सूर्य साक्षात परमात्मस्वरूप हैं| शास्त्र एक स्वर से इनकी वंदना, अर्चना को मानव क परम कर्तव्य बतलते हैं| सूर्य से ही सभी रितुएँ होती है| सूर्य को ही कालचक्र का प्रणेता और प्रणवरूप माना गया है| सूर्य से ही सभी जीवन उत्पन्न होते हैं| सभी योनियों मे जो जीव हैं, उनका आविर्भाव, प्रेरणा-पोषण आदि सब सूर्य से होते हैं और अंत मे सभी जीव उन्ही मे विलीन हो जाते हैं| इसलिए उनकी उपासना करनी चाहिए| भगवान सूर्य का गायत्री मंत्र यह है-:
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