सफलता के लिए समय पर सही निर्णय लेना जरूरी है. सफलता और असफलता में निर्णय लेने की कुशलता का बड़ा महत्व है. ऐसे में आज गुरूजी विनोद भारद्वाज बता रहे हैं क्यों जरूरी है सही निर्णय लेना. साथ ही वे बताएंगे कौन से हैं वे लोग जो समय पर सही निर्णय नहीं ले पाते.
ये लोग सही निर्णय नहीं ले पाते-
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- जिन लोगों का मुख्य ग्रह कमजोर होता है वो सही निर्णय नहीं ले पाते हैं.
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- जिन लोगों का चंद्रमा खराब होता है वो सही निर्णय नहीं ले पाते हैं.
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- ऐसे लोगों के निर्णय लेने की क्षमता में आत्मबल की कमी होती है.
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- चंद्रमा खराब होने पर दूसरों की सलाह झूठी लगती है.
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- चंद्रमा खराब होने पर व्यक्ति बड़ा निर्णय लेने में तनाव में आ जाता है.
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- चंद्रमा खराब होने पर व्यक्ति जीवनसाथी तक की सलाह पर शक कर सकता है.
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- चंद्रमा खराब होने पर व्यक्ति बिना जरूरत के निर्णय बदलते रहता है.
अच्छे निर्णय लेने के उपाय –
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- जिनकी बृहस्पति या चंद्रमा मजबूत हैं उनसे सलाह लेकर निर्णय करने से लाभ होता है.
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- ध्यान करने से निर्णय की क्षमता विकसित होती है.
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- जब भी दुविधा में हो तो उत्तर-पूर्व के मध्य की ओर मुंह करके ऊं का जप करें.
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- ईश्वर को आराध्य मानकर आत्मबल से निर्णय लें.
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- कोई बड़ा निर्णय लेना हो तो गुरु के शरण में जाएं.
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- निर्णय लेने में दिक्कत आती है तो मौन रखा करें.
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- दिन में निर्णय लेने से से पहले गहरी सांस लें, बाएं नथुने से सांस भरते समय लिया गया निर्णय सही होता है.
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- रात में निर्णय लेने से पहले गहरी सांस लें, दाएं नथुने से सांस भरते समय लिया गया निर्णय सही होता है.
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- निर्णय लेते समय मन को शांत रखें.
गलत निर्णय से बचने का उपाय –
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- क्रोध और धैर्यहीनता में निर्णय ना लें.
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- मेष, मिथुन, कन्या, मीन लग्न में बड़ा निर्णय ना लें.
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- बड़ा निर्णय वृषभ, सिंह और वृश्चिक लग्न में लें.
गलत निर्णय की रेखाएं-
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- अगर हथेली की अपेक्षा उंगलियां छोटी हो तो आपका निर्णय सही नहीं होगा.
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- अगर उंगलियां हथेलियों की अपेक्षा ज्यादा बड़ी हो तो निर्णय सही नहीं होगा.
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- अगर अंगूठा छोटा हो तो निर्णय बहुत गलत सिद्ध होता है.
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- अगर अंगूठा आगे की ओर झुका रहता है तो निर्णय गलत होते हैं.
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- अगर आपका उंगलियां पतली हो और आगे की तरफ झुकी हो तो व्यक्ति निर्णय लेने में सक्षम नहीं होता.
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- अगर बृहस्पति की उंगली से सूर्य की उंगली छोटी हो तो निर्णय लेने का साहस नहीं होता है. ऐसे लोगों को नियमित गायत्री का यज्ञ करना चाहिए. ऐं क्लीं नमस चंडिकाये का जप करें. ध्यान करें.
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