुत कीमती पहलू है और इसकी उदात्त गुणवत्ता बनाए रखने के लिए सुरक्षा की जरूरत है|
मनोविज्ञान के अध्ययन में पता चलता है कि एक शान्त मन बहुत जल्द ही स्थिर(प्रवाहहीन) हो जाता है| वह अपनी रचनात्मकता को खो देता है| इसी वजह से प्रकृति हमेशा लोगों को चुनौतीपूर्ण स्थितियों में डालती है| यह अशांत मनोस्थिति ही दिमाग के लिए एक चुनौती के रूप में कार्य करती है| यह एक शांतिपूर्ण मन की रचनात्मकता के कभी समाप्त ना होने कि गारंटी देता है| एक रचनात्मक दिमाग हमेशा फुरतीला रहता है।
यह एक आम घटना है कि जो समृद्धि में पैदा होता है ओर एक समस्या मुक्त जीवन जीता है, बहुत जल्द ही उनके मन सुस्त होते जाता है ओर जो एक समस्याओं और कठिनाई भरे माहोलमें पैदा होता है, उसका मस्तिस्क सक्रिय रहता है| इस तरह के एक व्यक्ति रचनात्मक सोच को विकसित करते है और उनका बौद्धिक विकास निर्बाध जारी रहता है।
मनुष्य के मन में लगातार चुनौतियों की जरूरत है। चुनौती से निपटने के माहौल में, यह तब तक बढता जब तक यह एक उत्तम-मस्तिस्क नही हो जाता है। दूसरी ओर, जिस वातावरण में कोई चुनौती नहीं है, मानव मन धीरे- धीरे एक अविकसित संयंत्र की तरह हो जाता है, और यह अल्प विकास की स्थिति मे सिकुड़ता चला जाता है|
शांति एक सुयम से तैयार होने वाली वस्तु नहीं है। इसे सुयम से प्राप्त किया जाता है| सकारात्मक तर्ज पर एक दिमाग़ को विकसित करने के लिए आपका पर्याप्त बुद्धिमान होना अनिवार्य है, ताकि आप अवांछित परिस्थितियों के साथ कारगर ढंग से निपटा सके| एक शांतिपूर्ण मन, एक सकारात्मक मन का ही दूसरा नाम है।
ब्रिटिश लेखक सॅम्यूल स्माइल्स ने कहा है की “यह आसान नहीं है, लेकिन सुविधा नहीं प्रयास एवं कठिनाई ही हमे मनुष्य बनाती है| यह एक तथ्य है कि आसानी और सूबिधा निरंतर बौद्धिक विकास के लिए बाधाएं हैं, जबकि प्रयास और क़ठिनाइया बुद्धि को तेज़ करने वाले पत्थर की तरह हैं।