Welcome to Simhasth Kumbh Mahaparv Ujjain 2016

The Simhastha Kumbh is an unrivalled celebration in India. The most popular legend regarding the origin of Kumbh Melas is the Samudra Manthan or ‘churning of the ocean’. Gods and demons competed ercely in the churning in search of the divine nectar of immortality. During this epic battle to capture the Urn (Kumbh) containing the nectar, drops of the precious liquid fell on four places – Haridwar, Prayag (Allahabad), Nashik and Ujjain. Hence, river Kshipra became the enhancer of life and to celebrate this event since then the grand festival came in vogue. Kumbh Mela, is held once every twelve years at these four places and attracts millions of devotees.

Know More About Simhasth

About Ujjain

The ancient city of Ujjain lies on the banks of river Kshipra. The number of temples in Ujjain, it is popularly held, is so large that if one comes here with two cartloads of grain and oers only one handful at each temple, one would still run short of oerings. Legend has it that Ujjain is one of the saptapuris, or the seven holy cities of India that grant moksha or liberation from the cycle of birth and death. Ujjain hosts the Simhastha, as the Kumbh Mela is known here, every 12 years, the latest of which was in 2004. For centuries, people have been thronging the ghats on the Kshipra not only for holy baths but also to perform life-cycle rituals. The most important ghat is Ram Ghat where every evening a spectacular ritual, Sandhya Aarti, is held. Priests gather at sundown to worship the sacred river with owers, incense, sandalwood and vermillion.

How to reach Ujjain
Simhasth Mahakumbh

वायु सेवा द्वारा

उज्जैन के शहर के सबसे पास इन्दौर का देवी अहिल्याबाई होलकर हवाई अड्डा है जो यहाँ से 55कि.मी की दूरी पर स्थित है। निजी और सार्वजनिक घरेलू विमान सेवाओं के माध्यम से इन्दौर हवाई अड्डा भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा है। पर्यटक उज्जैन तक आने के लिए इन्दौर हवाई अड्डे से टैक्सी भी ले सकते हैं। इन्दौर से उज्जैन तक आने के लिए यात्री बस भी ले सकते हैं।

ट्रेन द्वारा

उज्जैन जंक्शन रेलवे स्टेशन उज्जैन का मुख्य रेलवे स्टेशन है जो भारत के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा है। पर्यटक उज्जैन से इंदौर, दिल्ली, पुणे, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जम्मू, भोपाल, जयपुर, वाराणसी, गोरखपुर, रतलाम, अहमदाबाद, बड़ौदा, ग्वालियर, हैदराबाद, बैंगलोर और अन्य कई बड़े शहरों के लिए सीधी रेलगाडि़याँ ले सकते हैं।

सड़क मार्ग

यह शहर भली प्रकार से राज्य सड़क परिवहन की सार्वजनिक बसों द्वारा जुड़ा है। भोपाल (183  किमी), इन्दौर (55  किमी), अहमदाबाद (400 किमी) तथा ग्वालियर (450  किमी) से उज्जैन के लिए नियमित बसें उपलब्ध हैं। इसके अलावा इन मार्गों पर पर्यटक नियमित रूप से डीलक्स एसी और सुपरफास्ट बसों का लाभ उठा सकते हैं।

इन्दोर और भोपाल से दूरी

Via Road

इन्दोर से दूरी – 56 Km ( 1 hour 30 minutes )
भोपाल से दूरी – 191 Km (  3 hour 10 minutes via NH 86  )

Famous Mandir To Visit in Ujjain

श्री महाकालेश्वर मन्दिर

mahakaleshwar tample

उज्जैन के अधिपति भगवान शिव की महिमा यहाँ के कण-कण में विराजमान हैं। भारत के हृदयस्थल मध्यप्रदेश के उज्जैन में पुण्य सलिला शिप्रा के तट के निकट भगवान शिव ‘महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग’ के रूप में विराजमान हैं।

श्री कालभैरव मन्दिर

आठ भैरव की पूजा शैव परंपरा का एक हिस्सा है और इनमें से काल भैरव को प्रधान माना जाता है। कहते हैं कि क्षिप्रा के तट पर काल भैरव के मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने करावाया था।

हरसिद्धि मन्दिर

उज्जैन के प्राचीन पवित्र स्थलों की आकाशगंगा में यह मन्दिर एक विशेष स्थान रखता है। यह मंदिर देवी अन्नपूर्णा को समर्पित है जो गहरे सिंदूरी रंग में रंगी है। देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति देवी महालक्ष्मी और देवी सरस्वती की मूर्तियों के बीच विराजमान है।

मंगलनाथ मन्दिर

अंकपात के निकट क्षिप्रा तट के एक टीले पर मंगलनाथ का मन्दिर है। मंगलेश्वर का भव्य मन्दिर क्षिप्रा तट पर स्थित है। मंदिर के निकट क्षिप्रा का विशाल घाट है। पौराणिक परंपरा से यह मान्यता है कि उज्जैन मंगलग्रह की जन्मभूमि है।

श्री चिंतामण गणेश मन्दिर

ganesh mandir

आठ भैरव की पूजा शैव परंपरा का एक हिस्सा है और इनमें से काल भैरव को प्रधान माना जाता है। कहते हैं कि क्षिप्रा के तट पर काल भैरव के मंदिर का निर्माण राजा भद्रसेन ने करावाया था।

त्रिवेणी नवग्रह

शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट पर नवग्रह का यह मन्दिर यात्रियों का प्रमुख केन्द्र है। त्रिवेणी घाट के पास क्षिप्रा नदी पर खान नदी से संगम है. इस नदी का नाम पास ही इन्दौर नगर में बाणगंगा है।

सिंहस्थ कुम्भ महापर्व उज्जैन 2016 – प्रस्तावित स्नान तिथियां

पर्व का आरंभ स्नान

चैत्र शुक्ल 15, दिनांक 22 अप्रैल, 2016 (शुक्रवार)

व्रतपर्व वरुथिनी एकादशी व्रत

वैशाख कृष्ण 11, दिनांक 3 मई, 2016 (मंगलवार)

स्नानपर्व

वैशाख कृष्ण 30, दिनांक 6 मई, 2016 (शुक्रवार)

स्नानपर्व अक्षय तृतीया

वैशाख शुक्ल 3, दिनांक 09 मई, 2016 (सोमवार)

शंकराचार्य जयंती

वैशाख शुक्ल 5, दिनांक 11 मई, 2016 (बुधवार)

वृषभ संक्रान्ति पर्व

वैशाख शुक्ल 9, दिनांक 15 मई, 2016 (रविवार)

मोहिनी एकादशी पर्व

वैशाख शुक्ल 11, दिनांक 17 मई, 2016 (मंगलवार)

प्रदोष पर्व

चैत्र शुक्ल 15, दिनांक 22 अप्रैल, 2016 (शुक्रवार)

Important Contacts for Simhasth 2016

Mr. Ravindra Pastor

Divisional Commissioner
0734-2511671

Mr. Kavindra Kiyawat

Collector Ujjain
0734-2514000

Mr. Avinash Lavania (IAS)

Simhasth Mela Officer
9009100172

V.Madhukumar

IG Ujjain
704910031

Rakesh Gupta

DIG Ujjain
9425108714

Manohar Singh Verma

SP Ujjain
0734-2527130