आप अपनी मौजूदा नौकरी -व्यापार से संतुष्ट ना हों,सैलरी अच्छी ना हो. बॉस का रवैया पसंद ना हो या प्रमोशन नहीं हो रहा हो. काम का बहुत बोझ हो या बॉस छुट्टी देना नहीं चाहता हो या फिर आपका टारगेट पूरा ना हो रहा हो. बॉस रोज आपको झाड़ता हो तो आप दूसरी अच्छी नौकरी की तलाश करोगे. आपका व्यापार नहीं चल रहा है. घाटे और कर्ज़ से परेशान हैं. मार्केट डाउन है मुनाफा नहीं हो रहा है तो आपको ये उपाय करने चाहिए.

सूर्य बुध वृष राशि में है. चन्द्रमा वृश्चिक राशि में है. सूर्य बुध और चन्द्रमा का समसप्तक योग बना है. इस संयोग में उपाय करने से लाभ होगा.

नौकरी-व्यापार बदलने के उपाय करें

बुधवार  का व्रत करें या चन्द्र पूजा करें

चंद्रमा को जल दूध का अर्घ्य दें

सुबह तांबे के लोटे से सूर्य को जल दें

तांबे के लोटे में लाल मिर्च बीज और लाल सिंदूर डालें

बुधवार  को हरे  वस्त्र जरूर पहनें.

अपनी मौजूदा नौकरी बदलना चाहते हैं तो क्या करें

जब तक नई नौकरी पक्की ना हो. न्यू अपॉइंटमेंट लेटर ना मिल जाय

तब तक पुरानी नौकरी ना छोड़ें

तब तब पुराने ऑफिस में झगड़ा या गुस्सा ना करें

मन लगाकर काम  करें –कलीग से नौकरी की कमियां ना निकालें

मीटिंग में आपकी बात ना सुनी जाय तो भी कभी ना झल्लाएं

नई नौकरी के ऑफर के लिए चुपचाप उपाय करें

नौकरी का कारक ग्रह शनि होता है

लगातार  शनि पूजा करें

शनि मन्दिर में काले तिल और सरसों तेल चढ़ाएं

गरीब को भोजन कराकर दुआएं लें

सरसों तेल का काजल बनाकर अपनी आखों में लगाएं

शनिवार को काले वस्र पहनें

नया व्यापार शुरू करने के लिए क्या करें?

आप अपने पुराने व्यापार से संतुष्ट नही होते है

आपकी लगाए धन अनुसार मुनाफ़ा  नही मिलता  है

उधारी और क़र्ज़ बढ़ रहा है

काम भी आप सबसे ज्यादा करते हो

मुनाफे के नए व्यापार  शुरू करने के लिए उपाय

नौकरी व्यापार में बरकत के लिए क्या करें

तिजोरी या अलमारी  हरे रंग से  रंग लो

तिजोरी या अलमारी  में लाल कपड़ा बिछाकर

गणेश लक्ष्मी जी की स्थापना करो

उपाय

गणेश  चालीसा का पाठ करो

बुधवार  को अपने  मुख्य दरवाजे पर तिल के तेल  का दीपक जलाओ

गणेश  जी को लडडू  का प्रसाद चढ़ाओ.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


प्यार या शादी  कर रहे हैं, प्यार हो चुका है या शादी हो चुकी है तो उसका मूलांक नंबर पता कर लें. मूलांक से किसी व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है. अगर आपको मूलांक निकालना नहीं पता है तो बता दें कि मूलांक जन्म तिथि को जोड़ने से मिलता है. जन्म तिथि 3 है तो मूलांक 3 होगा , अगर जन्मतिथि 15 है तो मूलांक 6 होगा. हम मूलांक अनुसार स्वभाव को समझकर अपनी मुश्किलें कम कर सकते हैं.

मूलांक 1 — यह सूर्य प्रधान व्यक्ति होते है

दिमाग के बहुत तेज़ होते है , स्वतंत्रता प्रिय व्यक्ति होती है

इनकी  सिर्फ  मूलांक 1 , 2 ,3 ,7 ,9 से पटती है.

उपाय- रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएं.

मूलांक 2- यह चन्द्र प्रधान व्यक्ति होते हैं.

दोस्त या जीवनसाथी का मददगार और  परवाह करने वाले होते हैं.

जल्दी समझौता कर लेते है सिर्फ 2, 3, 7 ,9 से पटती है

जल्दी धोखा नहीं करते हैं.

उपाय- सोमवार को दूध का दान करें.

मूलांक 3- यह गुरु प्रधान व्यक्ति होते हैं.

ज़रूरत से ज़्यादा चालाक और बहुत बोलते हैं. 2, 3 7 और 9 से पटती है

उपाय- गुरूवार को हल्दी का तिलक लगाएं.

मूलांक 4- यह राहु प्रधान व्यक्ति होते हैं

धोखा देने वाले होते हैं, इन पर विश्वास ना करें

मूलांक 4, 5 ,6 , 8 से पटती है.

उपाय- शनिवार को बरगद या पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं.

मूलांक 5- यह बुध प्रधान व्यक्ति होते हैं

अच्छे बुद्धिमान और  तुरंत फैसला लेते हैं.

अपना भला सोचते हैं. 1, 4 ,5, 6 ,8 से पटती है

उपाय- बुधवार को दूर्वा घास अपने पास रखें.

मूलांक 6-  यह शुक्र प्रधान व्यक्ति होते हैं.

दिल फेंकू रोमांटिक और खुश रहने वाले व्यक्ति

होते हैं और सुंदरता के पीछे भागते हैं, धोखा दे सकते हैं

इनकी सिर्फ 4, 5, 6 और 8 वालों से पटती है

उपाय- शुक्रवार को गुलाबजल डालकर मुंह धोएं.

मूलांक 7-  यह केतु प्रधान व्यक्ति होते हैं

ये बहुत ज्यादा वफादार नहीं होते हैं.

इनकी 1 ,2 ,3 7 और 9  पटती है

उपाय- मंगलवार को कुत्ते को बिस्कुट खिलाएं.

मूलांक 8- यह शनि प्रधान व्यक्ति होते हैं.

इनको काम करने की बुरी लत होती है , अपने प्यार

या जीवन साथी का साथ नहीं देते है

इनकी सिर्फ 4 ,5 ,6 8 से पटती है

उपाय- शनिवार को काली उड़द दान करें.

मूलांक 9- यह मंगल प्रधान व्यक्ति होते हैं

अनुशासन को मानने वाले ,रौबीले व्यक्ति होते हैं

आत्मविश्वास बहुत होता है ,सच्चे दोस्त या जीवन साथी होते हैं

कभी धोखा नहीं देते हैं लेकिन बचके रहना -राहु की दृष्टि मंगल पर है

इनकी 1 ,2 ,3 ,7 ,9  से पटती है

उपाय- लाल वस्त्र पहनें.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


लोगों का ऐसा मानना है कि हर व्यक्ति के एक ईष्टदेव या देवी होते हैं. इनकी उपासना करके ही व्यक्ति जीवन में उन्नति कर सकता है. इनका निर्धारण लोग कुंडली के आधार पर करते हैं. वास्तव में ग्रहों का और ज्योतिष का ईष्टदेव से सम्बन्ध नहीं होता है. आपके ईष्टदेव या देवी का निर्धारण आपके जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से होता है. बिना किसी कारण के ईश्वर के जिस स्वरुप की तरफ आपका आकर्षण हो, वही आपके ईष्ट देव हैं. ग्रह कभी भी ईश्वर का निर्धारण नहीं कर सकते. ग्रहों की समस्या को दूर करने के लिए विशेष देवी देवताओं की उपासना की जा सकती है.

किस ग्रह की समस्या के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?

– सूर्य के लिए या तो सूर्य की ही उपासना करें

– या गायत्री मंत्र की साधना करें

– चन्द्रमा के लिए भगवान शिव की उपासना करना उत्तम होगा

– मंगल के लिए कुमार कार्तिकेय या हनुमान जी की उपासना करें

– बुध के लिए माँ दुर्गा की उपासना करें

– बृहस्पति के लिए श्रीहरि की उपासना करें

– शुक्र के लिए माँ लक्ष्मी या माँ गौरी की उपासना करें

– शनि के लिए श्रीकृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें

– राहु के लिए भैरव बाबा की उपासना करें

– केतु के लिए भगवान गणेश की उपासना करें

अपनी विशेष समस्याओं के लिए किस देवी देवता की उपासना करें?

– मानसिक समस्याओं के निपटारे के लिए शिवजी की उपासना करें

– शारीरिक दर्द और चोट चपेट की समस्या के लिए हनुमान जी की उपासना करें

– शीघ्र विवाह के लिए पुरुष माँ दुर्गा उपासना करें

– शीघ्र  विवाह के लिए स्त्रियां भगवान शिव की उपासना करें

– बाधाओं के नाश के लिए भगवान गणेश की पूजा करें

– धन के लिए माँ लक्ष्मी की उपासना करें

– मुक्ति मोक्ष या आध्यात्मिक उपलब्धि के लिए भगवान कृष्ण या भगवान शिव की उपासना करें

किस देवी या देवता की उपासना सबके लिए उत्तम है?

– शरीर और मन शुद्ध रखने के लिए सूर्य की उपासना सर्वोत्तम है

– हर व्यक्ति को नियमित रूप से सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए

– या उगते सूर्य की रौशनी में खड़ा होना चाहिए

– इससे शरीर में स्थिति नाड़ियों और ग्रहों को पर्याप्त ऊर्जा मिलती है

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


हर ग्रह शरीर के किसी खास हिस्से से सम्बन्ध रखता है. इसके अलावा शरीर के किसी तत्व को भी प्रभावित करता है. अगर कोई ग्रह कमजोर हो जाता है तो शरीर के उस हिस्से में समस्या आ जाती है.

किसी ग्रह के खराब होने पर शरीर का तत्व बिगड़ जाता है और शरीर में लम्बे समय तक के लिए समस्या पैदा हो जाती है. ग्रहों के स्वभाव, रंग और तरंग को समझकर हम अपनी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं.

हड्डियों के रोग के पीछे कौन सा ग्रह होता है?

– हड्डियों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदारी सूर्य की होती है.

– अगर सूर्य कुंडली में कमजोर है तो हड्डियों की समस्या होगी ही.

– इसके अलावा चन्द्र और बृहस्पति भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं.

– शनि के कारण भी हड्डियों की समस्या होती है, और यह सबसे ज्यादा गंभीर होती है.

अगर सूर्य के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– सूर्य के कारण आम तौर पर रीढ़ की हड्डी की औए पीठ दर्द की समस्या होती है.

– इसके कारण सर्वाइकल और स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या जल्दी हो जाती है.

– इसके कारण व्यक्ति को बार-बार चक्कर आते हैं और आलस्य छाया रहता है.

– सूर्य के कमजोर होने पर हड्डियों की मजबूती भी कम हो जाती है.

उपाय

– नित्य प्रातः सूर्य को, रोली मिला हुआ, जल अर्पित करें.

– लोटे के किनारे लगी हुयी रोली का तिलक लगाएं.

– घर के ऐसे कमरे में रहें, जहां सूर्य का पर्याप्त प्रकाश आता हो.

चन्द्रमा के कारण हड्डियों की समस्या के उपाय क्या हैं?

– इसके कारण शरीर में कैल्शियम कम हो जाता है अतः हड्डियों में दर्द होता रहता है.

– चन्द्रमा के कारण आम तौर पर शरीर में दर्द स्थिर नहीं रहता.

– शरीर में हर जगह दर्द होता रहता है.

– आम तौर पर हड्डियों में अकड़न सी बनी रहती है.

उपाय

– हरी इलाइची का चूर्ण सुबह-सुबह शहद के साथ ग्रहण करें.

– प्रातःकाल नाश्ते के साथ दूध जरूर पियें, रात को दूध पीने से बचें.

– चांदी का मोटा सा छल्ला दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण करें.

बृहस्पति के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– बृहस्पति के कारण शरीर में फैट बढ़ जाता है.

– मोटापे की वजह से पैरों में खास समस्या हो जाती है.

– इसके कारण घुटने, पंजों और और पिंडलियों में समस्या बनी रहती है.

कहीं इस गलती की वजह से तो नहीं झड़ रहे हैं आपके बाल?

उपाय

– ऐसी दशा में एकादशी का व्रत जरूर रखें.

– भोजन में हल्दी और दालचीनी का प्रयोग जरूर करें.

– स्वर्ण और पीला रंग कम से कम धारण करें.

शनि के कारण हड्डियों की समस्या हो तो क्या उपाय करें?

– शनि के कारण हड्डियों के साथ-साथ, स्नायु तंत्र की समस्या भी हो जाती है.

– शनि के कारण दुर्घटना में हड्डियों की समस्या हो जाती है.

– इसके कारण जो भी हड्डियों के रोग होते हैं वो लम्बे समय तक चलते हैं.

– कभी-कभी पक्षाघात के कारण भी समस्या हो जाती है.

रिश्ते से खुश नही हैं तो करें ये 3 काम!

उपाय

– ऐसी दशा में शनिवार शाम को छाया दान करें

– रोज प्रातः एक बार हनुमान बाहुक का पाठ करें

– माह में एक बार हनुमान जी का पूर्ण श्रृंगार जरूर कराएं

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


धन और वैभव की कामना हर इंसान के मन में होती है और इसे पाने के लिए वो लगातार प्रयास भी करता है लेकिन हर किसी के जीवन में मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उनको प्रसन्न करना जरूरी है और ये भी कहा जाता है कि धन की ये देवी आसानी से प्रसन्न नहीं होती हैं. आइए जानते हैं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए घर में किन पांच चीजों को जरूर रखना चाहिए.

शंख-

– शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का ढांचा होता है.

– पौराणिक रूप से शंख की उत्पत्ति समुद्र से मानी जाती है.

– कहीं-कहीं पर इसको लक्ष्मी जी का भाई भी मानते हैं.

– कहते हैं जहां शंख होता है वाहन लक्ष्मी जरूर होती हैं.

– मंगल कार्यों के अवसर पर और धार्मिक उत्सवों में इसको बजाना शुभ माना जाता है.

– शंख कई प्रकार के होते हैं पर मुख्य रूप से बाईं ओर खुलने वाले   (वामावर्ती) शंख प्रचलन में दिखते हैं.

– मध्यावर्ती शंख और दक्षिणावर्ती शंख दुर्लभ होते हैं और इनका प्रयोग विशेष लाभदायक माना जाता है.

– पूजा के स्थान पर सफेद रंग का शंख रखने और प्रयोग करने से लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

गुलाब-

– गुलाब की सुगंध और गुलाब का फूल दोनों ही मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं.

– नियमित रूप से मां लक्ष्मी को इत्र या गुलाब अर्पित करने से कारोबार अच्छा होता है.

– गुलाब की पंखुड़ियों से मां लक्ष्मी का अभिषेक करने से कर्ज दूर होते हैं

– हर शुक्रवार को मां लक्ष्मी को गुलाब की माला अर्पित करने से दरिद्रता का नाश होता है.

स्फटिक की माला-

– स्फटिक, शुक्र ग्रह से संबंध रखता है और वैभव का प्रतीक है.

– मां लक्ष्मी के मन्त्रों का जाप स्फटिक की माला से ही करना चाहिए.

– मां लक्ष्मी को भी स्फटिक की माला अर्पित करनी चाहिए और स्वयं भी धारण करना चाहिए.

– इससे दैनिक जीवन में धन आता रहेगा.

घी का दीपक-

– मां लक्ष्मी की पूजा के समय घी का दीपक जलाना चाहिए.

– यह दीपक चार मुखी हो तो अत्यंत उत्तम होगा.

– इसे सफेद धातु या मिट्टी के दीपक में प्रज्ज्वलित करें.

– शाम के समय पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाने से घर में धन की बर्बादी नहीं होती.

श्रीहरि विष्णु-

– मां लक्ष्मी की कृपा बिना श्री हरि के नहीं मिल सकती.

– घर के मुख्य पूजा स्थान पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का चित्र या मूर्ति स्थापित करें.

– नियमित रूप से इनकी उपासना करें.

– घर में रहने वाले सभी लोगों को धन का लाभ होगा और आपसी सौहार्द बना रहेगा.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


पांच तरह की विशेष चीज़ों को मिलाकर पंचामृत का निर्माण किया जाता है. वे चीजें हैं – दूध, दही, मधु, शक्कर, घी. अलग अलग तरह से पंचामृत देवी देवताओं को अर्पित करने और निर्माण करने की परंपरा है परन्तु मुख्य रूप से श्री हरि की पूजा में इसका विशेष प्रयोग होता है. बिना पंचामृत के श्री हरि या इनके अवतारों की पूजा नहीं हो सकती. पंचामृत के विशेष प्रयोग से तमाम समस्याएँ दूर की जा सकती है.

पंचामृत में पड़ने वाली चीज़ों का महत्व क्या है?

दूध

– शरीर को पुष्ट करता है

– शरीर के अन्दर के विष को दूर करता है

– मन को शांत करके तनाव दूर करता है

दही

– पाचन तंत्र मजबूत करता है

– एकाग्रता को बेहतर करता है और सुख की वृद्धि करता है

– त्वचा और चेहरे को कांतिवान बनाता है

मधु (शहद)

– शरीर से अतिरिक्त चर्बी हटाता है

– आध्यात्म भाव को और धर्म के प्रति झुकाव को मजबूत करता है

– परिवार के लोगो  के साथ सम्बन्ध मजबूत करता है

शक्कर

– ऊर्जा का स्तर बनाये रखता है , आलस्य कम करता है

– वाणी को मधुर करता है और अनुशासित रखता है

– नींद की समस्या को दूर करता है

घी

– शरीर को बल और पुष्टि देता है

– हड्डियों को मजबूत बनाये रखता है

– नेत्र ज्योति बनाये रखता है

किस प्रकार करें पंचामृत का प्रयोग?

– पंचामृत का निर्माण सूर्यास्त के पूर्व करें

– दूध के लिए गाय का दूध प्रयोग करना ज्यादा उत्तम होगा

– पंचामृत बन जाने के बाद इसमें तुलसी दल और गंगाजल भी डालें

– अगर  शालिग्राम है तो उसे पंचामृत में स्नान कराएँ

– अन्यथा एक चांदी का सिक्का डालें, और भाव लें की इसके माध्यम से श्री हरि को स्नान करा रहे हैं

– अब श्री हरि को स्मरण करके पंचामृत ग्रहण करें

– पंचामृत दोनों हाथों से ग्रहण करें

– इसको भूमि पर न गिरने दें

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


धर्म शास्त्रों में रावण को प्रकांड पंडित और कई शास्त्रों का जानकार बताया गया है। रावण ज्योतिष विद्या में भी महान ज्ञानी था उसने ज्योतिष और तंत्र शास्त्र संबंधी ज्ञान के लिए रावण संहिता की रचना की थी। रावण संहिता में रावण ने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ बाते बताईं हैं।

-जो व्यक्ति अपनी स्तुति करता है या फिर दूसरों से अपनी प्रशंसा सुनने का आदी हो जाता है उसे सफलता नहीं मिलती।

-जो व्यक्ति किसी विषम परिस्थिति के बीच में अपने गुरु को छोड़ देता है वह शापित हो जाता है।

-जो व्यक्ति दूसरों की संपत्ति या समृद्धि देखकर जलता है  वह व्यक्ति इस दुनिया में एक गरीब के बराबर माना जाता है और अगले
जन्म में उसे संकट का सामना करता है।

-किसी भी व्यक्ति को हमेशा अपने आपको विजेता नहीं मानना चाहिए भले ही आप हमेशा से जीतते आ रहा हो।

-रावण ने हनुमानजी को छोटा समझने की भूल की थी जिसके कारण सोने की लंका राख हो गई थी, इसलिए कभी भी अपने
दुश्मन को छोटा या कम शक्तिशाली नहीं समझना चाहिए।

-हमेशा अपने पूर्वजों को सम्मान दे और पूजा के दौरान इनका ध्यान रखने वाला व्यक्ति जीवन में कभी असफल नहीं हो सकता।

-किसी विवाहित पुरुष को अपनी पत्नी के लिए कोई कठोर और दुर्भावनापूर्ण शब्द नहीं निकलना चाहिए। पत्नी आपका आधा हिस्सा
है और आप उनके शुभचिंतक।

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


घर का मुख्य द्वार बहुत महत्वपूर्ण होता है. मुख्य द्वार से लक्ष्मी जी सम्पन्नता सुख समृद्धि और खुशहाली आती है. मुख्य द्वार गड़बड़ हो, वास्तु अनुसार अनुकूल ना हो तो दरिद्रता, बीमारी, गरीबी, क़र्ज़ संकट और दुश्मनी घर में घुसती है. आइए जानते हैं मुख्य द्वार का वास्तु कैसा होना चाहिए…

मुख्य द्वार पर गणेश जी रखें. रंगोली बनानी चाहिए. फूलों का गुलदस्ता रखें. घंटी लगाएं. सुन्दर परदे लगाएं. दरवाजे सुन्दर रंग के हों. काले-नीले ना हों.

दरवाजे  पर लाल सिंदूर से बाहर त्रिशूल, स्वास्तिक, ॐ लिखें. इससे घर में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.

उत्तर दिशा में मुख्य द्वार हो तो

यह दिशा बहुत शुभ होता है

मुख्य द्वार पर शुक्रवार को पीले गेंदे फूल की माला टांग दें

गणेश जी की फोटो लगाएं

घर के मुख्य द्वार को सौभाग्यशाली बनाएं

मुख्य द्वार का मुहं उत्तर पूर्व या दक्षिण पूर्व हो तो

बहुत अच्छा नहीं माना जाता है

गुरुवार और मंगलवार को दरवाजे के अंदर

एक पात्र में गुलाब की पंखुड़ियां पानी में भिगोकर रखें

एक पानी से भरा घड़ा दरवाजे के पास रखें

मुख्य द्वार पर लाल सिंदूर लगाकर रखें

सुख समृद्धि आएगी

दरवाजे का मुख दक्षिण पश्चिम हो या उत्तर पश्चिम दिशा में खुलता हो तो

बुधवार या सोमवार को उपाय करें

एक क्रिस्टल बॉल टांग दें या कृष्ण जी को चढ़ाकर एक बांसुरी टांग दें

शुक्रवार को मुख्य द्वार पर गुलाबजल वाला जल छिड़कें

मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा में हो तो शुभ  माना जाता है

सुख समृद्धि के लिए उपाय  कर सकते हैं

किसी रविवार को एक जटावाला पानीवाला नारियल

लाल कपड़ा लपेटकर मुख्य द्वार पर टांग दें

हर महीने नारियल बदलते रहें

रविवार को  मुख्य द्वार पर तिल  तेल का दीपक जलाएं

दरवाजे का मुख पश्चिम दशा में हो तो शुभ नहीं  माना जाता है

इसका उपाय करें

सोमवार को दरवाजे पर लाल धागे में पांचमुखी

रुद्राक्ष टांग दें —दरवाजा लाल रंग से रंग  दें

दरवाजा दक्षिण की तरफ हो तो शुभ नही माना जाता है

दरवाजे पर मंगलवार को काले धागे में  एक निम्बुं और सात हरी मिर्च टांगें

हनुमान जी का मुखौटा लगाकर रखें

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


राहु और केतु को नवग्रहों में छाया ग्रह कहा जाता है. सूर्य और चन्द्रमा के कटाव बिन्दुओं से इनका निर्माण होता है. सूर्य और चन्द्रमा पर ही जीवन आधारित है अतः इनके कटाव बिन्दु भी काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं. इनका प्रभाव अत्यन्त रहस्यमयी होता है और अक्सर समझ नहीं आता.

राहु पूरी तरह से नकारात्मक ग्रह होता है और नुकसान ही पहुंचाता है. ये छाया की तरह हर ग्रह के प्रभाव को कमजोर कर देता है. ये जीवन के जिस भाग पर असर डालता है उसमें विचित्र तरह की समस्या हो जाती है.

राहु किस तरह व्यक्ति के आहार-विहार पर असर डालता है?

– राहु व्यक्ति के अन्दर नकारात्मक ऊर्जा भर देता है.

– व्यक्ति की सोच, खान-पान आदि दूषित हो जाते हैं.

– ऐसे लोग फास्ट फूड, शीतल पेय और नशे के आदी हो जाते हैं.

– इनकी जीवनचर्या बिल्कुल अनिश्चित होती है.

इस असर को समाप्त करने के उपाय-

– नित्य प्रातः ब्रश करने के बाद तुलसी के पत्ते खाएं.

– स्नान के बाद सफेद चन्दन मस्तक, कंठ और नाभि पर लगाएं.

– भोजन हमेशा पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें.

राहु व्यक्ति के काम और रोजगार पर किस तरह असर डालता है?

– ऐसे लोग आकस्मिक धन कमाने के चक्कर में रहते हैं.

– लॉटरी, शेयर बाजार और जुए-सट्टे में लग जाते हैं.

– इन्हे इलेक्ट्रिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, तकनीक और शराब आदि के व्यवसाय में भी देखा जाता है.

– काम कुछ भी हो पर इन्हे बार-बार उतार चढ़ाव और बदलाव का सामना करना पड़ता है.

उपाय-

– शनिवार को पिंजरे में कैद पक्षियों को आजाद करवाएं.

– गले में तुलसी की माला धारण करें.

– घर और दुकान में से अनुपयोगी वस्तुओं को हटा दें.

राहु पारिवारिक जीवन पर कैसे असर डालता है?

– पारिवारिक जीवन अच्छा नहीं होता, अक्सर विवाह तनाव का कारण बनता है.

– एक से ज्यादा विवाह होने की सम्भावना होती है, विवाहेत्तर सम्बन्ध भी हो जाते हैं.

– पारिवारिक संपत्ति या तो नहीं मिलती या मुकदमों में फंस जाती है.

– संतान उत्पत्ति में देरी होती है और एक संतान समस्या का कारण बनती है.

उपाय-

– नित्य प्रातः सूर्य को जल अर्पित करें.

– सूर्यास्त के बाद राहु के मन्त्र “ॐ रां राहवे नमः” का 108 बार जाप करें.

– हर सोमवार को सफेद चन्दन शिवलिंग पर लगाएं.

राहु किस तरह की बीमारियां देता है?

– त्वचा और मुंह के गंभीर रोग होने की सम्भावना.

– मूत्र रोग और कल्पना की बीमारियां.

– ऐसे लोगों को बड़ी बीमारियों के होने का वहम होता रहता है.

– कोई भी ऐसी बीमारी जो पकड़ में न आ रही हो.

उपाय-

– नीले धागे में बांधकर चन्दन गले में धारण करें.

– पीले रंग का रुमाल साथ में रखें.

– भोजन में दूध और दूध से बनी हुई चीजें जरूर ग्रहण करें.

– नित्य प्रातः और सायं 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


चन्दन एक खास तरह की सुगन्धित लकड़ी है. इसकी सुगंध बेमिसाल होती है. जैसे-जैसे इसका पौधा बढ़ता है, वैसे ही इसके तने और जड़ों में सुगन्धित तेल का अंश भी बढ़ने लगता है.

इसकी लकड़ी का उपयोग मूर्तिकला, साज-सज्जा के सामान, सुगन्धित पदार्थ आदि बनाने में होता है. मुख्यतः चन्दन दो प्रकार का होता है- लाल और सफेद, दोनों का ही खूब प्रयोग किया जाता है.

चन्दन का धार्मिक महत्व क्या है?

– हिन्दू धर्म में चन्दन को अत्यंत पवित्र माना जाता है.

– पूजा के हर कार्य में चन्दन की लकड़ी, चन्दन का लेप और चन्दन के इत्र का प्रयोग किया जाता है.

– शिवलिंग का अभिषेक भी चन्दन से करने की परंपरा पाई जाती है.

– श्री हरि और उनके अवतारों के लिए सफेद चन्दन का लेपन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.

– हालांकि देवी की उपासना में लाल चन्दन ज्यादा प्रयोग होता है.

– बौद्ध धर्म में चन्दन के प्रयोग से ध्यान करने की परंपरा बताई गई है.

– ज्योतिष में ग्रहों की समस्या के समाधान के लिए भी चन्दन का प्रयोग किया जाता है.

चन्दन का आयुर्वेदिक और वैज्ञानिक प्रयोग क्या है?

– चन्दन से आयुर्वेद में तमाम तरह की औषधियां बनाई जाती हैं.

– चन्दन के चूर्ण को कुछ विशेष तरह के पदार्थों में मिलाकर आयुवृद्धि की औषधियां बनाई जाती हैं.

– ह्रदय रोग, त्वचा के रोग और मानसिक रोगों में चन्दन के तेलों का खूब प्रयोग होता है.

– सुगंध चिकित्सा और पंचकर्म में भी चन्दन का प्रयोग किया जाता है.

तिलक लगाने में चन्दन का किस तरह प्रयोग करें कि लाभ हो?

 – चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिस लें.

– पहले अपने इष्ट को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं.

– फिर स्वयं को मस्तक, कंठ और नाभि पर तिलक करें.

– देवी की उपासना में लाल और अन्य में सफेद चन्दन का प्रयोग करें.

मानसिक शान्ति, एकाग्रता और मानसिक रोगों से रक्षा के लिए चन्दन का प्रयोग कैसे करें?

– चन्दन का असली इत्र ले लें.

– रोज प्रातः स्नान के बाद दोनों हाथों की कलाइयों पर लगाएं.

– ह्रदय के बीचों बीच भी लगाएं.

– रोज पूजा के समय चन्दन की सुगंध वाली धूप बत्ती जलाएं.

अगर राहु-केतु परेशान कर रहे हों तो चन्दन के प्रयोग से कैसे लाभ होगा?

– चन्दन का एक छोटा सा टुकड़ा ले लें.

– इसे नीले कपडे में रखकर लाकेट की तरह बना लें.

– शनिवार की शाम को इसे लाल धागे में गले में धारण करें.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


आप हमेशा चाहते हैं कि आपका ऑफिस खूब चले, कभी बंद ना हो. आपके ऑफिस में खूब काम हो और धन आये तो इसके लिए आपको वास्तु का ध्यान रखना पड़ेगा. ऑफिस का कमरा वर्गाकार या आयताकार होना चाहिए. ऑफिस का दरवाजा भी पूरब या उत्तर की तरफ खुलना चाहिए, इन सभी बातोें का आपको ध्यान रखना होगा.

आइए जानते हैं कि आपके ऑफिस का वास्तु कैसा हो

एक आकर्षक साइन बोर्ड मेटल प्लास्टिक का लगा सकते हैं.

कलर ब्लू, ब्लैक या ग्रे ना हो

बोर्ड में  लाल केसरिया पीला ,गुलाबी  कथई या सफ़ेद रंग का प्रयोग करें

ऑफिस के मुख्य द्वार का रंग भी ऐसा ही हो

ऑफिस द्वार के सामने काला ब्लू या ग्रे कलर ना हो

फ़ाइल की अलमारी दक्षिण या पश्चिम हो

कम्प्यूटर ईशान कोण में ना रखें –आग्नेय कोण यानी

दक्षिण पूर्व दिशा में रखें किचेन ,पेंट्री या कैंटीन

दक्षिण पूर्व दिशा में होना चाहिए

कोई भी टॉयलेट पूर्व ,उत्तर पूर्व ईशान कोण में ना रखें

ऑफिस में बड़े अधिकारी का कमरा कैसा होना चाहिए-

बड़े अधिकारी का कमरा दक्षिण या पश्चिम होना चाहिए

उत्तर पूर्व में टॉयलेट ना हो

पूर्व उत्तर कोने में भगवान जी को रखें

मार्केटिग या सेल्स वाले उत्तर पश्चिम वायव्य कोण में बैठें

केशियर  उत्तर दिशा में बैठे -जहां सब पर नज़र रखें

ऑफिस के रंग कैसा होना चाहिए-

ऑफिस की दीवारों का रंग हल्का हो

परदे  टेबल क्लॉथ सब हलके रंग के हों

ऑफिस में हिंसक पशु पक्षी की मूर्ती फोटो ना हो

उदासी भरे ,रोते हुए ,डूबता सूरज या जहाज

ठहरे पानी की पेंटिंग्स या निराश करनेवाली चीज ना रखें

हर दीवार पर भगवान की फोटो या कलेंडर ना लगाएं

हँसते ,खिलखिलाते लोगों ,बच्चों या  खिलाडियों ,अच्छे नेताओं

महापुरुषों की फोटो लगाएं

प्रेरणा देनेवाले वाक्य लिखकर टांग दें .

ऑफिस में सफाई रोज होनी चाहिए-

ऑफिस में बंद पड़ी घड़ी ,टेलीफोन

फैक्स ,स्कैनर ,फोटोकॉपी मशीन ,या अन्य

गंदी या बंद चीजें ना रखें

टूटी क्रॉकरी ,टूटा शीशा या रद्दी आदी ना रखें

ऑफिस की सफाई रोज होनी चाहिए.

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)


शंख का हमारे धर्म में बड़ा महत्तव होता है. शंख मुख्य रूप से एक समुद्री जीव का ढांचा होता है. पौराणिक रूप से शंख की उत्पत्ति समुद्र से मानी जाती है और कहीं कहीं पर इसको लक्ष्मी जी का भाई भी मानते हैं. कहते हैं जहाँ शंख होता है वहां लक्ष्मी जरूर होती हैं. मंगल कार्यों के अवसर पर और धार्मिक उत्सवों में भी इसको बजाना शुभ माना जाता है.

घर में पूजा-वेदी पर शंख की स्थापना की जाती है. हमेशा ध्यान रहे कि शंख को दीपावली, होली, महाशिवरात्रि, नवरात्र, रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य नक्षत्र आदि शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाना चाहिए

वैज्ञानिक रूप से शंख का क्या महत्व है?

विज्ञान के अनुसार शंख की ध्वनि महत्वपूर्ण होती है

वैज्ञानिकों के अनुसार शंख-ध्वनि से वातावरण का परिष्कार होता है.

इसकी ध्वनि के प्रसार-क्षेत्र तक सभी कीटाणुओं का नाश हो जाता है.

शंख में थोडा सा चूने का पानी भरकर पीने से कैल्शियम की स्थिति अच्छी हो जाती है

शंख बजाने से ह्रदय रोग और फेफड़ों की बीमारियाँ होने की सम्भावना कम हो जाती है

इससे वाणी दोष भी समाप्त होता है

शंख कितने प्रकार का होता है और इनकी अलग अलग महिमा क्या है ?

शंख कई प्रकार के होते हैं और सभी प्रकारों की विशेषता एवं पूजन-पद्धति भिन्न-भिन्न है

शंख की आकृति के आधार पर सामन्यतः इसके तीन प्रकार माने जाते हैं

ये तीन प्रकार के होते हैं – दक्षिणावृत्ति शंख, मध्यावृत्ति शंख तथा वामावृत्ति शंख

भगवान् विष्णु का शंख दक्षिणावर्ती है और लक्ष्मी जी का वामावर्ती

  वामावर्ती शंख अगर घर में स्थापित हो तो धन का बिलकुल अभाव नहीं होता

इसके अलावा महालक्ष्मी शंख , मोती शंख और गणेश शंख भी पाया जाता है

सामान्य रूप से कैसे करें शंख का प्रयोग?

सफ़ेद रंग का शंख ले आयें

इसको गंगाजल और दूध से धोकर शुद्ध कर लें

इसके बाद गुलाबी वस्त्र में लपेट कर पूजा के स्थान पर रखें

प्रातः और सायं काल पूजा के बाद तीन तीन बार इसको बजाएं

बजाने के बाद इसको धोकर पुनः वहीँ रक्खें

शंख के प्रयोग में क्या सावधानियां रखें?

शंख को किसी वस्त्र में या किसी आसन पर ही रक्खें

प्रातःकाल और संध्या काल में ही शंख ध्वनि करें , हर समय शंख न बजाएं

शंख को बजने के बाद धोकर ही रखें, अपना शंख किसी और को न दें और न ही दूसरे का शंख प्रयोग करें

अगर आप किसी भी प्रकार की जानकारी चाहते है तो संपर्क करे हमारे विशेषज्ञ पंडित जी से | अगर किसी भी तरह की परेशानी है, जिस से आप मुक्ति चाहते है,या आपके जीवन, कुंडली से सम्बंधित जानकारी चाहते है, तो सलाह ले हमारे जाने माने ज्योतिषीय सलाहकारों से कॉल करे (Call Us) +91 9009444403 या हमे व्हाट्सएप्प (Whatsapp) पर सन्देश (Message) भेजे एवं जानकारी प्राप्त करे |

नोट:- सलाह शुल्क सिर्फ ५०० रुपये| (Consultancy Fee Rs 500)