वट अमावस्या के पूजन की प्रचलित कहानी है उस कहानी के अनुसार सावित्री अश्वपति की कन्या थी, उसने सत्यवान को पति रूप में स्वीकार किया था। सत्यवान जंगल में लकड़ियां काटने के लिए जाता था। सावित्री अपने नेत्रहीन सास-ससुर की सेवा करने के बाद में सत्यवान के पीछे जंगल में चली जाती थी।

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