जनेऊ संस्कार, हिन्दू धर्म के १६ संस्कारो में से एक जो सभी संस्कारो में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। यह परंपरा धार्मिक दर्ष्टि से ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दर्ष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। जनेऊ एक ऐसी परंपरा है, जिसके बाद कोई भी पुरुष पारम्परिक तौर से किसी भी पूजा या धार्मिक कामों में भाग ले सकता है। वेदों में भी जनेऊ पहनने की हिदायद दी गई है। प्राचीन काल में जनेऊ पहनने के बाद ही शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिलता था। जनेऊ संस्कार को ही ‘उपनयन’ संस्कार कहते है। ‘उपनयन’ का अर्थ है, पास या निकट ले जाना मतलब ब्रम्हा (ईश्वर) और ज्ञान के पास ले जाने से है।
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