Mata ki chowki is a little part of “Mata Ka jagran”. It is a religious program done during the evening time, for threehours on any day from 7pm onwards to 10pm. The Mata ki Chowki can be done on any occasion like engagement, birthday, anniversary, wedding (marrige), barsi, mundan, kua poojan, or is done for rescuing from pain and misery or removing any kind obstacles in their life etc. Most of the people host Mata ki Chowki during Navratri, Durga pooja, Kartik Mass, Ganesha mahotsav, and all different festivals.We begin Chowki with Ganpati, Navgrah and Mataji’s Pooja Abhishekh. First we light the Mataji’s Akhand Jyot with chanting of Langar Vira ,then we begin Mataji’s Bhents (Devotional songs) one by one those who prefer to sing. Then comes an providing of Garlands and Matajis Bhet (Colored Chunni, coconut, fruits, and Shingar Matirail along with some Bheta (in Cash).
माता की चौकी “माता का जागरण” का एक छोटा हिस्सा है। यह एक धार्मिक कार्यक्रम है जो शाम के समय के दौरान, शाम 7 के बाद से रात 10 तक किसी भी दिन तीन घंटे के लिए किया जाता है। माता की चौकी सगाई, जन्मदिन, शादी की सालगिरह, शादी (शादी), बरसी, मुंडन, कुआ पूजन के अवसर पर किया जा सकता है, या अपने जीवन में से दर्द और दुख से बचाव या किसी भी तरह की बाधाओं को दूर करने के लिए यह कार्यक्रम किया जाता है। बहुत से लोग माता की चौकी नवरात्रि, दुर्गा पूजा, कार्तिक मास, गणेश महोत्सव, और सभी विभिन्न त्योहारों के दौरान करते हैं। हम चौकी गणपति, नवग्रह और माताजी की पूजा अभिषेक के साथ शुरू करते हैं। पहले हम माताजी के अखंड ज्योत प्रकाशमय करते हैं, लंगर वीरा के जप के साथ , तत्पश्च्यात हम माताजी के गान(भक्ति गीत) शुरू करते हैं, एक के बाद एक, जो लोग गाना पसंद करते हैं। उसके बाद फूलों कि माला ओर कुछ भेंट(रंगीन चुन्नी, नारियल, फल, और सिंगार के सामान के साथ कुछ भेंट(कैश) प्रदान किया जाता है।
Then we do Ardass done by a lover who has kept this Mata Ki Chowki, no matter he has to provide in cash or in kind and sangat (Gathering on Chowki). Then we provide Bhog Prasad to Mataji of Kheer, or whatever offered by devotee. Then follows Amrit Varkha and Phoolon ki varkha of Flowers & Petals.
तो फिर हम अरदास करते है जो माता के भक्त के द्वारा किया जाता है जो इस माता की चौकी को रखता है, कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो नकद रुपए या वस्तु और संगत (चौकी पर सभा) प्रदान करता है। फिर हम खीर का भोग या जो भी भक्त द्वारा की पेशकश किया जाता है उसका भोग प्रसाद के रूप में माताजी को प्रदान करते हैं। फिर फूल और पंखुड़ियों की अमृत वरखा होती है।
At last Mataji’s Aarti and a few shlokas, after this we distribute Prasad to all and complete the Mata Ki Chowki, with samapti.
अंत में माताजी की आरती और कुछ श्लोक होते हैं, इस के बाद हम सभी को प्रसाद वितरित करते हैं और समाप्ति के साथ माता की चौकी पूरा करते हैं।
Benefits of arranging Mata ki Chowki ( माता की चौकी की व्यवस्था के लाभ )
Mata ki chowki will soothe the issues with certain nakshatras and earn you the protection against inequality and financial condition. Jagran performed as a region of pre-wedding ceremony helps in guaranteeing compatibility within the union of 2 souls. It’s performed one night before the wedding event to confirm prosperity, elation and fertility.
माता की चौकी शांत करेगी नक्षत्रों कि समस्या को और आप सुरक्षा अर्जित करेंगे असमानता और वित्तीय स्थिति के खिलाफ। जागरण शादी समारोह के पूर्व किया जाता है, जो 2 आत्माओं के मिलन में निश्चित मदद करता है। यह रात में शादी समारोह के पूर्व रखा जाता है समृद्धि, उत्साह और प्रजनन शक्ति को मजबूत करने के लिए।