हर व्यक्ति पांच तत्वों तथा नौ ग्रहों से नियंत्रित होता है. हर तत्व की एक विशेषता होती है और जब यही तत्व प्रधान हो जाता है तो व्यक्ति के अन्दर खास गुण पैदा हो जाता है. अगर केवल ग्रहों का साथ हो तो व्यक्ति परिश्रम से खास बनने की कोशिश करता है. जबकि अगर केवल तत्वों का साथ हो तो व्यक्ति खास स्थितियों में जन्म लेता है परन्तु उसका प्रयोग नहीं कर पाता.
अगर व्यक्ति के अन्दर खास बात हो और साथ में ग्रहों का साथ मिल जाए तो व्यक्ति अपनी विशेषता से महान बन जाता है. बिना किसी खास बात या विशेषता के किसी व्यक्ति का जन्म नहीं होता, इसलिए हर व्यक्ति को अपनी विशेषता पहचानने का प्रयास करना जरूर करना चाहिए.
किस तरह जानें कि आप के अन्दर कौन सी खास बात है. अपनी कुंडली का या हस्तरेखाओं का गंभीर अध्ययन और विश्लेषण कराएं ताकि आपको ये पता लग सके कि आपका जीवन किस दिशा की ओर जा रहा है. अपनी प्रवृत्तियों और आदतों को देखें ताकि आप अपने मन को समझ सकें. आपका पसंदीदा रंग, आपका पसंदीदा खाना भी काफी हद तक ये बता सकता है कि आप अपने किस गुण के कारण खास बन सकते हैं.
जो गुण या ज्ञान आपको बिना किसी विशेष मेहनत के मिला है वो आपको खास बना सकता है. अगर आपका झुकाव किसी विशेष उपलब्धि की ओर है और उसको पाने में मुश्किल आ रही है तो ये चीज भी आपको खास बना सकती है.
कौन सा ग्रह किस प्रकार खास बनाता है या किस प्रकार की ताकत देता है?
– सूर्य – शासन, राजनीति और नेतृत्व का खास गुण देता है.
– चन्द्रमा- कला, चिकित्सा, जनकल्याण और शासन की खासियत देता है.
– मंगल- शौर्य, साहस, तकनीक और नवीन कार्य करने की ताकत देता है.
– बुध- वाणी, प्रखरता, चालाकी और धूर्तता की शक्ति देता है.
– बृहस्पति- ज्ञान, वैराग्य, धर्म और न्याय का खास गुण देता है.
– शुक्र- सौंदर्य, वैभव, मान-सम्मान और चिकित्सा का गुण देता है.
– शनि- अनुशासन, न्याय, व्यवस्था, लोगो की चिंता करने का गुण देता है, कभी-कभी अपराध भी देता है.
– राहु-केतु- अभिनय, संचार, गुप्तचर, नए अनुसंधान और षड़यंत्र की खासियत देता है.
किस तरह अपनी खासियत को (ताकत) निखार कर, सफलता प्राप्त करें?
– अगर ग्रह की नकारात्मकता प्रभावशाली है तो उस ग्रह के स्वभाव को छोड़ने का प्रयास करें.
– अगर ग्रह सकारात्मक रूप से आपको ताकत दे रहा है तो उसके अनुसार आचरण करें.
– शुभ और सकारात्मक कार्य में अगर बाधा आ रही हो तो कार्य को और भी तीव्र गति से करें.
– नित्य प्रातः नवोदित सूर्य को सादा जल अर्पित करें.
– प्रातः अपने माता पिता का चरण स्पर्श करें और अपने सर पर उनके हाथ से आशीर्वाद लें.
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